भष्ट्राचार मुक्त देश पर निबंध

“भ्रष्टाचार एक व्यापक बीमारी है, यह सतर्क और जागरूक होने का समय है।”

प्रस्तावना

आज के समय में देश में भ्रष्टाचार की समस्या एक महामारी का रूप ले चुकी है। अगर आप देश में कहीं भी जाएंगे तो ज्यादातर लोग भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएंगे। चाहे वह निजी क्षेत्र हो, सरकारी क्षेत्र हो या कोई अन्य क्षेत्र भ्रष्टाचार ने अपनी जड़ों को हर जगह फैला दिया है। जिसके चलते इस गलत नीति का परिणाम पूरा देश चुकता करता है।

भ्रष्टाचार का अर्थ

भ्रष्टाचार का तात्पर्य भ्रष्ट आचरण से है। इसका अर्थ यह है कि जब कोई व्यक्ति अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए किसी को धोखा देता है या रिश्वत लेता है और देता है, तो ऐसे व्यक्ति को भ्रष्ट कहा जाता है।

भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने के उपाय

अनिवार्य शिक्षा – शिक्षा का अभाव भ्रष्टाचार का एक महत्वपूर्ण कारण है। एक अनपढ़ व्यक्ति अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अवैध तरीकों से पैसा कमाता है। इसलिए सरकार अभियान के जरिए शिक्षा पर जोर दे रही है।

राइट वोटिंग इलेक्शन – भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए एक योग्य नेता का चुनाव करना हमारे लिए बहुत जरूरी है। जो नेता हमारे देश के लिए उचित होता है वही भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास करता है। इसीलिए ऐसे नेता का चुनाव करना अनिवार्य है जो भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाए।

बेरोजगारी- भष्ट्राचार मुक्त देश पर निबंध बेरोजगारों की संख्या इतनी बढ़ रही है कि लोग इसके चलते गलत रास्ते पर चल रहे हैं। थोड़े से पैसे के लालच में गलत काम करते हैं। ऐसे में सरकार को उचित रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए और योग्यता के अनुसार रोजगार प्रदान करना चाहिए।

सख्त सजा – कानून द्वारा कई नियम बनाने चाहिए जिनमें अवैध काम या गलत तरीके से अर्जित काला धन जब्त किया जाना चाहिए और उस व्यक्ति को दंडित किया जाना चाहिए।

रिश्वत – रिश्वत लेने वाले और देने वाले दोनों को सजा मिलनी चाहिए क्योंकि रिश्वत लेने वाला और देने वाला दोनों गलत हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।

कैमरों की व्यवस्था – सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में हर जगह कैमरे लगाए जाएं। ताकि लोग कैमरे की निगरानी में रहें। कैमरों के डर से भ्रष्टाचार को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

भ्रष्टाचार की समस्या

वर्तमान भारत में भ्रष्टाचार की समस्या विभिन्न स्तरों पर फैली हुई है। भ्रष्टाचार दीमक बनता जा रहा है और हमारे देश को भीतर से खोखला कर रहा है। मेहनतकशों की कमाई भ्रष्ट लोगों के हाथ में जा रही है। जनता की मेहनत के पैसे पर नेता खुशी से बैठे हैं। आज एक गरीब परिवार का बच्चा कड़ी मेहनत करने के बाद भी कई अवसरों से वंचित रहता है क्योंकि कोई भ्रष्ट कर्मचारी रिश्वत लेकर अमीर को वह मौका देता है। भारत में हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है, और इसे दूर किए बिना विकसित भारत का निर्माण असंभव है।

विकसित राष्ट्रों के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत की आवश्यकता क्यों है?

भारत जैसे देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सबसे पहली आवश्यकता भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। हालांकि यह काम बहुत मुश्किल है और नामुमकिन सा लगता है, लेकिन यह बेहद जरूरी है। आज देश में ऐसी स्थिति बनी हुई है, जहां अपराधी कानून को दरकिनार कर देते हैं और जब तक कि उनके वरिष्ठ अधिकारी आदेश नहीं देते तब तक कानून भी अपराधी के विषय में कुछ नहीं कर पाता है।

ऐसे में कहीं न कहीं भ्रष्टाचार जिम्मेदार है। नौकरशाही, जवाबदेही की कमी और अकुशल नेतृत्व देश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के कुछ प्रमुख कारण हैं। आज काबिलियत अमीरों के हाथ से चली जाती है और जो सक्षम नहीं है उसे अच्छे पद का प्रभार दिया जाता है। ऐसे में देश कभी विकसित नहीं हो सकता। इसलिए भारत को विकसित करने के लिए उसे भ्रष्टाचार से मुक्त करना होगा।

निष्कर्ष

“विकसित राष्ट्र के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए, हमें भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा”

भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सबसे पहले रिश्वत लेना और देना बंद करना होगा। सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों की आय की जवाबदेही की जांच हो, सतर्कता बरतते हुए सभी स्थानों पर कर्मचारियों एवं अधिकारियों की भ्रष्टाचार विरोधी भर्ती सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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