खेल का महत्व पर निबंध

प्रस्तावना:- आज के आधुनिक और प्रगतिशील युग में मानव जल्द ही अपना विकास करना चाहता है और सब कुछ जल्दी ही पा लेना चाहता है। वह समय के साथ इतनी तेजी से दौड़ लगाता है कि अपना शारीरिक और मानसिक संतुलन संभल नहीं पाता। ऐसे समय में  फिर से अपने जीवन में संतुलन लाने के लिए वह खेलों की तरफ मुड़ता है। खेल किसी भी उम्र का व्यक्ति कोई भी खेल, खेल सकता है आज के इस दौर-भाड़ और तनाव युक्त जिंदगी से दूर होने के लिए व्यक्ति खेलों की ओर मुड़ा है।

दुनिया में खेल का महत्व आज से नहीं मगर इतिहास में इसका मूल्य व्यक्ति के जीवन में समझाने का प्रयास किया गया है खेल व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है वहां किसी भी तनावपूर्ण स्थिति को दूर करने में सहायक रूप बनता है और व्यक्ति में नया साहस और स्फूर्ति फल देता है। विद्यार्थियों के स्कूल काल में ही खेल एक अभिन्न अंग है विद्यार्थियों को खेल खेलना बहुत ही अच्छा लगता है खेल जो दो व्यक्ति या दो समूहों के बीच में खेला जाता है खेल इनाम या आनंद के लिए भी खेला जाता है।

खेल के दो प्रकार होते हैं खेल का एक प्रकार आउटडोर खेल है जो ज्यादातर मैदान में खेला जाता है जैसे क्रिकेट, हॉकी, दौड़ वॉलीबॉल आदि खेल है आउटडोर खेल को खेलने से विद्यार्थीओ में लगन, नियमितता, धैर्य जैसे आदि गुणों का विकास होता है जो विद्यार्थी के भविष्य के जीवन को समूह कार्य और अनुशासन जैसे गुणों का विकास करता है इसके साथ-साथ विद्यार्थी के शारीरिक और मानसिक क्षमता का भी विकास होता है खेल का दूसरा प्रकार है इनडोर खेल जो घर के अंदर या स्कूल के अंदर भी खेले जाते हैं शतरंज सुडोकू आदि खेल विद्यार्थी के मानसिक शक्ति और मन एकाग्र करने की क्षमता का विकास करते हैं कोई खेल ऐसे हैं जो दोनों प्रकारों में भी आते हैं जिसे खेलने से विद्यार्थी के शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास करते हैं।

खेल का सच्चा आनंद बाल्यावस्था में ज्यादा आता है बच्चे खेल खेलने में कभी भी थकते नहीं है, वह खेल चाहे घर का हो या अपने गली मोहल्लों का।  बच्चों को खेलने के लिए न कोई इनाम की आशा होती है ना ही कोई नाम की वह तो बस अपने दोस्तों के साथ खेल खेलने में आनंद लेना ही चाहते हैं उनके लिए तो खेल मात्र आनंद प्राप्त करने का साधन होता है। हर एक खेल के अपने-अपने  नियम और खेलने के तरीके अलग-अलग होते हैं। जो आजकल स्कूलों द्वारा उसके अभ्यासक्रम में शामिल करके बच्चों के जीवन में उनका महत्व और उनसे मिलने वाले लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त कराना है।

आज के समय में खेलकूद का भी एक विषय और ताश भी होते हैं जिसमें खेल के विशेषज्ञों द्वारा खेल बच्चों को सिखाया जाता है जिससे बच्चे बचपन से ही अनुशासन समय बदला समूह में कार्य करने जैसे गुणों का विकास होता है जो बच्चों के जीवन में आगे चलकर बहुत ही उपयोगी हो सकते हैं। खेल सिर्फ स्कूलों में ही नहीं मगर आजकल तो देश की विकास के पहचान के रूप में भी देखा जाता है। विदेशों में तो खास खेलों का आयोजन किया जाता है जिसमें अलग अलग देश उस में भाग लेते हैं और अपने खिलाड़ियों द्वारा खेल खेलकर विजय होते हैं। खेल को तो आजकल अपने कैरियर के रूप में भी चुना जाता है जिसमें माहीर होकर खिलाड़ी नाम पिता प्रसिद्धि आदि भी पा सकता है। किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए कठिन मेहनत सच्ची लगन की जरूरत होती है उसी तरह खेल जगत में आगे बढ़ने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों तंदुरुस्त हो वह बहुत ही आवश्यक है।

खेलों को बढ़ावा देने के लिए आजकल सरकार द्वारा भी प्रोत्साहन और इनाम आदि का प्रबंध किया गया है जिसमें हर खिलाड़ी जब देश के लिए कोई खेल खेलता है तब उस खिलाड़ी के साथ साथ देश का भी नाम रोशन करता है खेल चाहे किसी भी प्रकार का खेला जाए बस वह सच्चे मन, लगन, आत्मविश्वास के साथ खेला जाए तो वह उसमे जरूर सफल होता है।

उपसंहार:-  खेल का महत्व देश और हर किसी के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है खेल से ही हम अपना संपूर्ण विकास कर सकते हैं इसीलिए आज के युग में हर व्यक्ति ने खेल के महत्व को जाना, समझा और स्वीकार किया है खेल का मनुष्य के जीवन में बहुत ही महत्व है

लेख:-हेतल जोशी (गुजरात )

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