कोरोना काल में जीवन में चुनौती पर निबंध लेख

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कोरोना के साथ जीने के चुनौती पर निबंध।

कहा जाता है कि मनुष्य का जीवन चुनौतियों से भरा होता है। प्रत्येक मनुष्य को जीवनयापन हेतु विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मनुष्य अपनी क्षमतानुसार इन चुनौतियों में सफलता प्राप्त करता जाता है व पुनः जीवन को सामान्य अवस्था में ले आता है। परंतु जब जीवंत सामान्य रूप से चल रहा हो और उस दौरान यदि कोई प्राकृतिक आपदा, महामारी, अन्तर्राष्ट्रीय संकट इत्यादि परिस्थितियां उत्पन्न होने लगती हो तो इन परिस्थितियों के कारण मानव का जीवन सामान्य रूप से व्यतीत करना एक कठिन चुनौती बन जाती है। यह परिस्थितियां व्यक्ति को शारीरिक रूप व आर्थिक रूप के साथ साथ मानसिक रूप भी कमजूर बना देती है।

वर्तमान में कोरोना महामारी एक भयंकर अग्नि की भांति पूरे विश्व में फैलता जा रहा है। तथा लाखों, करोड़ों की संख्या में लोगों के जीवन का तबाह कर चुका है। हर व्यक्ति कोरोना वायरस से बचने के लिए सामाजिक दूरी बना कर रख रहा है, ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को पुनः अपने जीवन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए अकल्पनीय चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न चुनौतियां-

अर्थव्यवस्था संबंधी चुनौती

कोरोना महामारी ने भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया के अधिकतर देशों की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। चीन, अमेरिका जैसे विकसित देशों की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में, वर्ल्ड बैंक के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर 5% रह गई है तथा 2020-21 में अर्थव्यवस्था की दर भारी गिरावट के कारण यह दर 2.8% रह गई है। इस समय सरकार के सामने बेहद गंभीर चुनौती आ खड़ी हुई है। देश की अर्थव्यवस्था अपने पैरों पर खड़ी होने लगी थी परन्तु इस महामारी ने अर्थव्यवस्था को फिर से आरंभ की स्थिति में ला दिया है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि कोरोना महामारी एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट ही नहीं था अपितु ये एक आर्थिक संकट बन चुका हैं। इसी कारण विदेशी निवेश की संभावना भी न के बराबर ही है।

इसके अतिरिक्त, वह व्यक्ति समूह जो मजदूरी करता, फेरी वाला है, दिन की दहाड़ी में कार्य करके अपना घर चलाता है, उन्हें बेहद गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां –

एक स्वस्थ समाज का विकास करने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक का स्वस्थ होना आवश्यक है। इसी कारण प्रत्येक देश अपनी आर्थिक उन्नति के साथ स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को भी उन्नत करने का प्रयास करता है। 2019 में चीन के वुहान से शुरू होने वाला कोरोना वायरस के कारण दुनिया के तमाम शहरों को महामारी का सामना करना पड़ रहा है।

कोरोना वायरस नाम की यह महामारी वैश्विक स्वास्थ्य संकट घोषित किया जा चुका है। इस महामारी के कारण स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यशील चिकत्सकों व कर्मचारियों के समक्ष भी बेहद चुनौतियां है। संक्रमित मरीजों का इलाज आखिर इन्हीं के हाथों में है, परंतु 2021 में इस वायरस के कारण जो ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की कमी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और चुनौती पैदा कर दी। हालांकि केंद्रीय सरकार द्वारा ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की उचित व्यवस्था का प्रयास लगातार तेजी किया जा रहा है। इस वैश्विक महामारी का निसंदेह भविष्य में भी नकारात्मक असर पड़ेगा। वर्तमान में कोरोना वायरस तीसरी लहर पर सवार होने वाला है, इसके अतिरिक्त देश में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कोरोना वैक्सीन का कार्य भार भी संभाला जा रहा है। वैक्सीन अभियान को भी लक्ष्यानुसर पूर्ण करना एक विशेष चुनौती है।

नागरिकों में कोरोना वैक्सीन को ही कोरोना वायरस से बचने का सहारा माना जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही सामाजिक दूरी व मास्क का प्रयोग करना मुख्य रूप से आवश्यक है।

सामाजिक तथा नैतिक चुनौतियां-

इस महामारी ने व्यक्तियों के मध्य ऐसी सामाजिक दूरियां बना दी है, जिसके प्रभाव से आज प्रत्येक व्यक्ति अपने समक्ष आने वाले इंसान को भयावह नज़रों से देखने लगा है। स्थिति इस क़दर उलझ गई है कि अपने सगे- संबंधियों के मृत्यु पर भी जाना सोच का विषय बन गया है। हर व्यक्ति स्वयं के बचाव में लगा है, अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वार्थी बनता जा रहा है। समाचारों के माध्यम से यह भी सामना आया है कि देश के कई लोगों द्वारा नकली इंजेक्शन, दवाइयां आदि का सप्लाई भी किया जा रहा है। ऐसी परिस्थितियों में एक दूसरे के प्रति विश्वास की भावना बनाए रखना गंभीर चुनौती है। हालांकि ऐसे लोगों के बीच कुछ ऐसे व्यक्ति भी मौजूद है जो महामारी से परेशान लोगों को भोजन, कपड़ा, छत का इंतजाम करा रहे है। लेकिन यह सामाजिक दूरियों ने लोगों के हृदय की दूरियों को भी बढ़ा दिया है।

कोरोना वायरस के कारण देश की अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, सामाजिकता तथा प्रत्येक क्षेत्र की प्रगति का पुनः विकास करना सरकार के सामने तथा देश के प्रत्येक नागरिक के सामने चुनौती है। तथा इस चुनौती में सफलता प्राप्त करने के लिए सरकार तथा देश का प्रत्येक व्यक्ति जागरूक है तथा प्रयासरत है।

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