पुलिस की भूमिका पर निबंध

3/5 - (2 votes)

समाज में पुलिस की भूमिका पर निबंध
Police ki Bhumika par Nibandh

जैसे देश के सीमा पर फ़ौज तैनात रहती है और हमे आंतकवादियों, दहसतगर्दो से बचाती है। उसी प्रकार पुलिस हमारे समाज में अहम भूमिका निभाती है। देश के अंदर की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की देख रेख, पुलिस करती है। समाज में किसी भी प्रकार के अपराध को रोकना पुलिस का कर्त्तव्य है। लोग कभी भी अपनी सुरक्षा या किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या के खिलाफ  शिकायत  पुलिस से कर सकती है। आम जनता पुलिस से अपने बचाव के लिए मदद मांग सकती है और रिपोर्ट दर्ज करवा सकती है। नागरिको की सुरक्षा करना पुलिस का परम कर्त्तव्य है।

लोग कानून का गंभीरता से पालन करते है, इसका श्रेय पुलिस को जाता है। पुलिस के बैगर देश और राज्य के प्रशासन की सुरक्षा की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। समाज में लोग अच्छी तरह से कानून व्यवस्था और अनुसाशन का पालन करे, पुलिस इसकी निगरानी हमेशा करती है। देश और राज्यों के महत्वपूर्ण चुनाव केन्द्रो और ज़रूरतमंदो की सुरक्षा पुलिस अक्सर करते है। देश में कोई भी व्यक्ति किसी के साथ गलत हरकत कर रहा है, या फिर कोई भी राह चलता बदमाश लड़की को छेड़ रहा है। ऐसे में पुलिस अपने डंडे की भाषा से अपराधियों को चुप करवाती है और दंड देती है।

जैसे ही चुनाव सर पर होते है, तो पुलिस, रक्षा का पूरा दायित्व लेते है। पुलिस अपना काम बखूभी करता है। पुलिस की वर्दी बहुत शक्तिशाली होती है। पुलिस कड़ी ट्रैनिंग से गुजरते है। वह गुनाहगारो को पकड़कर अदालत में पेश करते है। समाज में पुलिस को कानून का रखवाला कहा जाता है। पुलिस के भय से मुजरिम भागते है। पुलिस उन्हें आखिरकार पकड़ लेती है और सलाखों के पीछे डाल देती है। अगर पुलिस ना होती तो समाज में अपराध और अधिक तेज़ी से बढ़ जाते। पुलिस का कर्त्तव्य व दायित्व चौब्बिसो घंटे रहता है। समाज में चोरी, डैकती, हत्या, दंगे जैसे अपराध को काबू में लाना पुलिस का काम होता है।

देश की सारी संपत्ति, सार्वजनिक जगहों की सुरक्षा पुलिस करती है। सभी नागरिको के जान की सुरक्षा करना पुलिस की अहम जिम्मेदारी है। पुलिस कई बार ज़रूरी सर्च ऑपरेशन में अपनी जान दाव पर लगा देती है। पुलिस को हमेशा सतर्क और हर पल चौकन्ना रहना पड़ता है। पुलिस अपनी जान मुसीबत में डालकर लोगो के प्राणो की रक्षा करती है। देश की संविधान के अनुसार नियमो और कानून का पालन करना पुलिस का दायित्व है। जब पुलिस कोई मुश्किल केस सुलझाते है तो वह कई दिनों तक घर नहीं आते है, जब तक केस हल ना हो जाए।

पुलिस हर एक केस को सोच समझ कर और निडर होकर उसे सुलझाती है। कई बार भ्रष्ट पुलिस अफसर अपने जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभाते है। ऐसे में कुछ भ्रष्ट पुलिस अफसर गुनाहगारो को बचाने के लिए उनसे पैसे लेती है, जो सरासर गलत है। अगर पुलिस के कुछ सिपाही भ्रष्ट निकलते है तो कहीं ना कहीं पूरे पुलिस फाॅर्स को बदनाम कर देते है। ऐसे अफसर जैसे ही पकड़े जाते है, तो उन्हें सीधे निलंबित किया जाता है। लोग पुलिस पर विश्वास करते है। इस विश्वास को कायम रखना पुलिस का कर्त्तव्य है। लोगो की जान, माल की रक्षा करना पुलिसवालो का धर्म है।

अगर पुलिस नहीं होती, तो लोग कानून को हाथ में लेकर कुछ भी करते। कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति पर आक्रमण करता और समाज में अराजकता फैलती। ईमानदार और सच्चे पुलिस अपने कर्त्तव्य से पीछे नहीं हटते है। कानून व्यवस्था की नीव देश की पुलिस होती है। राजनेताओ के चुनावों के दौरान रैलियों को सुरक्षा पुलिस प्रदान करती है। राज्य की यातायात व्यवस्था ट्रैफिक पुलिस संभालती है। सड़को में कानून का हर गाड़ी पालन करे, यह सुनिश्चित करने का काम ट्रैफिक पुलिस का होता है। कई तरह के हड़ताल के दौरान सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा पुलिस करती है। कई बार जुलुस के वक़्त, कुछ लोग पत्थर फेंकते है, इससे देश की पुलिस रक्षा करती है। चाहे कोई भी मौसम या दिन हो, पुलिस चौकी चौबीसो घंटा खुली रहती है। देश में धर्म, जाति और लिंग के भेद भाव को लेकर अक्सर एक वर्ग दूसरे वर्ग पर अनैतिक अत्याचार करता है। इससे कानून के नियमो का पालन नहीं होता है। ऐसी स्थिति में देश की पुलिस को कानून व्यवस्था को सुचारु रूप से संभालना होता है। अपराधी को पकड़कर पुलिस उसे निर्धारित सजा देती है।

ट्रैफिक पुलिस सड़क पर दैनिक ट्रैफिक जैम को अपने अनुसार नियंत्रित कर सकती है। अगर ट्रैफिक जैम होगा तो लोग समय पर अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचने में असमर्थ होंगे। ट्रैफिक पुलिस जाम को कम करता है, ताकि गाड़ियों की आवाजाही बनी रहे। कोई भी सड़क दुर्घटना होती है, तो वह इन समस्याओ को नियंत्रित करती है। अगर कोई भी व्यक्ति परिवहन के नियमो का उल्लंघन करता है, उस पर ट्रैफिक पुलिस जुर्माना लगा सकती है और ज़्यादा नियमो को तोड़ने पर आपकी गाड़ी को जब्त करती है। जिसे आपको थाने जाकर छुड़वाना पड़ता है। ट्रैफिक पुलिस यह भी सुनिश्चित करती है की कोई भी गाड़ी चोरी की है या नहीं। लोगो को हेलमेट पहनकर बाइक चलाने की अनुमति दी गयी है। अक्सर लोग इन नियमो को हलके में लेते है और कानून तोड़ते हुए नज़र आते है। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस इन लोगो पर जुर्माना लगा देती है। आजकल की विडंबना है कि पुलिस कर्मी बड़े राजनेताओ और धनवान लोगो को ज़्यादा सुरक्षा प्रदान करते  है। आम लोग अपनी सुरक्षा से कहीं ना कहीं वंचित रह जाते है।

हमारे पुलिस प्रशासन को सतर्क और हमेशा जागरूक रहने की आवश्यकता है और समाज में दिन प्रतिदिन हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी है। कभी कभी कुछ हालातों में पुलिस भक्षक भी बन जाते है। देश में आजकल भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में व्यापत है, और पुलिस व्यवस्था इससे अछूता नहीं रहा है। देश में सत्तर प्रतिशत से ऊपर पुलिस भ्रष्ट है। इसके चलते आम आदमी को पुलिस पर विश्वास नहीं है, इस स्थिति को सिर्फ पुलिस अपनी जिम्मेदारी से सुधार सकती है।

निष्कर्ष

पुलिस को अपने राष्ट्र को बचाने के लिए कला धंधा, जमाखोरी, अनैतिक ड्रग्स स्मगलिंग और रिश्वतखोरी जैसे अपराधों पर रोक लगाना होगा। हमारे देश में पुलिस व्यवस्था और बेहतर हो सकती है। पुलिस को कर्तव्यपरायण होने के संग जनता की आवाज़ बननी होगी। उनके हित में सारे कार्य करने होंगे। अच्छा व्यवहार जनता के साथ करना होगा और उन पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध कार्यवाही करनी होगी। जनता अपने ऊपर अपमानो और अत्याचारों को ज़्यादा वक़्त तक सहन नहीं करेगी और कानून के विरुद्ध जाकर जन आंदोलन करेगी। जान ताकत को रोकना बहुत मुश्किल हो जाएगा। पुलिस को ज़रूरत है की वह जनता के रक्षक बने रहे। पुलिस को अनैतिक कार्य करने वाले भ्र्ष्टाचारी नेता हो या व्यापारी, उसे जेल में डालना होगा। पुलिस व्यवस्था को किसी बड़े आदमी के हाथो कटपुतली नहीं बनने देना है। जब पुलिस व्यवस्था मज़बूत होगी, तो न्याय व्यवस्था मज़बूत होगी और देश में अपराध ना के बराबर होंगे। जब देश में अपराध कम होंगे, तो देश सुरक्षित रहेगा।

#सम्बंधित:- Hindi Essay, Hindi paragraph, हिंदी निबंध।

Leave a Comment