भ्रूण हत्या पर निबंध

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हमारे समाज से भ्रूण हत्या के मामले आज भी आए दिन आते ही रहते हैं। भ्रूण हत्या सामाजिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकारों से बहुत ही बेकार है। एक लड़की होने की वजह से उसका समय पूरा होने के पहले ही कोख़ में उसे मार देना कहां का न्याय है। यदि आप स्नातक धर्म के ग्रंथों को पढ़ेंगे, तो आपको समझ आएगा कि वहां लड़का-लड़की में किसी भी प्रकार का भेद नहीं बताया गया है, लेकिन हमारे समाज में कुछ काल्पनिक बातों को सच मान कर माना है कि भारतीय समाज में महिलाओं को उनके परिवार और समाज के लिए अभिशाप माना जाता है। आज हम इस लेख में भ्रूण हत्या पर ही निबंध लिखेंगे। भ्रूण हत्या क्या है, इसके कारण, कानून आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे।


भ्रूण हत्या क्या है?


अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान लिंग परीक्षण जांच के बाद जन्म से पहले मां के गर्भ में पल रहे भ्रूण को खत्म करने के लिए गर्भपात की प्रक्रिया को भ्रूण हत्या कहते हैं। बता दें, भारत में कोई भी लिंग परीक्षण करवाना गैर-कानूनी है।


भ्रूण हत्या का कारण


भारत में सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक नीतियों के कारण लोग भ्रूण हत्या जैसे अनैतिक कार्य करते है। भारतीय समाज में कन्या भ्रूण हत्या के निम्नलिखित कारण हैं-

भ्रूण हत्या की मुख्य वजह है लिंग… भारत में पुत्र आय का मुख्य स्त्रोत होता है, जबकि लड़कियां केवल उपभोक्ता के रूप में होती हैं। हमारे समाज में सबसे बड़ी गलतफहमी है कि लड़के अपने अभिवावक की सेवा करते हैं, जबकि लड़कियां पराया धन होती है। हालांकि सच्चाई सब जानते हैं।

लोगों को इस बात का बहुत डर रहता है कि यदि हमारे घर लड़की पैदा हो गई तो उनकी शादी में दहेज देना रहेगा। इस वजह से पहले ही लोग भ्रूण हत्या करवा देते हैं।

भारत एक पुरुषवादी समाज है। यहां महिलाओं की स्थिति निम्न है। अभिवावकों का मानना हैं कि पुत्र समाज में उनके नाम को आगे बढ़ायेंगे जबकि लड़कियां केवल घर संभालने के लिये हैं।

गैर-कानूनी लिंग परीक्षण और बालिका शिशु की समाप्ति के लिये भारत में दूसरा बड़ा कारण गर्भपात की कानूनी मान्यता है। बता दें, तकनीकी उन्नति ने भी कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा दिया है।


कन्या भ्रूण हत्या पर कानून


प्रसूति से पहले भ्रूण के शरीर की विषमताओं का पता लगाने के लिए प्रसूति से पहले भ्रूण के लिंग का परीक्षण कई नई-नई तकनीकों के माध्यम के नियमन हेतु और इस तकनीक के दुरूपयोग को रोकने इत्यादि के प्रयोजन हेतु सरकार ने एक कानून बनाया है, जिसे गर्भधारण पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 कहते है।

बता दें, इस कानून के अनुसार, गर्भ में लिंग जांच करना दंडनीय अपराध है। किसी भी व्यक्ति द्वारा शब्दों, इशारों या फिर अन्य तरीके से गर्भ का लिंग बताना भी कानून की नजरों में दंडनीय अपराध है। कोई भी व्यक्ति जो कि गर्भ की लिंग जांच या फिर चयन के लिए इन तकनीकों की सहायता लेता है। इस कानून से दंडित हो सकता है। अगर किसी महिला को इस जांच के लिए मजबूर किया गया है, तो उस महिला को सजा नहीं दी जाएगी।

निष्कर्ष


भ्रूण हत्या एक अनैतिक सामाजिक प्रथा है। इसके साथ यह एक अपराध भी हैं। भ्रूण हत्या के मामले सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलते है। यह समाज हमारा है हम सभी को इस बुरी प्रथा को रोकने की जरूरत हैं। हमें अपराध को रोके और समाज को अच्छा बनाने में मदद करनी चाहिए। हमें यह समझने की जरूरत है कि यदि लड़कियां भी उचित ढंग से शिक्षित की जाएं, तो वे अपने परिवार की देखभाल कर सकती हैं। ये उन अभिवावकों के लिए शर्म की बात है, जो सिर्फ लड़का ही चाहते हैं साथ ही इसके लिए चिकित्सक भी खासतौर से गर्भपात कराने में मदद करते हैं। भारत में दहेज-प्रथा गैर कानूनी है। इसलिए सिर्फ इस तरह के अमान्य कारणों से मादा बच्चे की हत्या करने का हमें कोई अधिकार नहीं है । वह भी ईश्वर का एक उपहार है और उसे प्यार और सम्मान के साथ अवश्य स्वीकार किया जाना चाहिए।

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