दोस्तों, हम सभी जानते हैं कि खेल हमारे शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास में भी सहायक होते हैं। खेलों के विभिन्न प्रकारों में से एक तैराकी का खेल। आज हम इस लेख के माध्यम से तैराकी पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। इस निबंध में आपको तैराकी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
प्रस्तावना: तैराकी एक ऐसा खेल अथवा क्रिया है। जोकि मनोरंजन के साथ ही व्यक्ति को फिट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने हाथ-पैरों की सहायता से खिलाड़ी पानी में तैरते हैं। तैराकी की इस रेस में जो खिलाड़ी सबसे पहले तैरते हुए लाइन को छूता है, वह विजेता घोषित कर दिया जाता है। खेल में उपयुक्त नियमों का पालन करना भी आवश्यक होता है। नियमों के उल्लंघन किए जाने पर अंकों को भी काटा जाता है।
तैराकी खेल का इतिहास: प्राचीन काल से ही तैराकी गतिविधि ने लोगों के जीवन में स्थान पाया है। प्राचीन ग्रीस में सैनिकों को फिट रखने के लिए तैराकी को शर्त के आधार पर रखा जाता था। 36 ईसा पूर्व में जापान में सुईगिऊ के शासनकाल के दौरान तैराकी खेल की प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया था। इसके अतिरिक्त सन् 1603 से जापान में तैराकी को अधिकारिक रूप से प्रत्येक विद्यालय में एक खेल के रूप में अनिवार्य कर दिया गया। इसके पश्चात् तैराकी को 1896 में एथेंस में पहली बार ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया।
तैराकी खेल के प्रकार: आधुनिक समय में तैराकी खेल का स्तर व्यापक हो चुका है। राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय आदि खेलों में तैराकी को चार प्रकार से आयोजित कराया जाता है। कुछ ऐसी भी प्रतियोगिताएं होती हैं जहां इन चारों को सम्मिलित कर लिया जाता है। तैराकी खेल के रूप निम्न प्रकार है- फ्री स्टाइल स्विमिंग, बैक स्ट्रोक स्विमिंग, ब्रेस्ट स्ट्रोक स्विमिंग, बटर फ्लाई।
- फ्री स्टाइल स्विमिंग: तैराकी के इस प्रकार में पहले दाईं भुजा फिर बाईं भुजा को आगे पीछे करते हुए पानी को काटते हुए आगे बढ़ते हैं।
- बैक स्ट्रोक स्विमिंग: इसके अन्तर्गत पीठ के बल तैरने की विधि का प्रयोग किया जाता है।
- ब्रेस्ट स्ट्रोक स्विमिंग: तैराकी के इस प्रकार में तैराक दोनों हाथों का संचालन करते हुए छाती के बल पर आगे बढ़ता जाता है।
- बटरफ्लाई स्विमिंग: तैराकी का यह प्रकार तितली की भांति होता है। इसमें हाथ व पैरों की सहायता से शरीर को आगे बढ़ाया जाता है।
तैराकी खेल के नियम: तैराकी खेल में रेफरी के सीटी बजाने पर सभी तैराक खिलाड़ी दोनों पैरों को जोड़ कर पानी में कूदते हैं। इसी के साथ तैराकी खेल की शुरुआत हो जाती है। बैक स्ट्रोक स्विमिंग तथा अन्य तैराकी रेस में रेफरी द्वारा लंबी सीटी बजाता है। जिसके साथ ही सभी खिलाड़ी पानी में कूदकर तैराकी खेल में प्रदर्शन दिखाना शुरू कर देते हैं।
इसके साथ ही तैराकी खेल में किसी भी खिलाड़ी को तालाब की दीवार या किसी अन्य वस्तु को छूना मना होता है। तैराकी से संबंधित पोशाक जिसे स्विमिंग कॉस्ट्यूम बोला जाता है, को भी अनिवार्यता दी जाती है। जिसमें अपारदर्शी कपड़े अथवा ड्रेस, गॉगल्स व कैप शामिल की जाती है। तैराकी खेल प्रतियोगिताओं में तैरने में सहायक ट्यूब वर्जित होता है।
निष्कर्ष: पुराने समय में बच्चे तैराकी सीखने के लिए गांव में मौजूद तालाबों में कूद जाया करते थे। आज भी भारत के कई कस्बों में छोटे छोटे बालक तालाबों में खुद ही तैराकी सीख जाते हैं। आज सामान्य रूप से मनोरंजन के साधन के साथ-साथ तैराकी शरीर को चुस्त दुरुस्त रखने में भी सहायक है। अन्तर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली तैराकी प्रतियोगिताओं से इस क्रीड़ा का व्यापक भविष्य उजागर होता है।