पी.वी सिंधु के जीवन पर निबंध (प्रिय खिलाड़ी)
प्रस्तावना पी.वी. सिंधु पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है।पी.वी. सिंधु एक भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। जिनका जन्मदिन 5 जुलाई, 1995 को होता है। सिंधु, जिन्हें भारत की सबसे कुशल एथलीटों …
Hindi Essay on Women हिंदी में महिलाओं पर निबंध सभी वर्ग के कक्षाओं के लिए, hindi essay topics for class 10, hindi articles for students, hindi essay topics for class 9, 8, 7
प्रस्तावना पी.वी. सिंधु पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है।पी.वी. सिंधु एक भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। जिनका जन्मदिन 5 जुलाई, 1995 को होता है। सिंधु, जिन्हें भारत की सबसे कुशल एथलीटों …
भारत के कई उल्लेखनीय त्योहारों में से एक है दुर्गा पूजा। यह पूजा हिंदुओं के धार्मिक त्योहारों में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। दुर्गा पूजा उत्सव का आयोजन लगभग 10 …
हम अपनी पुस्तकों में विभिन्न समाज सेवकों के विषय में पढ़ते हैं। इसी के साथ मदर टेरेसा का नाम भी हमने बचपन से सुना है। मदर टेरेसा द्वारा किए गए …
हमारे समाज से भ्रूण हत्या के मामले आज भी आए दिन आते ही रहते हैं। भ्रूण हत्या सामाजिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकारों से बहुत ही बेकार है। एक लड़की होने …
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई को नहीं जानता, उनके बारे में कौन नहीं जानता। अंग्रेजों से आखिरी पल तक लड़ती रही थी। आज हम इस लेख में रानी लक्ष्मी बाई …
दोस्तों, हम सभी यह बात भलीभांति जानते हैं कि महिलाओं यानि नारी के बिना यह सर्वजगत अधूरा है। लेकिन कुछ रूढ़िवादी सोच के कारण महिलाओं को कभी कभी हीनता का …
हमारे देश में सदियों से चली आ रही कुप्रथा बाल विवाह के विषय में आज हम आपके निबंध लेकर आए हैं। “बाल विवाह” विषय पर निबंध आपकी परीक्षाओं में भी …
पूजनीय वह सदा रहेगी,अतिशय ज्ञानवान गुणकारी,प्रकट हुई जो बनके दुर्गा,लक्ष्मी और झलकारी। नारी संपूर्ण सृष्टि की आधारशिला है. नारी के बिना जीवन की कल्पना करना भी व्यर्थ है. आज के …
मेरी माँ पर छोटे तथा बड़े निबंध Short and Long Essay on My Mother in Hindi:- #1. 550-600 शब्दों में : माँ पर निबंध, मेर प्यारी माँ पर निबंध माँ …
समाज का महत्वपूर्ण अंग नारी है। नारी के बिना इस समाज का कोई अस्तित्व नहीं है। पहले नारियों को सिर्फ घर और घर पर काम करने तक ही सीमित रखा …
महिला शिक्षा पर निबंध-स्त्री शिक्षा पर निबंध प्रस्तावना: महिलाओं को हमेशा अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है। चाहे वह सपने हो चाहे शिक्षा प्राप्त करने की चाह या आसमान …
प्रस्तावना: शिक्षा से बढ़कर कोई ताकत नहीं होती है। शिक्षा मनुष्य को शिक्षित और सभ्य इंसान बनाता है। शिक्षा मनुष्य के व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। शिक्षित व्यक्ति जिम्मेदार …