गरीबी (Poverty) पर छोटे व बड़े निबंध [Long & Short essay Writing on Poverty in Hindi]
# 1. गरीबी पर निबंध-Essay on Poverty in Hindi
प्रस्तावना: गरीबी एक ऐसी दर्दनाक स्थिति है जहाँ मनुष्य हर चीज़ के लिए बेबस और लाचार होता है। वह संसार की तीन ज़रूरी चीज़ो को पाने में असमर्थ है। वह है खाना , वस्त्र और मकान। पूरा दिन मज़दूरी करने के बाद भी भरपेट खाना उन्हें नहीं मिलता है। तेज़ धूप और तेज़ बारिश से बचने के लिए उनके पास एक छत नहीं होती है। सर्दी के दिनों में उन्हें तन ढकने के लिए कपड़े तक नसीब नहीं होते है। गरीबो का परिवार अपने बच्चो को शिक्षा नहीं दिलवा पाता है। शिक्षा की कमी के कारण उनका मानसिक विकास नहीं होता है। उनके सोचने समझने की कोई शक्ति नहीं होती है। पर्याप्त भोजन ना मिलने के कारण उनका शारीरिक विकास नहीं हो पाता है।
हर रोज बढ़ती हुयी देश की जनसंख्या “गरीबी” बढ़ाने का प्रमुख कारण है। सरकार के पास इतनी योजनाएं नहीं है कि वह देश के सभी लोगो को मकान , खाना और शिक्षा जैसी चीज़ें प्रदान कर सके । जितनी जनसंख्या अधिक होगी , सभी प्रकार की सुविधाओं और संसाधनों में कमी आएगी। जनसंख्या वृद्धि की वजह से जो लोग गरीब या उससे भी निचले स्तर पर जी रहे है , उनके लिए ज़िन्दगी नरक से कम नहीं होती है ।
देश में बेरोजगारी इतनी बढ़ गयी है कि बहुत लोगो के पास करने के लिए एक नौकरी तक नहीं है। अगर देश में लोग इतने अधिक होंगे तो जाहिर तौर पर सभी को नौकरी मिलना मुश्किल है। छोटी नौकरी भी आजकल विलुप्त हो रहे है। बेरोजगारी गरीबी को अधिक बढ़ा रही है। जब प्राकृतिक आपदाएं आती है तो सबसे अधिक गरीब लोग प्रभावित होते है। गरीबो को बचाने वाला कोई नहीं होता है। कुछ लोग है जो गरीबो की स्थिति में सुधार लाने के लिए उन्हें NGO के माध्यम से मदद करते है। कुछ जगहों पर गरीब बच्चो के लिए निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। यह सभी गरीबो को प्राप्त नहीं हो पा रहा है। गरीबी की रेखा से नीचे जीने वाले लोगो की हालत और अधिक दयनीय है।
सरकार गरीबी को मिटाने की पूरी कोशिश कर रही है , मगर अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। गरीबी देश की उन्नति में बहुत बड़ी बाधा है। गरीबी को मिटाने में कोई भी लोकप्रिय सरकार सफल नहीं हो पायी है। सरकार ने बच्चो को मुफ्त शिक्षा , गैस की सुविधा इत्यादि कार्य करने का प्रयास किया है। लेकिन अभी भी हज़ारो चीज़ें करनी बाकी है।
गरीब बच्चे अक्सर संपन्न घरो के बच्चो को विद्यालय जाते हुए देखते है। उन्हें खेल कूद करते हुए देखते है। मगर दुर्भाग्यवश उनकी जिन्दगी ऐसी नहीं होती है। गरीबी और पैसे की कमी गरीब परिवार को हर बुनियादी आवश्यकताओं से उन्हें दूर रखती है। अच्छे स्कूल में पढ़ना गरीब बच्चो के लिए एक सपना बनकर रह जाता है। गरीब लोग को दो वक़्त की रोटी मिलना भी टेढ़ खीर बन जाती है। गरीब परिवार अपने बच्चो को पुस्तकें और खिलोने खरीद कर देने में असमर्थ है। अच्छा संतुलित और पौष्टिक भोजन परिवार और बच्चो को नहीं मिल पाता है। ऐसे में उनका मानसिक और शारीरिक विकास नहीं हो पाता है। गरीब परिवार बिना सोचे समझे कई बच्चो को जन्म देते है और अपनी कठिनाईयां भी खुद बढ़ा लेते है। ऐसे में घर पर थोड़ी बहुत कमाई के लिए अपने बच्चो को बचपन से काम पर लगा देते है। अक्सर चाय की दुकानों और उद्योगों में छोटे बच्चो से काम करवाया जाता है। इससे बाल मज़दूरी जैसी समस्याएं उतपन्न होती है , जो कानूनन जुर्म है।
देश में गरीबी बड़ी आम सी हो गयी है। सड़को के आस पास छोटे छोटे झोपड़ियों में जैसे तैसे गुजारा करने को विवश है। देश की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा बिना कपडे , रोटी और मकान के गुजारा करने को बेबस है। उनकी दयनीय हालत उनके आँखों से झलकती है। कोई भी उन्हें इज़्ज़त नहीं देता है और हर जगह उन्हें तिरस्कृत किया जाता है। यह देश की विडंबना है एक और इतने अमीर लोग है और एक तरफ गरीब लोग जिसके पास खाने के लिए सिर्फ सूखी रोटी है।
गरीबी के दिन कोई भी मनुष्य झेलना नहीं चाहता है। गरीब व्यक्ति पैसे के अभाव में जीवन के मूल्य साधन जैसे भोजन और मकान जैसी आवश्यक सुविधाएं कभी भी प्राप्त नहीं कर पाता है। दिन रात मेहनत करने पर कुछ पैसे मिलते है , मगर वह भी पर्याप्त नहीं होता है। गरीब परिवार के बच्चे बाकी बच्चो की तरह एक अच्छा जीवन जीने में असमर्थ है।
गरीबी का प्रमुख कारण है देश में व्याप्त भ्रष्टाचार और अशिक्षा है। भ्रष्टाचारी नेताएं वोट पाने के लिए कई झूठे वादे करते है और गरीबो को उनका हक़ कभी नहीं दिलाते है। उनके उत्थान के लिए कई योजनाएं बनाई जाती है। मगर उनमे से कई योजनाएं सिर्फ कहने के लिए रह जाती है। गरीब लोग पशुओं की भाँती सड़क किनारे पाए जाते है। सही पोषण और भोजन ना मिलने के लिए के कारण उनकी मानसिक हालत भी स्वस्थ नहीं रहती है। अमीर लोगो के पास इतना पैसा होता है और गरीबो के पास खाने के लिए एक रोटी तक नहीं। ऐसी असमानता के कारण देश उन्नति कभी नहीं कर पायेगा।
गरीबी को मिटाने के लिए किसानो को अच्छी सुविधाएं दी जानी चाहिए ताकि वे कृषि क्षेत्र में उन्नति कर सके । भारत एक कृषि प्रधान देश है , फिर भी किसान कृषि छोड़कर शहरों में तरफ पलायन करते है। शहरों में आकर उनकी हालत और अधिक खराब हो जाती है। वह जैसे तैसे अपना गुजारा करते है। शहरों में भी गरीबी बढ़ रही है। गरीबो को निशुल्क शिक्षा और प्रशिक्षण दी जानी चाहिए ताकि उन्हें रोजगार के अवसर मिले। गरीबी को कम करने के लिए परिवार को परिवार नियोजन के बारें जागरूक करना अनिवार्य है। जितने परिवारों में सदस्य कम होंगे , गरीब लोगो को दिक्कतें कम होगी। इससे देश की बढ़ती हुयी आबादी को रोका जा सकता है।
देश में एक नियम का लागू होना ज़रूरी है। वह है सभी बच्चो को शिक्षा का अधिकार मिलना। गरीबो के बच्चो को भी पढ़ने का उतना ही अधिकार मिलना चाहिए जितना सभी को मिलता है । जनसंख्या कम होगी तो रोजगार के मौके भी लोगो को अधिक मिलेंगे और देश में सदियों से चल रही गरीबी का उन्मूलन हम कर सकेंगे।
निष्कर्ष
गरीबी एक राष्ट्रिय समस्या है। गरीबी के निवारण के लिए सरकार को और अधिक प्रभावी तरीका अपनाना होगा। सरकार ने गरीबी मिटाने के लिए बहुत सारे प्रयत्न किये मगर कोई ख़ास नतीजा नहीं निकला है। देश में व्याप्त ख़राब अर्थव्यवस्था , भ्रष्टाचार और शिक्षा की कमी जैसे मुद्दों को समय रहते मिटाना ज़रूरी है , तभी गरीब लोगो के आंसू हम पोंछ पाएंगे और उनकी लाचारी मिटा पाएंगे। ऐसे सकारात्मक कोशिशें करनी होगी कि गरीबो को भी आम आदमी जितने अवसर , मूल वस्तुएं और समाज में इज़्ज़त प्राप्त हो।
#2. [Short Essay] गरीब इंसान पर निबंध
writer: Anshika Johari
ग़रीबी एक ऐसी दयनीय स्थिति है, जिसमे व्यक्ति निर्धनता के बेहद सकरे रास्ते पर अपनी जीवन की गाड़ी को चलाता है। एक गरीब इंसान को अपनी अनेक इच्छाओं व सपनों का निर्धनता के कारण त्याग करना पड़ता है। समाज में, गरीब वर्ग के व्यक्तियों को प्रत्येक क्षेत्र में कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। चूंकि आज हर क्षेत्र में धन को महत्व दिया जाता है इसीलिए एक गरीब व्यक्ति प्रतिभाशाली होते हुए भी पीछे रह जाता है।
गरीब इंसान की जीवन शैली –
एक गरीब व्यक्ति व अमीर व्यक्ति की जीवनशैली में आकाश पाताल का फर्क होता है। एक ओर जहां अमीर व्यक्ति विलासिता पूर्ण जीवन जीता है वहीं दूसरी ओर एक गरीब व्यक्ति अपनी जरूरतों को भी पूर्ण नहीं कर पाता। अपर्याप्त भोजन, कपड़ा, छत से मजबूर एक गरीब व्यक्ति दिनभर इन्हीं की पूर्ति में प्रयासरत रहता है। धन की आपूर्ति के कारण गरीब बच्चों को शिक्षा का अवसर मिलना भी अत्यंत कठिन हो जाता है। इसी कारण गांव में रहने वाले हजारों गरीब परिवार अशिक्षित ही रह जाते है।
गरीबी क्यों है?
आज के दौर में हर व्यक्ति गरीबी रेखा को पार करके अमीर बनना चाहता है। क्योंकि आज की धन प्रधान इस दुनिया में गरीबी इंसान का जीवन दुखमय बना देती है। भारत में बढ़ती जनसंख्या को गरीबी का विशेष कारण बताया है। जनसंख्या वृद्धि के कारण नौकरियां मिल पाना मुश्किल हो गया है। पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के चलते देश के गरीबी रेखा के लोगों को गरीबी से उभरने का अवसर ही नही मिल पाता है। गरीब मजदूर, नौकर, रिक्शा चालक आदि अशिक्षा होने के कारण ना तो अपनी कोई प्रगति कर पाते है, ना ही अपने बच्चों को शिक्षा के प्रति अग्रसर कर पाते। क्योंकि गरीबी की एक अत्यंत गरीबी स्थिति में घर का छोटा बालक आर्थिक सहायता देने हेतु मजदूरी या अन्य कामों में लग जाता है। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाएं व महामारी भी व्यक्ति के आर्थिक जीवन स्तर को बर्बाद कर देती है। गरीब बस्ती के निवासी, जो दिन भर जो कमाते उसी से रात में दो वक्त की रोटी खा पाते है। ऐसे में आपदाएं व महामारी उनके जीवन में अभिशाप बनकर दस्तक देती है।
गरीब इंसान की स्थिति –
गरीबी जीवन की एक ऐसी स्थिति है जिससे कोई भी गुजरना नहीं चाहता। गरीबी उसे कहते है जिसमें व्यक्ति अपनी मूलभूत आवश्यकताओं – रोटी, कपड़ा, मकान को पूरा करने में असमर्थ होता है। इन मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति व्यक्ति के जीवन को गरीबी के बेहद भयावह मंजर पर ले आती हैं। जहां वह मानसिक रूप से तथ शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है। परंतु वह हर संभव प्रयास करता है, जिससे कि वह अपने जीवन को सुचारू रूप से व्यतीत कर सके। गरीबी इंसान में ईर्ष्या, चोरी- डकैती, आत्मविश्वास में कमी इत्यादि कुछ अवगुणों को भी जन्म दे देती हैं। जिससे गरीबी केवल एक वर्ग के लिए ही नहीं अपितु राष्ट्रीय चिंता का कारण बन जाती है।
वर्तमान में सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे आने वाले व्यक्तियों के लिए कई योजनाओं को शुरू किया है, जो काफी हद तक सफल हुआ। परंतु फिर भी देश में बहुत से ऐसे गांव अभी मौजूद है जहां इन सेवाओं के विषय में गरीब व्यक्तियों को कोई ज्ञान नहीं है। इसी कारण देश में गरीबी को समाप्त करने के लिए और अधिक प्रयासरत होने की जरूरत है।
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