स्वच्छता के महत्व पर निबंध

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स्वच्छता के महत्व पर निबंध, स्वच्छता पर निबंध

स्वच्छता का तात्पर्य है , अपने घर , पर्यावरण और आस पास में साफ़ सफाई रखना।  खुद को शारीरिक तौर पर साफ़ रखना। स्वच्छता जिंदगी में बहुत आवश्यक है।  साफ़ सफाई सिर्फ नहाने और हाथ -धोने से नहीं होता  है बल्कि  आस पड़ोस से लेकर , मोहल्ले और शहर को साफ़ सुथरा रखना भी होता है।  कचरा और कूड़ा कूड़ेदान में फेंकना ज़रूरी होता है। अगर मनुष्य स्वच्छता का हर रोज़ और हर समय पालन करता है , तो वह विभिन्न प्रकार  के बीमारियों से दूर रहता है। अच्छे स्वास्थ्य को बरक़रार रखने के लिए साफ़ सफाई बहुत ज़रूरी है। हर परिवार के प्रत्येक सदस्य को स्वच्छता के विषय में जागरूक करना अनिवार्य है। सबसे पहले बच्चो को स्वच्छता के बारें में समझाना होगा। वायु,  मिटटी , जल प्रदूषण को सिर्फ मनुष्य नियंत्रित कर सकता है।  यह मनुष्य द्वारा उत्पन्न की गयी समस्याएं है।

हर मनुष्य को स्वच्छता के राह पर चलना चाहिए अर्थात अपनी सफाई खुद करनी चाहिए।  सिर्फ घर की सफाई नहीं बल्कि अपने आस पड़ोस में गन्दगी ना हो , यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है। भारत विविधताओं का देश है।  यहाँ विभिन्न धर्म के लोग और धर्म अनुयायी  निवास करते है।  हर धर्म में साफ़ सफाई का महत्व समझाया गया है। इसलिए प्रातःकाल ही धार्मिक स्थलों की सफाई की जाती है।

बहुत सारे धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों को लोग गन्दा कर देते है।  कुछ शिक्षित लोग भी ऐसा करते हुए पाए गए है। यह एक बहुत बड़ी समस्या है। सुबह सुबह लोग नहाना नहीं भूलते है , तो ऐसा स्थलों को गन्दा करना दुखद बात है।  हर देशवासी का कर्त्तव्य है कि वह गाँव , जिलों और शहरों को साफ़ रखे  तभी पूरा देश स्वच्छ रहेगा। हर देशवासी को साफ़ सफाई की अहमियत समझनी चाहिए।  बाहर से आये हुए पर्यटकों को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

हमे हमेशा अपने घर और बगीचे को साफ़ सुथरा रखने की ज़रूरत है।  जब मेहमान आएंगे तब उन्हें भी ख़ुशी होगी और दूसरो पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।  घर की स्वच्छता से बच्चो को भी सीख मिलेगी कि वह अपने आस पास के स्थानों को साफ़ रखे। बच्चे अपने बड़ो से सीखते है।  स्वच्छता रखने से मनुष्य का मन और मस्तिष्क  खुश रहता है और हर कार्य में मन लगता है। स्वच्छता सिर्फ तन से ही नहीं बल्कि मन से भी जुड़ी होती  है। स्वच्छता से मनुष्य एक सभ्य और रोगमुक्त समाज का निर्माण कर सकता है। प्रदूषण को रोकना भी अनिवार्य है।  वायु और पर्यावरण हर दिन अस्वच्छ हो रहा है। इसका ध्यान भी रखने की ज़रूरत है।

मुंबई और कई जगहों के समुद्री तटों को वहां पर आने वाले लोग गन्दा कर देते है।  गन्दगी से पानी भी प्रदूषित होता है। यह सरासर गलत है।  लोगो को कूड़ा , कचरा , प्लास्टिक के बोतलों को सही जगह यानी कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।  अगर प्रत्येक इंसान सचेत हो जाए तो एक स्वच्छ समाज का निर्माण मुश्किल नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी स्वच्छता के महत्व को ध्यान में रखकर स्वच्छता अभियान लागू किया था।  जिससे लोगो में जागरूकता फैली और कई लोग स्वेच्छा यानी खुद से इस अभियान के साथ जुड़े है । सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती है।  इसका मतलब है कि हम सभी को एक साथ मिलकर यह कार्य करना होगा। मनुष्य जब अपने घर पर साफ़ सफाई रखते है तो संक्रामक कीटाणु और कीड़े मकोड़े घर पर नहीं आते है। बच्चो को विद्यालय में साफ़ सफाई के बारे में सिखाया और पढ़ाया जाता है। अन्य शिक्षा  संस्थानों जैसे कॉलेज और विश्वविद्यालय में विद्यार्थी स्वच्छता से संबंधित कई  प्रकार के कार्यक्रम करते है , ताकि लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हो।

प्रत्येक दिन लोगो को कपड़े धोकर पहनने चाहिए।  इससे बीमारियां नहीं होती है और हम कीटाणु मुक्त रहते है।  घर के फर्श को हर रोज़  हमे डिसइन्फेक्टेंट से धोना चाहिए। तभी साफ़ सफाई रहती है।

देश में स्वच्छता अभियान का आरम्भ राष्ट्र पिता गांधी जी ने किया था।  इसे आगे चलकर नरेंद्र मोदी जी ने सफल बनाया। जितनी अधिक साफ़ सफाई होगी  उतना जल प्रदूषण कम होगा।  लोग नदियों और अन्य जलाशयों को बिना सोचे समझे गन्दा कर देते है।  नदियों में नहाना , कपड़े धोना और पशुओं को नहलाना , इन पर रोक लगनी चाहिए।  नदियों का जल पीने योग्य और शुद्ध होता है। अगर मनुष्य बिना सोचे समझे पर्यावरण और संस्धानों को   गन्दा करते  है तो आगे चलकर आने वाली पीढ़ी को कुछ भी नसीब नहीं होगा। नदियों का संरक्षण और उसे साफ़ रखना इंसानो का कर्त्तव्य है।

स्वच्छता का हमारे जिन्दगी में अहमियत है। हमे हर सुबह वक़्त पर नहाना चाहिए। अगर व्यक्ति अपने घर पर साफ़ सफाई ना रखे और समय समय पर हाथ ना धोये तो वे  बीमार हो सकते है। जब घर पर साफ़ सफाई नहीं  होगी तो घर पर मक्खी मच्छर होंगे जो आपके भोजन पर आकर बैठेंगे , जिससे आपकी सेहत  ख़राब होगी। इन चीज़ो पर विशेष ध्यान देना चाहिए और बीमारी मुक्त रहना चाहिए।

अक्सर रास्तो पर लोग यहाँ वहां थूकते हुए पाए जाते है।  कभी च्युइंग गम , कभी पान खाते हुए सड़को पर थूकते है।  इससे स्थान और वातावरण गन्दा होता है।  इस प्रकार के अनुचित कार्यो से मनचलो को प्रोत्साहन मिलता है।  सरकार को इन सब के विरुद्ध कड़े नियम लागू करने चाहिए जिससे कि  इस प्रकार के अप्रिय कार्यो पर रोक  लगाई जा सके। सड़क हो , या सार्वजनिक जगह या घर , लोगो को सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

निष्कर्ष

सभी लोगो को एकजुट होकर साफ़ सफाई अपने आस पड़ोस और हर जगह में रखनी चाहिए। जल स्रोतों को स्वच्छ रखना मनुष्य का दायित्व है। सरकार अपनी तरफ से सारे प्रयत्न कर रही है।  सभी जनता को स्वच्छता अभियान में दिल से सहयोग देना चाहिए। जनता को अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत रहना चाहिए।

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