लॉकडाउन पर निबंध

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लॉकडाउन ( LockDown ) के फायदे और नुक्सान
Hindi Essay on coronavirus lock-down in India

प्रस्तावना: लॉकडाउन यह मानव-जाति के इतिहास में पहली बार है, जहाँ पुरे देश में धारा 144 के तहत सबको घर पर रहने की सलाह दी गयी है। यह इसलिए की गयी है क्यों की एक ऐसी जानलेवा वायरस ने हमला बोल दिया। पुरे दुनिया में लाखों लोगो की जान चली गयी है और अब भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। कोरोना वायरस से बचने की सिर्फ एक ही उपाय है सामाजिक दुरी, यह संक्रमण एक इंसान से दूसरे इंसान में तेज़ी से फैलता है। भारत सरकार ने हिदायत दी है की हम पर्सनल और प्रोफेशनल रिश्तों से हर संभव दुरी बनाये रखे, तभी हमे इस वाइरस से मुक्ति मिल सकती है। भारत के सभी राज्यों में लोग घर पर रहकर सरकार के कड़े निर्देशों का पालन कर रहे है।

लॉकडाउन के  फायदे( Advantages of lockdown) :

रोजमर्रा की जिन्दगी में हम दफ्तर के कार्यों में इतने मसरूफ हो जाते है की हमें अपने परिवार के साथ वक़्त बिताने का मौका नहीं मिलता। पहले 21 दिनों के लॉकडाउन में हमें वह बेहतरीन पल मिले जिसे अपने प्रिय परिजनों के साथ वक़्त व्यतीत किया।

जहाँ कुछ लोगों ने यूट्यूब से वीडियो देखकर भोजन बनाना सीखा। कुछ लोगों ने घर पर परिवार संग अंताक्षरी खेला, कुछ ने मशहूर चलचित्र और वेब-सेरिस देखा। कुछ लोगों जिन्हे अपने बच्चों के साथ वक़्त बिताने का मौका नहीं मिलता, लॉकडाउन के कारण वह सुअवसर प्राप्त हुआ। बच्चों के साथ वीडियो गेम्स, कैरम जैसे गृहखेल का बड़ो ने आनंद लिया। विद्यालयों में छुट्टी होने के कारण घर बैठकर शिक्षको ने ऑनलाइन क्लासेज का सहारा लिया ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा में कोई रूकावट न आये।

लोगों को लॉकडाउन के इन कुछ दिनों में अपने दिल में दबे शौक पूरा करने का अवसर मिला। आम आदमी से लेकर बड़े बड़े सेलेब्रटीज़ ने इसका लुफ्त उठाया। किसी ने कोई वाद्य यन्त्र बजाना सीखा, किसी ने नृत्य सीखा और अभ्यास किया जो दैनिक जीवन में असंभव है।

लॉकडाउन रहने से कोरोना वायरस के मरीज़ो में गिरावट आएगी और संक्रमण फैलने का खतरा कम हुआ। हमारे रोजमरा की ज़िन्दगी की चीज़ों में कमी न हो इसलिए किराने की चीज़े, फल, सब्जी, दवाइयां बाजार में उपलब्ध है। लॉकडाउन से बड़े-बड़े कारखानों और वाहनों का चलना निषेद हो गया है इससे एक अच्छी चीज़ हुई है जो है प्रदुषण की कमी। कल-कारखाने  का कचड़ा बाहर जल में प्रवाहित कर दिया जाता था।

उस पर रोक लग गया है। वायु प्रदुषण में नियंत्रण आ चूका है। नदियों का जल स्वछता की और अग्रसर हो रहा है। यमुना का जल पहले से अधिक साफ़ लग रहा है। वायु, ध्वनि और जल -प्रदूषण में गिरावट आयी है जो प्रकृति की दृष्टि से लाभदायक है। परिंदे आकाश में स्वछंद रूप से सैर कर रहे है। वायु पहले के मुकाबले शुद्ध हो गया है।

आकाश का रंग नीला है हम सब भूल गए थे। लॉकडाउन की वजह से प्रदुषण में कमी आयी है जिसकी वजह से नीले आसमान को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

लॉकडाउन के नुकसान (Disadvantage of LockDown) :

बड़े-बड़े दफ्तर, कल-कारखाने को बंद करने के वजह से मज़दूरों पर आफत आन पड़ी है। जो मज़दूर दैनिक मज़दूरी पे जीते थे उनके घरो में चूल्हा जलना बंद हो गया है। बस्ती में लोग भूखे पेट सो रहे है। गरीब लोगो पर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर पड़ा है, उनके पास घर लौटने के पैसे तक नहीं है। देश में ऐसी परिस्थिति की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री रहत कोष से जरूरत मंद लोगो की सहायता करने का निर्णय लिया। बहुत सारे लोगो ने भी आगे आकर जरूरत मंदो की मदद कर रहे है। लगभग सभी देशो के करोबार को भरी नुकसान भी पंहुचा है।

बड़े बड़े कारखाने को बंद रखने के वजह से उनको भयानक नुकसान सहना पड़ रहा है। बाकी व्यबसाहियों को भी इस परिस्थिति में काफी नुक्सान उठाना पड़ रहा है। लॉकडाउन से भारत को अनुमन 100 अरब डॉलर तक का घाटा होने की आशंका है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित 2000 से ऊपर पॉजिटिव केस की संख्या पायी गयी है। कोरोना की वजह से 14 अप्रैल तक देश में पुरे तरह से लॉकडाउन करने का फैसला लिया गया। भारतीय की अर्थव्यवस्था हर दिन 4.5 अरब डॉलर यानि करीब 34 हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान हो सकता है। लोगो के आवाजाही पर फिलहाल पूरी तरह से रोक है। कुछ ज़रूरी सामान और सेवाओं को छोड़कर बाकी सारे कारोबार बंद पड़े है। कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए यह सरे निषेध किये गए है।

सबसे ज्यादा नुक्सान टूर और ट्रेवल, फ़ूड, रियल एस्टेट जैसे इंडस्ट्री को हुआ है। भारत में लॉकडाउन के कारण घर में रहते हुआ लोगो को मानसिक समस्या हो सकती है। इससे छोटे बच्चो को काफी समस्या हो रही है, क्योकि वह बाहर खेलने या स्कूल जाने में असमर्थ है। कई लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते है। इन सबसे बचने के लिए एक उपाय यह है की अपने आप को ज्यादा से ज्यादा काम कार्यो में मसरूफ रखना ताकि यह सारे ख्याल हमारे मस्तिष्क में न आये।

उपसंहार: भारत में प्रधानमंत्री ने कोरोना के प्रकोप को नियंत्रण करने के लिए 14 अप्रैल तक पूरी तरह से लॉकडाउन की घोसना की थी लेकिन संक्रमण को बढ़ते हुए इसकी तारिक 3 मई तक बढ़ा दी गयी है, और हमसे यह प्रत्याशित है की हम उनके इस निर्णय का पूर्ण रूप से समर्थन करे और सरकार की सहायता करे। इन निर्देशों का पालन करना हमारा कर्त्तव्य है ताकि जल्द से जल्द इस जानलेवा बीमारी-महामारी से मुक्ति मिल सके। तभी जाकर हम सामान्य जीवन व्यतीत कर पाएंगे, ज़िन्दगी से बढ़कर कोई चीज़ नहीं होती, घर पे रहकर ही हम इस महामारी पर नियंत्रण कर सकते है।

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