मेरी माँ पर छोटे तथा बड़े निबंध Short and Long Essay on My Mother in Hindi:-
#1. 550-600 शब्दों में : माँ पर निबंध, मेर प्यारी माँ पर निबंध
माँ एक ऐसा शब्द जिसके उच्चारण के साथ ही अंतर्मन में ऐसी भावना जाग्रत होती है जो करुणा, कोमलता और दया की भावना से ओत-प्रोत होती है, यही वो शब्द है जो हर शिशु जन्म लेने के पश्चात सर्वप्रथम बोलता है, माँ शब्द को परिभाषित करना अपने आप में एक बहुत जटिल कार्य है जिसकाएक छोटा सा प्रयास मैंने किया है|एक नारी के गर्भ से जीवन का सृजन होता है जिसकी वजह से वह जननी कहलाती है|
इतिहास के पन्ने पलटे तो हम ऐसे बहुत से विद्वान एवं विचारक पाते हैं जिनको प्रसिद्धि उनकी मां की वजह से ही प्राप्त हुई थी जिनमें एक सुप्रसिद्ध नाम वीर शिवाजी महाराज का है जिन्होंने अपनी वीरता एवं साहस से मुगलों के दांत खट्टे कर दिए यह सब संभव हो पाया उनकी माता जीजाबाई की वजह से, वह विलक्षण प्रतिभा की धनी स्त्री थी शिवाजी के बाल्यकाल से ही उन्हें भगवान राम, कृष्ण और भीम इत्यादि की कहानियां सुनाया करती थी और उन्हें यह बताती थी कि किस प्रकार इन लोगों ने बुराई का विरोध किया एवं उस पर विजय प्राप्त की|
माता ही परिवार में शिशु की पहली गुरु होती है और उसके द्वारा दी गई शिक्षा शिशु के मानस पटल पर जीवन पर्यंत एक अमिट छाप बनकर रहती है, दुनिया में हर रिश्ता आपको दोबारा मिल सकता है परंतु मां का नहीं मां परिवार की गाड़ी का वह पहिया है कि यदि वह गाड़ी से अलग हो गया तो गाड़ी का दुर्घटनाग्रस्त होना निश्चित है|
मां पूरे दिन यही प्रयत्न करती है कि अपने बच्चों की आवश्यकताओं को कैसे पूरा किया जाए और बदले में कुछ नहीं चाहती, अपने बच्चों की खुशी के लिए मां अपनी खुशियों की तिलांजलि दे देती है हर रिश्ते में स्वार्थ कहीं ना कहीं जुड़ा होता है परंतु मां का प्यार तो पूर्णता निस्वार्थ होता है भारत में जितने भी महान विचारक, विद्वान, महापुरुष हुए हैं यदि हम उनकी जीवनी पड़े तो हमें यह ज्ञात होगा कि उनके चारित्रिक निर्माण में उनकी माताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है फिर चाहे वह एपीजे अब्दुल कलाम,स्वामी विवेकानंद, वीर शिवाजी या फिर गांधीजी ही क्यों ना हो|
मां जिस प्रकार अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है वैसा और कोई नहीं कर सकता वह रात- रात भर सोती नहीं है स्वयं गीले में सो जाएगी परंतु अपने बच्चे को सूखे में ही सुलाएगी,
कहते हैं प्रसव के समय एक महिला को इतना दर्द होता है जितना 600 हड्डियों को यदि एक साथ तोड़ा जाए पर वह सहती है क्योंकि वह मां होती है, मनुष्य एक बार जन्म लेता है परंतु मां का जन्म दो बार होता है दूसरी बार तब जब वह किसी और को जन्म देती है|
वर्तमान समय में आज जब मुझे समाचारों एवं टीवी के माध्यम से यह ज्ञात होता है कि किस प्रकार लोग अपनी मां को सड़कों व अनाथालयो में छोड़ जाते हैं तो बहुत दुख होता है, वह मूर्ख लोग इतना नहीं समझ पाते हैं कि जिसने उन्हें जन्म दिया जब वह उनकी देखभाल नहीं कर पाए तो और रिश्तो को क्या निभाएंगे एक पुरानी कहावत है जैसा बोओगे वैसा काटोगे यदि हर पुत्र पुत्री इस बात को समझ ले तो शायद फिर कोई देवी स्वरूपा मां सड़कों या अनाथालयो पर नहीं पाई जाएगी,जीवन के आरंभ होने से लेकर हमें बड़ा करने तक मां हमारा पालन-पोषण करती है तो क्या हम उसके बचे हुए जीवन में उसका पालन पोषण नहीं कर सकते यह करना हमारा कर्तव्य है, आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि मृत्यु के बहुत रास्ते हैं पर जन्म के लिए सिर्फ मां है अतः मेरा यह विनम्र निवेदन है कि जो भी मेरा यह लेख पड़े वह लेख पढ़ने के पश्चात सीधा अपनी मां के पास जाएं और उनके चरण छूकर यहां संकल्प ले कि वह जीवन पर्यंत अपने मां की देखभाल जरूर करेगा|
–जागृति अस्थाना- लेखक
#2. 800-900 शब्दों में: मेरी माँ पर निबंध-मेरी आदर्श माँ पर निबंध–My mother-essay-in-hindi
प्रस्तावना: ईश्वर की सबसे खूबसूरत रचना है माँ। माँ जो अपने बच्चो को सबसे ज़्यादा प्यार करती है। उनकी ख़ुशी के लिए वह अपना सब कुछ न्यौछावर कर सकती है। माँ सुबह उठकर परिवार के लिए भोजन बनाती है। परिवार के सभी सदस्यों के ज़रूरतों का ध्यान रखती है। मेरी माँ सबसे सुन्दर और प्यारी है। माँ से अधिक प्यार हमे जीवन में कोई कर ही नहीं सकता है। वह हमें बचपन से ही पाल पोस कर बड़ा करती है। माँ मेरे खुशियों के लिए सब कुछ त्याग कर देती है। वह पिताजी के लिए समय पर टिफ़िन बनाती है और उनके ज़रूरतों का ख्याल रखती है। अपनी इच्छाओ और सपनो को भूलकर वह हमेशा अपने बच्चो और परिवार के लिए सोचती है।
मेरे लिए माँ ही मेरी भगवान् है। जब ही कोई समस्या होती है , मैं माँ से जाकर अपना मन हल्का कर लेती हूँ। इस दुनिया में मुझे माँ से बेहतर कोई नहीं समझता है । मेरे बिन बोले ही मेरी माँ मेरे मन की बात जान लेती है। मेरे आने से पहले ही वह मेरे आहट को पहचान लेती है।
जब ही मुझे परेशानी होती है , तो माँ उसे सुलझाने के लिए मुझे सलाह देती है। माँ घर के साथ साथ दफ्तर भी जाती है। जितनी भी थकान हो या कमज़ोरी हो , माँ सबका ध्यान रखती है। इसलिए मैं उनका हमेशा ध्यान रखती हूँ। घर और दफ्तर को मेरी माँ बखूभी संभालती है। माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। अगर मुझसे कोई गलती हो जाए तो मुझे माँ प्यार से समझाती है।
जिसके जीवन में माँ होती है, उनके जीवन में हमेशा आशीर्वाद और प्यार बना रहता है। माँ मेरे जीवन की प्रेरक स्रोत है। मेरी माँ हमेशा मुझे खुश रखने की हमेशा प्रयत्न करती है। माँ हमेशा सुबह उठती है और सबके उठने से पहले सब कुछ तैयार कर लेती है। वह हमेशा मेरी चिंता करती है। जब तक मैं घर नहीं आती उनकी नज़रें घर के दरवाज़ें पर रहती है।
माँ त्याग और ममता की मूरत है । जब तक हम भोजन नहीं करते तब तक वह भोजन नहीं करती है। माँ के जितना परवाह इस जीवन में कोई नहीं कर सकता है। माँ हमारी सच्ची मार्ग दर्शक है। जब भी हम ज़िन्दगी में भटक जाते है , माँ हमें सही मार्ग दिखाती है। माँ अपने बच्चो को अच्छे संस्कार देती है और अच्छी शिक्षा देती है ताकि वह जिंदगी में एक अच्छे और कामयाब इंसान बन सके।
माँ जितनी दयालु इस संसार में कोई भी नहीं है। माँ को ऐशो आराम और दौलत कुछ नहीं चाहिए । उन्हें सिर्फ अपने बच्चो की खुशियां चाहिए। एक माँ के लिए उनके बच्चो से बढ़कर और कुछ नहीं होता है। जितना माँ अपने बच्चो के लिए त्याग कर सकती है शायद ही कोई कर सकता हो।
माँ हमेशा अपने बच्चो को सच बोलना सीखाती है। वह ईमानदारी और परिश्रम करके जीवनयापन करने की सीख देती है। जैसे ही हम जीवन के तकलीफो का सामना करते है , माँ के आँचल में आते ही सारे गम भूल जाते है। उनकी प्यार और ममता भरी थपकी हमे सुकून दिलाती है। जब ही मैं बीमार पड़ती हूँ , माँ हमेशा मेरी देखभाल करती है। ऐसा वह तब तक करती है , जब तक मैं ठीक ना हो जाऊं।
माँ अगर कभी हमसे नाराज़ भी हो जाए , तो ज़्यादा समय तक रूठी नहीं रहती है। वह अपने बच्चो और परिवार के भविष्य के लिए हमेशा भगवान् से प्रार्थना करती है।वह हमें कहती नहीं है कि उनकी तबियत खराब है या वह थक गयी है। मगर मैं माँ के आँखों को देखकर समझ जाती हूँ। माँ के कामो में जितना हो सके मैं सहायता करती हूँ। हम जिंदगी में कितने ही बड़े क्यों ना हो जाए , अपने माँ के लिए सिर्फ बच्चे ही रहेंगे ।
उनकी सलाह हमेशा मेरे लिए सही होती है। माँ हमारी सबसे पहले गुरु होती है। वह हमारे हाथों को पकड़कर लिखना सीखाती है। वह हमेशा ध्यान रखती है कि हम ठीक से पढ़ाई कर रहे है या नहीं। जीवन में हम कभी भी निराश हो गए तो हमारे लिए उम्मीद की किरण बनती है।
चाहे हम जिन्दगी में कितने ही ऊँचे मुकाम तक पहुँच जाए , माँ के लिए हमेशा उनके बच्चे होते है। माँ हमेशा हमारी परवाह करती है। जब तक हम चैन की नींद नहीं सोते , वह भी नहीं सोती है। माँ बहुत ही मज़बूत होती है। वह सभी मुश्किल हालातों से लड़कर हमे अच्छी जिन्दगी देने की कोशिश करती है। जीवन में सारे कष्ट सहती है ताकि हम खुश रहे। इसलिए हमे जीवन पर्यन्त अपने माँ की दिल से सेवा करनी चाहिए। माँ से बढ़कर और माँ से आगे कुछ नहीं होता है। माँ बच्चो को स्कूल के लिए तैयार करती है। उन्हें हर चीज़ वक़्त पर देती है ताकि उनके बच्चे जीवन में कभी भी पीछे ना रहे। उनका जीवन अपने बच्चो से आरम्भ होता है , उन्ही पर जाकर ख़त्म होता है।
निष्कर्ष
अगर बच्चा दुखी होता है , तो माँ अपने प्यार से तुरंत बच्चे को मना लेती है। ईश्वर का दिया हुआ खूबसूरत वरदान है माँ। मैं अपने माँ से बहुत प्रेम करती हूँ। माँ को खुश रखना मेरी भी जिम्मेदारी है जो मैं हमेशा निभाऊंगी। माँ है तो जीवन की सारी मुश्किलों को हम पार कर लेते है। उनकी ख़ुशी हमसे जुडी हुयी होती है। माँ का आशीर्वाद बना रहता है तब जाकर उनके बच्चे एक अच्छे और काबिल इंसान बनते है।
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