पालतू जानवर पर निबंध

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विश्व भर में लोगों को पशु पालने का शौक है। मनुष्य से पशुओं का प्रेम प्राचीन काल से चला आ रहा है। लोग अपने घर पर पशुओं को पालते है और उनकी देखभाल करते है। जितना प्रेम मनुष्य पशुओं से करते है उससे कई ज़्यादा प्रेम पशु मनुष्य से करते है। दुनिया भर में लोग कई प्रकार के जानवरों को पालते है जैसे कुत्ता, बिल्ली, बन्दर, कछुए और घोड़े  इत्यादि। ज़्यादातर लोग कुत्तों और बिल्लिओं से ज़्यादा लगाव  और जुड़ाव रखते है। कुछ लोग रंग -बिरंगे मछलियां अपने aquarium में सजाकर रखते है। लोग अपने और अपनी परिवार के रक्षा के लिए अपने घरों पर पालतू जानवर को पालते है। धीरे -धीरे वह हमारे घर का  एक महत्वपूर्ण सदस्य बन जाते है।

मेरे घर पर एक प्यारा सा कुत्ता जो बीगल नस्ल का है। यह जब 6 महीने का था तब हम इसे अपने घर पर लेकर आये थे। जब यह बेहद छोटे होते है तो इन्हे नींद और आराम की आवशयकता होती है। मैंने उसका नाम ब्राउनी रखा है क्यूंकि वह तकरीबन भूरे  रंग का है। मेरी माँ उसे बेहद प्यार करती है। पूरा परिवार उसकी देखभाल करने में हमेशा जुटा रहता है। मैं ब्राउनी को नियमित रूप से पेडिग्री और बिस्किट्स देती हूँ।

जब वह हमारे घर पर आया था तब बेहद कमज़ोर था और डरा हुआ था। परिवार के प्यार दुलार और लगातार देख -रेख से काफी स्वस्थ हो गया है। अब हमारे हर सदस्य से अच्छे से घुल मिल गया है। अपने ब्राउनी को हमने पेट होम से गोद लिया था। ऐसे बहुत परिवारों को करने की ज़रूरत है। पास के पड़ोसियों के पास भी लम्ब्रॉइडर है। उससे भी ब्राउनी थोड़ा घुलने मिलने लगा है।

जब में बिल्लिओं को बाहर दूध पड़ोसती हूँ तो ब्राउनी थोड़ा नाराज़ हो जाता है। वह दिन भर मेरे साथ खेलना चाहता है। अपना काम पूरा करके मैं भी उसके साथ अच्छे लम्हे गुजारती हूँ। हम सब उसकी स्वछता का भी ख़ास ख्याल रखते है और उसे वैक्सीन्स भी दिए गए है ताकि वह स्वस्थ रहे। ब्राउनी को मांस, मछली, योगर्ट और चीज़ खाना बेहद पसंद है। बीगल को एप्पल सीड्स, अवोकेडो चाय और कॉफ़ी संबंधित चीज़ें नहीं देनी चाहिए। इससे वह बीमार पड़ सकते है।

बीगल नस्ल के कुत्ते को खेलना और सैर करना अच्छा लगता है। ब्राउनी के लिए हम इन चीज़ो का पूरा ध्यान रखते है। हर रोज़ सुबह और शाम को हम उसे बाहर सैर पे ले जाते है। यह इसलिए भी जरूरी है की पालतू कुत्तों को अच्छे खाने और देखभाल से साथ- साथ करसत की भी ज़रुरत होती है। बीगल नस्ल के कुत्ते काफी अकल्मन्द और सहनशील होते है और उन्हें कई सारी चीज़े सिखाया जा सकता है। ब्राउनी को भी हमने बहुत सारे  खेल खेलना सिखाया है और उसका सबसे प्रिय खेल रबर के गेंद के साथ खेलना है। कोई भी पालतू जानवर काफी भावुक होते है और अपने  साथ रह रहे इंसानो के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ जाते है। वह इंसानो के भावनाओ को समझने लगते है। हमे हमेशा जानवरो की देख- रेख करनी चाहिए और उनके साथ अच्छे तरह से पेश आये इस बात का ध्यान रखना चाहिए। इंसान भले ही किसी का साथ दे या न दे पर जानवर हमेशा साथ रहते और देते है। अक्सर ऐसा देखा गया है की लोग जानवरो को अपने मनोरंजन और खेलने की वस्तु की तरह इस्तेमाल करते है और जब उनकी ज़रुरत नहीं होती तो उन्हें बेसहारा अकेले छोड़ देते है। यह सरासर गलत और गैर जिम्मेदाराना हरकत है और इसके लिए ऐसे करने वाले लोगो हो कानूनी रूप से दण्डित करना चाहिए।

इसके अलावा बहुत से लोग गांव में बहुत से लोग गाय और भैसें पालते है ताकि उन्हें पौष्टिक दूध मिल सके। गाय और भैसों को अच्छी घास खिलाने के साथ -साथ उनकी अच्छी देखभाल करने की भी आवशयकता है। गाय से हमे गोबर मिलता है जिसका उपयोग लोग अपने खेतों में अच्छी फसल पाने के लिए करते है। गोबर से गाँव में बायोगैस जैसे सुविधाओं का प्रयोग होता है।

बायोगैस की मदद से घरों में चूल्हा जलता है जिससे  हम खाना पका सकते है। इसके अलावा घोड़े, ऊँट और गधे का इस्तेमाल लोग सामान उठवाने के लिए करते है। यह जानवर भारी सामने अपने पीठ पर उठाते है और इसके साथ ही कई सैलानी भी इस पर सवारी करते है। इससे व्यापारियों को काफी फायदा भी होता है।

निष्कर्ष

लेकिन सिर्फ काम करवाना सही नहीं है बल्कि पशुं का ध्यान रखना भी अनिवार्य है। मनुष्य को अपने स्वार्थ के लिए पशुओं से हद से ज़्यादा काम नहीं करवाना चाहिए। उन्हें प्यार और सहानुभूति की आवशयकता होती है। वह मनुष्य से ज़्यादा भावनाओं को समझते है। मनुष्य को पशुओं से सदभावना, प्रेम  और निस्स्वार्थ प्यार देना चाहिए। पशु भी पृथ्वी और प्रकृति का एहम हिस्सा है। इन्हे भी उतने प्यार और सहानुभूति की ज़रूरत है जितना हमे।

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