महिला शिक्षा पर निबंध-स्त्री शिक्षा पर निबंध
प्रस्तावना: महिलाओं को हमेशा अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है। चाहे वह सपने हो चाहे शिक्षा प्राप्त करने की चाह या आसमान को छूने की इच्छा । पहले के ज़माने में लड़कियों का पढ़ना लिखना अच्छा नहीं समझा जाता था। महिलाओं को हमेशा अपने अधिकारों के लिए समाज और उनके बनाये हुए नियमो से भिड़ना पड़ा है। शिक्षा पर सभी का मौलिक अधिकार है। देश के स्वतंत्रता के पश्चात महिलाओं के शिक्षा पर ज़्यादा ज़ोर दिया गया। पहले के जमाने में महिलाओं को सिर्फ घरो के काम तक सीमित रखा जाता था। आज कल के इस युग में महिलाओं के शिक्षा को ज़्यादा प्राथमिकता दी जाती थी।
शिक्षा को लेकर लड़का लड़की में भेदभाव करना बेवकूफी है। आजकल महिलाएं पुरुषो के साथ हर क्षेत्र , हर पद पर कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही है। आज महिलाएं शिक्षित है। पायलट से लेकर , प्रिंसिपल, खेल का मैदान और स्कूल की अध्यापिका तक हर जगह महिलाओं ने अपने आपको साबित किया है।
बहुत से गाँवों में आज भी लड़कियों को शिक्षित नहीं किया जा रहा है। लेकिन कई गाँव ऐसे है जहां लड़कियों को स्कूल तक की शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति रहती है। गाँव में गरीबी से जूझ रहे कुछ लोगो के पास लड़कियों को आगे तक पढ़ाने का खर्चा नहीं निकल पाता है और दूसरी वजह उनकी सोच है। उनकी सोच यह भी हो सकती है कि लड़कियां इतना पढ़ लिखकर क्या कर लेगी। लड़कियां ज़्यादा शिक्षित हो गयी तो उसकी सोच मॉडर्न हो जायेगी। कुछ लोग सोचते है लड़कियों को पुरुषो से अधिक शिक्षित नहीं होना चाहिए इससे पुरुषो के आत्मसम्मान को चोट पहुँच सकती है। कुछ लोग यह सोचते है लड़कियां ज़्यादा पढ़ लिख लेंगी तो उसे अंहकार हो जाएगा। यह सोच गलत है।
भारत को आर्थिक रूप से विकसित और मज़बूत बनाने के लिए महिलाओं का शिक्षित होना आवश्यक है। देश की उन्नति के लिए जितना महिलाओं का शिक्षित होना ज़रूरी है , उतना पुरुषो का।अगर पहले से ही महिलाओं को पुरुषो के बराबर हर अधिकार मिला होता है तो देश की उन्नति बहुत पहले ही हो गयी होती। पुराने समय में यही सोचा जाता था कि वह सिर्फ खाना बनाने और बच्चो की देखभाल करने के लिए बनी है। उन्हें आगे शिक्षित करने के बारे में कम ही लोग सोचते थे। महिलाओं का शिक्षित होना ज़रूरी है , ना केवल खुद के लिए बल्कि समाज के लिए भी । वह ना केवल सुचारु रूप से घर चला सकती है बल्कि नौकरी करके परिवार का देखभाल भी करती है। नारी जब शिक्षित होती है तो कई नए रास्ते खुल जाते है।
शिक्षित महिलाओं में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान का संचार होता है। जब महिलाएं शिक्षित होती है वह अपने फैसले खुद ले सकती है। उसे किसी पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है। यदि महिलाएं शिक्षित होती है तो वह अपने बच्चो को भी एक जिम्मेदार और अच्छा नागरिक बना सकती है। पढ़ी लिखी महिलाएं पूरे घर को शिक्षित कर सकती है।
आजकल देश की सरकार ने महिलाओं के शिक्षा के प्रति जोर दिया है। कई अभियान जैसे बेटी पढ़ाओ और बचाओ भी कामयाब रहे। कुछ लोग ऐसा सोचते है महिलाएं शिक्षित होती है तो अंहकारी बन जाती है। यह सोच गलत है शिक्षित होकर उनकी सोच बेहतर हो जाती है। वह समझदारी से जीवन के हर पहलु को संभालती है चाहे वह घर हो , दफ्तर या जीवन की मुश्किलें।महिलाएं जब शिक्षित होती है तो रोजगार करके मुश्किल दौर में परिवार का साथ देती है।
देश में पुरुषो की तुलना में महिलाएं कम शिक्षित हो रही है। महिला साक्षरता अभियान ने महिला शिक्षा पर काफी ज़ोर दिया है। अशिक्षित महिलाएं परिवार को सुचारु रूप से नहीं चला पाती है। उन्हें दुनियादारी का ज़्यादा अंदाज़ा नहीं होता है। नारी शिक्षा पर ज़ोर देने के कारण समाज के सोच में काफी परिवर्तन आया है।एक अशिक्षित महिला को जीवन के हर मोड़ पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शिक्षित महिलाएं ना केवल बाहर रोजगार करती है बल्कि आत्मसम्मान के साथ जीवन यापन करती है। वह अपने बच्चो को सही राह दिखाती है।
पहले लड़कियों की जबरन शादी कर दी जाती थी। उनकी उम्मीदों , इच्छाओ और सपनो को कैद कर दिया जाता था। मगर आज ऐसा नहीं है , आज शिक्षा ने महिलाओं को अपने सपने पूरे करने का अधिकार दे दिया है। अब कोई भी लड़की शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगी और अपनी मंज़िल खुद तय करेंगी और तय कर रही है।
निष्कर्ष
समाज के उन्नति के लिए महिलाओं का शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षित महिलाएं परिवार का अच्छा पोषण और बेहतर तरीके से स्वास्थ्य का देखभाल कर सकती है। शिक्षित महिलाएं अपने सपने को पूरा कर सकती है। आज महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि वह पुरुषो से किसी भी मामले में कम नहीं है। समाज में बदलाव की संभावनाएं तभी बढ़ती है , जब नारी शिक्षित होती है। आज काफी परिवर्तन आया है। अब सभी लड़कियां शिक्षित हो रही है और एक सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।