बुरी आदत/लत पर निबंध

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बुरी आदत/लत पर निबंध, Essay on bad habits in hindi

लत जिसकी वजह से  मनुष्य अपना नियंत्रण खो बैठता है।  उसे सही और गलत में फर्क नज़र नहीं आता है।  लत अगर बुरी है तो निश्चित तौर पर मनुष्य के लिए खतरनाक है।  किसी भी वस्तु या किसी भी चीज़ के ना मिलने पर , इंसान बैचेन हो जाता है।  उसके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है। उसे लत कहते है। कुछ  मनुष्यो में अच्छी आदतों के साथ बुरी आदतें भी  होती है।  लेकिन बुरी आदत अगर जीवन बर्बाद कर दे , तो वह सही नहीं होता है। कुछ पलो के आनंद के लिए लोग गलत आदतों / लत में फंस कर रह जाते है।  कभी कभी वह इसमें इतने फंस जाते है , उनसे बाहर निकल नहीं पाते है।  कुछ लोग ऐसे बुरी आदतों से निकल जाते है।  वह तभी निकल पाते है जब वह इन बुरी आदतों को छोड़ने के संकल्प को निभाते है।

लत एक ऐसी आदत होती है जो इंसान को बार बार गलत चीज़ करने पर मज़बूर कर देती  है। लत के कारण जब तक इंसान को वह चीज़ मिलती नहीं है वह व्याकुल रहता है और उसके सेहत में बदलाव देखे जा सकते है। आदत और लत में फर्क होता है। हम अपने आदत को नियंत्रित कर सकते है , मगर लत को कोई नियंत्रण नहीं कर पाता है।

लत का तात्पर्य है मनुष्य के किसी भी आदत का अतिरिक्त हो जाना।  जैसे नशीले पदार्थों का सेवन , जुआ खेलना यह सब लत के जीते जागते उदाहरण है। एक बार नशीले पदार्थ जैसे सिगरेट , तम्बाकू और शराब इत्यादि जैसे गलत नशीले पदार्थों की आदत मनुष्य को लग जाती है।  इससे उनका जीवन और स्वास्थ्य दोनों बर्बाद हो जाता है।

लत में पड़ने की कुछ ज़रूरी वजह होती  है।   कुछ व्यक्ति  अपने जीवन में व्याप्त  दुःख , चिंता और डिप्रेशन जैसे भावनाओ से परेशान हो जाते है।  इन सब से भागने के लिए वह नशे के शिकार बन जाते है। कभी कभी व्यक्ति की संगति बुरी होती है। कभी कभी हमारे मित्र लत में पड़ जाते है।  वह भी दूसरे लोगो को उत्साहित करते है कि वह भी उनके राह पर चले , जिसकी वजह से बहुत लोग शराब और सिगरेट जैसे  लत में पड़ जाते है।

आजकल की युवा पीढ़ी आधुनिक जीवन जीते है।  छोटा सा जश्न हो या कभी काम से फुर्सत मिलते ही वह अपने मित्रो के साथ शराब पीने चले जाते है। सिगरेट पीना , जुआ खेलना यह सब आधुनिक जीवन के हिस्से मानकर चलते है। यह सब कुछ नहीं है बस नशे के लत को प्रोत्साहित करना कह सकते है। यह सब नशे बस कुछ पल के आनंद के लिए होते है।  आखिर में नशीले पदार्थों के नियमित सेवन के वजह से  मनुष्य का पतन निश्चित है।

बुरे लत की वजह से वह अपने परिवार के सदस्यों से बुरा बर्ताव करता है।  उसके सोचने समझने की ताकत खत्म हो जाती है। लत की वजह से मनुष्य अपना काम खो बैठता है। उसका वक़्त और पैसा सब नशीले पदार्थों में समाप्त हो जाता है। वह नशीले पदार्थों पर इतना निर्भर हो जाता है कि वह अच्छे बुरे और सही गलत में फर्क नहीं कर पाता है। व्यक्ति सब कुछ जानकर भी अपने नशे की लत को दोहराता है।  इससे उसे कुछ हासिल नहीं होता बस बर्बादी की ओर खींचा चला जाता है। आजकल ज़्यादातर व्यक्तियों में मोबाइल के  लत को देखा जा सकता है। । लोग मोबाइल के बिना कुछ घंटे भी नहीं बिता पाते है। मोबाइल के कारण ज़रूर  जीवन सरल हो गया है , लेकिन मनुष्य अपने खाली समय में अपनों के साथ कम , मोबाइल के साथ ज़्यादा व्यतीत करते है।

युवाओं में मोबाइल का प्रचलन ज़्यादा है।  मोबाइल पर गेम खेलना , सोशल मीडिया पर नियमित सक्रीय रहना , गाने सुनना , घंटो मोबाइल पर बातें करना यह सब आजकल युवा वर्ग में अधिकतर देखा जाता है।  मोबाइल की  इस  लत के कारण युवाओ का पढ़ाई में कम ध्यान रहता है।  गाड़ी चलाते वक़्त मोबाइल में बात करते हुए बहुत सारे लोग पकड़े जाते है।  इससे दुर्घटनाएं भी होती है।

जिस व्यक्ति को बुरी लत होती है , वह ज़िन्दगी में मान सम्मान जो भी कमाता है , वह खो बैठता है। जिसे बुरी लत होती है उसे समाज अस्वीकार करता है।  समाज में रह रहे सभी लोग उसकी इज़्ज़त नहीं करते है।  यदि मनुष्य दृढ निश्चय के साथ लत से बाहर आना चाहता है , उसे खुद कोशिश करनी होगी।  ऐसे कई लोग है , जो कम उम्र से नशीले पदार्थों के शिकार बन जाते है लेकिन परिवार के समझाने पर उस नशे की काली दुनिया से निकल भी आते है।मनुष्यो को बुरी आदतें और लत अपनानी नहीं चाहिए।  जीवन के हर मोड़ पर सोच समझकर फैसले लेने चाहिए अन्यथा जिन्दगी बर्बाद हो सकती है।

निष्कर्ष

बुरी लत हमारे जीवन को नरक बना सकता है।  वस्तुओं या किसी भी सामग्री  का सीमित उपयोग हमें जीवन में सुखी रख सकता है।  नशीले पदार्थों से कैंसर इत्यादि भयंकर बीमारियां जन्म लेती है।  इसलिए मनुष्य को इन वस्तुओं के सेवन से दूर रहना चाहिए। यह अपनों को हम से दूर कर सकता है और हमे  बर्बादी की ओर धकेल देता है।

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