भ्र्ष्टाचार मुक्त समाज पर निबंध

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भ्र्ष्टाचार मुक्त समाज पर निबंध- Bhrashtachar mukt samaj par nibandh

भारत के उन्नति में बाधक कई समस्याओ में एक भ्र्ष्टाचार है। भ्र्ष्टाचार हमारे देश को अंदर से खोखला कर रहा है। वक़्त आ गया है कि हम समाज और हमारे देश की सरकार प्रणाली में मौजूद भ्र्ष्टाचार को खत्म करे और इस पर सदा के लिए पूर्णविराम लगाए। देश की राजनीति और भ्र्ष्टाचार में कई ताल मेल देखे गए है। भ्र्ष्टाचार सिर्फ राजनीति में ही नहीं बल्कि देश के कई सिस्टम में मौजूद है। समाज को इस भ्र्ष्टाचार भरे जहर से मुक्त कराने का वक़्त आ गया है। सिर्फ राजनीतिज्ञ ही भ्र्ष्ट नहीं है, बल्कि कई क्षेत्रों में इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिले है।

आजकल के इस युग में सबको सफल बनना है। सफलता के साथ उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा पैसे कमाने की जल्दी लगी रहती है। अपने आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लोग भ्र्ष्ट तरीको को अपनाते है। आजकल लोगो की मान्यता बन गयी है कि ईमानदारी और सच्चाई से कुछ भी हासिल करना बेहद मुश्किल है। उनका सोचना है कि अगर वह ईमानदारी के मार्ग को अपनाएंगे तो उनके सपनो को पूरा करने में सालो का वक़्त लग जाएगा।

अगर दफ्तर में प्रमोशन नहीं होगा, तो पैसे और बोनस नहीं मिलेंगे। इसलिए लोग शॉर्टकट की पद्धति अपनाते है और रिश्वत देकर अपने इरादों को पूरा करवाते है। ऐसी पदोन्नति सरासर गलत है। कार्यो को पूरा करवाने के लिए लोग अनुचित मार्ग अपना रहे है और भ्र्ष्टाचार की ओर अग्रसर हो रहे है।

ऐसे अनुचित साधनो का उपयोग करके लोगो में अमीर बनने की होड़ लगी है। आजकल की यह विडंबना है, ज़्यादातर व्यक्ति सफलता को पैसो से तोलकर देखते  है। पैसे कमाने की चाहत में कम उम्र से लोग भ्र्ष्टाचार जैसे अनुचित कार्यो में लिप्त हो जाते है।

यह असलियत में इंसान को अंदरूनी खुशी और संतुष्टि नहीं दे सकता है। गैर कानूनी ढंग से किये गए कार्य में इंसान को सुख चैन ज़्यादा दिनों तक नसीब नहीं होता है और उन्हें पकड़े जाने का डर भी सताता है। गलत तरीको और भ्र्ष्टाचार का सहारा लेकर महत्वाकांक्षी लोग  धन और साथ में नकली इज़्ज़त भी कमा लेंगे। लेकिन इंसान को यह कुछ ही समय तक खुश रख पायेगा क्यों कि लम्बे वक़्त तक वे असंतुष्टि में जीयेंगे।

भ्र्ष्टाचार के कई प्रमुख कारण है, अशिक्षा, अच्छी नौकरियों की कमी, सख्त और कड़ी सजा का अभाव, दिन प्रतिदिन लोगो की बढ़ती महत्वकांक्षाएं और हर क्षेत्र में बढ़ती हुयी प्रतियोगिता।

हमे  भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे क्यों कि इसकी जड़े बेहद मज़बूत है। भ्र्ष्टाचार का तात्पर्य है बुरा आचरण। ऐसा कार्य और आचरण जो गलत और अनैतिक हो। न्याय व्यवस्था के खिलाफ, जो व्यक्ति अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए गलत राह का चयन कर, उसपर चलता है वह भ्र्ष्टाचारी कहलाता है।

भ्र्ष्टाचार के कई प्रकार है जैसे रिश्वत देना, काला बाज़ारी, जान बूझकर कीमतें बढ़ाना, सस्ते सामग्री को ज़्यादा दाम में बिक्री करना, ब्लैकमेल करना, झूठा केस करना, परीक्षा में नक़ल, पैसे लेकर रिपोर्ट बनाना, पैसे लेकर जबरन वोट दिलाना इत्यादि गैरकनूनी कार्य है। एक बार व्यक्ति भ्र्ष्टाचार के दल दल में फंसता है, तो उसके लिए इससे निकल पाना मुश्किल हो जाता है।

मनुष्य कई कारणों से भ्र्ष्टाचार के मार्ग को चुन लेते है। आर्थिक और समाजिक परेशानी, अपने स्टेटस को बचाने के लिए भ्र्ष्टाचार जैसे गलत आचरण की तरफ अपने आपको धकेल लेते है। कभी कभी अपने सहकर्मी या प्रतिद्वंदी से ईर्ष्या होने की वजह से भी भ्र्ष्टाचार के मार्ग को इंसान चुन लेता है।

भारतीय राजनीति अपने भ्र्ष्टाचार तरीको के लिए आये दिन विवादों के कठघरे में खड़ा हो जाता है। हर राजनीतिज्ञ दल गलत साधनो और तरीको का उपयोग करके चुनाव जीतने की कोशिश करते है। उन्हें देश के लोगो को सच्चाई और ईमानदारी के पथ पर प्रेरित करते रहना चाहिए। आज़ादी के बाद ऐसा कभी भी नहीं हुआ। साम दाम दंड भेद जैसे नीतियों के उपयोग किये बिना वह चुनाव जीत ही नहीं सकते है। अगर आज समाज में भ्र्ष्टाचार नहीं होता, तो भारत उन्नति की शिखर पर होता।

राजनीतिज्ञ दल और उम्मीदवार का चयन सही रूप से करने की ज़रूरत है। उम्मीदवारो की पात्रता मानदंड में योग्यता निर्धारित करना ज़रूरी है। ऐसे बहुत से मंत्री है जो शिक्षित ही नहीं है। अगर वे शिक्षित नहीं होंगे तो देश और राज्य के महत्वपूर्ण फैसले कैसे ले पाएंगे।  ज़्यादातर नेता शिक्षित नहीं होते है, जिसके कारण वह भ्र्ष्टाचार जैसे गैर कानूनी चीज़ो को बढ़ावा दे रहे है। एक व्यक्ति निश्चित तौर पर देश चलाने में तभी सक्षम होंगे जब वे प्रशिक्षित और शिक्षित होंगे, अन्यथा गलत साधनो का उपयोग करेंगे और भ्र्ष्टाचार में प्रगति होगी। भ्र्ष्टाचार मुक्त समाज का गठन तभी होगा, जब इन मंत्रियों पर दैनिक निगरानी रखने के लिए उचित अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे।

भारत एक लोकतान्त्रिक देश होने के कारण, यहाँ की मीडिया बड़ी मज़बूत है। मीडिया ऐसे गलत भ्र्ष्टाचार से भरे आचरणों का स्टिंग ऑपरेशन करती है और उसे जनता के समक्ष रखती है। मीडिया ऐसे भ्र्ष्ट लोगो और राजनेताओ को बेनकाब करती है।

भ्र्ष्टाचार के कारण जो लोग योग्य होते है उन्हें काम नहीं मिलता है और जो लोग अनैतिक तरीको से कार्य कर रहे है उन्हें अच्छे अवसर प्राप्त हो रहे है। यह नाइंसाफी है। राजनीति हो या ग्लैमर वर्ल्ड, भाई भतीजावाद जैसे भ्र्ष्टाचार फैले हुए है। भ्र्ष्टाचार एक रोग की तरह है, जो समाज में भयानक रूप से फैल रही है। अगर वक़्त रहते समाज में भ्र्ष्टाचार जैसे बीमारी को फैलने से ना रोका गया, तो यह अपराध दीमक की तरह समाज को खा जायेगा। 

जीवन के हर क्षेत्र में भ्र्ष्टाचार का प्रकोप है। उदाहरण स्वरुप आईपीएल जैसे खेल में मैच फिक्सिंग जैसे आरोप सामने आये, जिसके चलते कुछ खिलाड़ी को निलंबित किया गया था और मैच खेलने पर प्रतिबन्ध लगाया गया था। नौकरियों में आपको अच्छा पोस्ट चाहिए, तो लोग रिश्वतखोरी का सहारा लेते है। आज भ्र्ष्टाचार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि समस्त दुनिया की समस्या है।

निष्कर्ष

भ्र्ष्टाचार को रोकने के लिए सरकार और न्याय व्यवस्था को कठोर नियम लागू करने होंगे। समाज की विडंबना यही है कि अगर व्यक्ति रिश्वत देने के जुर्म में पकड़ा जाता है, तो रिश्वत देकर छूट जाता है। इसी अनैतिक प्रशासन को ठीक करने की आवश्यकता है। भ्र्ष्टाचार के खिलाफ लोगो में जागरूकता फैलाने के लिए, 9 दिसंबर को अंतराष्ट्रीय भ्र्ष्टाचार विरोधी दिवस मनाया जाता है। हम भ्र्ष्टाचार को अंत करने के इस जंग में साथ खड़े है। यह जंग मुश्किल है मगर नामुमकिन बिलकुल नहीं है।

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