हर किसी के जीवन का उद्देश्य होता है। बिना उद्देश्य जीवन ऐसा प्रतीत होता है, जैसे बिना पानी मछली… हर व्यक्ति के कुछ-न-कुछ सपना जरूर होता है कि उसको किस मुकाम तक पहुंचना है। हर मनुष्य की अपनी-अपनी आकांक्षाएं होती है, जिसे वह पूरा करने के लिए दिन-रात महेनत करता है। उद्देश्य का अर्थ है:- इरादा जिसको पाने के लिए कोशिश करना। आज हम इस लेख में मेरे जीवन के उद्देश्य पर निबंध लिखेंगे। आइए शुरू करते है।
जीवन का उद्देश्य
हर व्यक्ति के जीवन का पहला उद्देश्य है कि लक्ष्य प्राप्ति के पहले व्यक्ति को कई प्रकार की विपत्ति का सामना करना पड़ता है। कुछ लोगों को संगीत, नृत्य, राजनीति में अपना नाम कमाना होता है, तो कुछ को डॉक्टर, अभिनेता आदि क्षेत्र में जाकर नाम कमाना होता है। हर व्यक्ति का उद्देश्य और लक्ष्य अलग-अलग होता है।
व्यक्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उसके घरवाले, दोस्त इत्यादि उनका साथ देकर हौंसला बढ़ाते है। जिस क्षेत्र में आपका जूनून है, उसे ही अपनी इच्छा शक्ति बनाकर उभारें। मनुष्य को अपने जीवन के लक्ष्य को एक अर्थ अवश्य देना चाहिए। वहीं, बिना उद्देश्य वाला व्यक्ति बिना पतवार के लक्ष्य जैसे होता है।
उद्देश्य का महत्व
अगर हमे अपने लक्ष्य को पूरा करना है, तो हमें सफलता की सीढ़ी को पूरा पार करना होगा। उस दौरान चाहे कितनी भी मुश्किले क्यों न आए। हमारे जीवन में लक्ष्य का बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि मनुष्य बिन लक्ष्य कुछ भी नहीं है। हर व्यक्ति का उसके जीवन में कोई-न-कोई लक्ष्य जरूर होता है। चाहे वो छोटा हो या बड़ा… लक्ष्य का जीवन में होने से जीवन जीने में बहुत ही आनंद आ जाता है। किसी भी उद्देश्य का होना हमारे जीवन जीने का सबसे सर्वोत्तम तरीका है।
उद्देश्य के प्रकार
हर मनुष्य के जीवन में उद्देश्य होते है और उस उद्देश्य के कई प्रकार भी होते है। चलिए जानते है कि उद्देश्य के कितने प्रकार होते है।हर व्यक्ति की भावनाएं और व्यक्ति का स्वभाव आदि अलग-अलग होता है, उसी तरह से सभी मनुष्य के उद्देश्य भी अलग-अलग होते हैं। जैसे- कुछ मनुष्य को शिक्षक बनना होता है, कुछ व्यक्ति की चाहत पायलट बनना है, किसी को डॉक्टर बनना है, कुछ को इंजीनियर बनना, तो किसी को आर्टिस्ट बनना है, तो कई लोग मेकअप कला की ओर जाना चाहते हैं। इसी तरह से हर व्यक्ति के उदेश्य अलग-अलग होते है।
जीवन का सही उद्देश्य कैसे चुने?
जब बच्चा पैदा होता है, तो वह घर में ही रहता है और उसकी पहली शिक्षिका उसकी मां और उसका परिवार होता है। यदि किसी भी व्यक्ति को अपने उद्देश्य में दिक्कत या कंफ्यूजन हो रही हो, तो उसे सबसे पहले अपनी जननी यानि कि मां के पास जाना चाहिए, क्योंकि पूरी दुनिया में एक वो ही है, जो आपको आपसे भी बेहतर सझती है। साथ ही वो आपके भविष्य के लिए ऐसा कुछ नहीं बताएगी और न उस रास्ते जाने लेगी जहां पर आपको दिक्कतों का सामना करना पड़े। और आपको अपने सभी प्रशनों का उत्तर भी उसके पास से ही मिलेगा।
आजकल की युवा पीढ़ी काफी कंफ्यूजन में रहती है कि वो क्या करें। ऐसा इसलिए क्योंकि आजकल उनके सामने कई सारे विकल्प खुल गए हैं, जिससे वह असमंजस में पड़ जाते हैं। ऐसा होने पर आप अपने प्रियजनों से या फिर अपने गुरू से बातचीत करके समस्या का हल पा सकते है।
लक्ष्य को कैसे करें प्राप्त?
अगर आप हमने लक्ष्य को लेकर सीरियर है, तो उसे पाने के लिए आपको दिन-रात मेहनत करनी होगी। नीचे दिए कुछ बिंदु पर नजर डाले, ऐसा करने से अपने लक्ष्य को पाने में दिक्कतों का सामने डटकर कर पाएंगे…
- हमारा जो लक्ष्य है, उसके प्रति हमे हमेशा सक्रिय रहना चाहिए।
- आजकल ध्यान बटाने और नकारात्मक बातों का हमारे दिमाग पर जल्दी असर होता है, जितना हो सके उतना नकारात्मक बातों को दिमाग से निकाले और खुश रहे और अपने उद्देश्य पर फोकस करें।
- अपने काम को जल्दबाजी में ना करें। अपने सभी कामों को धैर्य पूर्वक और काम में संतुलन बनाकर करना चाहिए।
- लक्ष्य प्राप्त करने में असफलता बार-बार मिलेगी। जितना हो सके उतना असफलता और मुसीबतों से ना घबराए।
- लक्ष्य को प्राप्त करना है, तो हमेशा सफल व्यक्ति से सहायता लेनी चाहिए।