कॉमन वेल्थ गेम्स पर निबंध

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कॉमन वेल्थ की शुरुआत 1930 में से हुई थी। उसके बाद से हर 4 साल में एक बार कॉमन वेल्थ गेम्स होते है। आज हम इस लेख में कॉमन वेल्थ हिस्ट्री पर निबंध लिखेंगे।


कॉमन वेल्थ का इतिहास


ब्रिटेन (UK) ने कम से कम 53 देशों को अपना गुलाम बनाए रखा था, वह 53 देशों ने मिलकर कॉमन वेल्थ ऑफ नेशन बनाया। यहां सारे देश मिलकर गेम खेलते है, जिसे कॉमन वेल्थ गेम्स कहा जाता है। यह गेम्स सन् 1930 में पहली बार शुरू हुए थे। उसके बाद से यह हर 4 साल के अंतराल में होते है। बता दें, 1942 और 1946 में दुनिया में विश्व युद्ध हो रहा था, उस दौरान यह गेम्स नहीं हुए थे। अभी इस गेम को लगभग 72 देश खेलते है। क्योंकि यह सभी देश पहले कई देशों के हिस्से हुआ करते थे। यह देश अपने राष्ट्रीय झंडे के लिए कॉमन वेल्थ गेम्स खेलते है।

ध्यान देने योग्य बातें


सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलिया ने इन गेम्स को होस्ट किया है। बता दें, ऑस्ट्रेलिया ने इसे 5 बार होस्ट किया है।

इंडिया में कॉमन वेल्थ और घोटाला


कॉमन वेल्थ गेम्स को होस्ट की कमान एक बार भारत को भी मिली है। बता दें, साल 2010 में नई दिल्ली में यह गेम होस्ट किया गया था। इस दौरान भारत को काफी बेज्जती का सामना करना पड़ा था। बता दें, उस वक्त दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शिला दीक्षित ने दिल्ली की कमान अपने हाथों ले रखी थी। यदि कॉमन वेल्थ घोटाला की बात करें, तो उस दौरान गेम्स में आई प्लास्टिक की कुर्सियां, जिसका मात्र 250 रुपए होता है, उसका बिल 4000 रुपए में पास किया गया था। यह खुद में ही बहुत बड़ा घोटाला था।


इस साल का कॉमन वेल्थ गेम

इस साल का कॉमन वेल्थ गेम बर्मिंघम में हो रहा है। यह गेम 28 जुलाई से 8 अगस्त तक चलेगा। बता दें, भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स में पहला गोल्ड मिल गया है। महिला वेटलिफ्टिंग 49 किग्रा कैटेग्री में भारत की मीराबाई चानू ने अपने पहले क्लीन एंड जर्क प्रयास में 109 किग्रा की सफल लिफ्ट के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया है।


2018 का कॉमन वेल्थ का रोचक तथ्य


साल 2018 में कॉमन वेल्थ गेम के लिए 2 सिटी हबन टोटा है, जो कि श्रीलंका में है। और दूसरी सिटी गोल्ड कोर्स, जो कि ऑस्ट्रेलिया में स्थित है। दोनों स्थान में बेल्टल हुआ था कि कॉमन वेल्थ गेम कहा होगा। वोटिंग के बाद यह चुनाव गोल्ड कोर्स ने जीता और ऑस्ट्रेलिया ने इसकी होस्टिंग की।

नाम बदलना


समय-समय पर इसके नाम बदले गए थे। सबसे पहले इस गेम को ब्रिटेश अंपायर कॉमन वेल्थ गेम कहते है। फिर इसे ब्रिटेश कॉमन वेल्थ कहा गया और अब इस गेम का नाम कॉमन वेल्थ है।


टूर्नामेंट का इतिहास


इस गेम में सबसे ज्यादा मेडल ऑस्ट्रेलिया के पास है। 21 गेम के अंदर 900 से अधिक मेडल्स केवल ऑस्ट्रेलिया के पास ही है। फिर दूसरे नंबर पर इंग्लैंड आता है और साल 2018 के बाद तीसरे स्थान पर हमारा देश भारत है।

2022 कॉमन वेल्थ


इस साल पहली बार कॉमन वेल्थ में क्रिकेट को शामिल किया गया है, लेकिन क्रिकेट में बस महिला टीम को ही स्थान मिला है। बता दें, लगभग 72 देश ने इस बार भाग लिया है। इस बार महिला हॉकी टीम को भी शामिल किया गया है। वहीं, भारतीय महिला टीम की कप्तान सबिता पूनिया है।


निष्कर्ष


भारत के लगातार प्रदर्शन अच्छे रहे है। भारत अभी तक कॉमन वेल्थ गेम में तीसरे स्थान पर है। भारत के खिलाड़ियों का हौसला और उत्साह चरम पर है। उम्मीद है कि भारत के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेंगे और भारत अच्छे प्रदर्शन के साथ-साथ प्रथम स्थान पर होगा।

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