भारतीय संस्कृति पर निबंध

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भारतीय संस्कृति पर निबंध-Indian Culture In Hindi Essay

भारत विविधताओं का देश है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर धर्म, जाति, विभिन्न संस्कृति और अलग -अलग विचारधाराओं के लोगों का समावेश है। लेकिन इन् सबके बावजूत भारत के सभी देशवासी मिलजुलकर रहना पसंद करते है। अनेकता में ही एकता का निवास होता है। भारत का राष्ट्र -गान “जन -गन-मन अधिनायक जय है” जो की रबिन्द्र नाथ टैगोर जी ने लिखा है देश की संस्कृति और उनके मूल्यों को उजागर करता है। हमे कई परिस्थितियां और चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन किसी में इतनी हिम्मत न हुयी की भारत की बुनियाद को हिला सके।

भारत में हर संस्कृति के लोग रहते है और सब तरीके के लोगों के अलग अलग त्यौहार यहाँ मनाये जाते है। भारत में 29 राज्य और सात यूनियन टेरिटरीज है। सभी राज्यों में अलग भाषाएं बोलने वाले लोग निवास करते है। सभी राज्यों के अलग अलग लज़्ज़तदार पकवान है और सभी इन्हे मज़े से खाते है। सभी राज्यों का अपना एक विचित्र, अद्भुत और खूबसूरत इतिहास और रहस्यमय संस्कृति है, जो बाकी देशों से बिलकुल अलग है। सभी राज्यों के अपने रीति-रिवाज़ और अपनी परम्पराये है। भारतीय संस्कृति में बड़े बच्चो को नैतिक मूल्यों और शिष्टाचार के पाठ पढ़ाते है। भाईचारा, सम्मान, आदर, इंसानियत सब भारतीय संस्कृति के मूल्य है। भारत में रहने वाले सभी लोग अपने धर्म, रीति-रिवाज़ों और परम्पराओं की रक्षा करते है। भारतीय संस्कृति में मनुष्य की सोच और उसके गुणों को प्राथमिकता दी जाती है। यहाँ लोग विनम्रता पूर्वक वार्तालाप करने और अतिथि देवो भव की परंपरा को श्रद्धा के साथ निभाते है।

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे पौराणिक संस्कृति है। भारत में कई महाराजाओं ने राज किया और सबने अपनी संस्कृति, परम्पराये और रीति-रिवाज़ों का गहन छाप छोड़ा, सिंधु घाटी की सभ्यतायें इसका विशेष उदाहरण है। भारत संस्कृति की जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में कई तरह की भाषण, वाद -विवाद और निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। ताकि विद्यार्थिओं को भारतीय संस्कृति की गहराई का अध्ययन करे और इस संस्कृति को जानने में रूचि ले। भारतीय संस्कृति की गहराई का अध्ययन करने के लिए विश्व के कोने -कोने से वैज्ञानिक आते है। भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी है, 22 आधिकारिक भाषा और 400 से ज़्यादा अन्य भाषाएँ बोली जाती है। भारत में हिंदू रीति -रिवाज़ों की मान्यता है। लेकिन यहाँ सिख, इस्लाम, जैन और बौद्ध धर्मों की भी मान्यता और उचित स्थान दिया जाता है। भारत में हर भारतीय आज़ाद है और वह किसी भी धर्म का पालन कर सकता है। भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। भारत में सभी त्योहारों को मनाया जाता है जैसे की होली, दीपावली, दशेरा, दुर्गापूजा, ईद इत्यादि। सभी भारतीय एक दूसरे के धर्म, संस्कारों और त्योहारों का सम्मान करते है। हर आदमी कोई भी त्यौहार निरपेक्ष रूप से मन सकता है बिलकुल बेझिजक।

भारतीय संस्कृति अपने मशहूर साहित्य, दर्शन, कला और शास्त्रीय संगीत के लिए दुनिया भर में प्रसिद्द है।

सभ्यता और संस्कृति में फर्क है। लेकिन यह फिर भी एक दूसरे से जुड़े हुए है। हम भारतियों का रहन -सहन, पहनावे का अंदाज़ यानी ड्रेसिंग स्टाइल एक दूसरे से विभिन्न है। लेकिन फिर भी इन् विविधताओं के पश्चात भी हम एक है। एक माला में जैसे विभिन्न प्रकार के फूल होते है। सबकी सुगंध अलग होती है लेकिन सब एक साथ विरजमान रहते है। उसी प्रकार भारत में सभी राज्यों की विविधताओं के होते हुए भी सब एकता में विश्वास रखते है। भारतीय इतिहास अपने धार्मिक ग्रंथो के लिए लोकप्रिय है। विदेशो से लोग इनके बारे में जानकारी प्राप्त करते है और हमारे संस्कृति से प्रभावित होकर इसका गहन अधययन करते है। विभिन्न राज्यों के त्यौहार के दौरान अलग -अलग मिठाइयां बनती है। कहीं कोलकाता में रसगुल्ले तो दक्षिण में इडली सांभर, पंजाब में मक्के की रोटी और सरसो डा साग, कहीं सेवइयां इत्यादि अनगिनत विभिन्न भांति के लज़्ज़तदार पकवान बनते है। हर राज्य के लोग बड़े चाव से उपभोग करते है।

बाइबिल हो या कुरान या महाभारत या रामायण सब धर्मो का सम्मान भारतीय संस्कृति बखूभी करती है और सारे भारतीय भी तहे दिल से इसका सम्मान करते है। भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से पुरे दुनिया भर में अलग है। यहाँ के लोग मिल जुलकर “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा गाते है.” जो हमारे देश की संस्कृति को उजागर करता है।

निष्कर्ष

अभी वक़्त के साथ -साथ भारतीय संस्कृति में कुछ नविन बदलाव आये है। लोगो की जीवन में संस्कृति और सभ्यता में नयापन मूल्यों का समावेश हुआ है। हम अपने बड़े-बुजुर्गों से भारतीय संस्कृति और इतिहास की कई कहानियां सुनते है और प्रभावित होते है। हम भारतीय हाथ जोड़कर नमस्कार करते है और बड़ो के पैर स्पर्श करके उनका सम्मान करते है। यह हमे बाकी देशों से अलग बनाता है। हमे अपने भारतीय संस्कृति पर गर्व है। हम सभी भारतियों का कर्त्तव्य है की हम उसकी नीव बनाये रखे और अपने नैतिक और मानवीय मूल्यों को कभी न भूले। एक सच्चे राष्ट्रभक्त की तरह अपने देश और अपने परिवार की रक्षा करें और अपनी संस्कृति को आपने आने वाले युवा वर्ग तक और बच्चों तक इसे पहुंचाए।

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