मेरा मतदान हिंदी निबंध

‘मेरा मतदान’ हिंदी निबंध, Hindi essay on Voting(मतदान) .

प्रस्तावना:- भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राज्य है। जहां हर व्यस्क जो 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुका है वह नागरिक अपने वोट का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र है। देश के हर मतदाता का सरकार बनाने में अहम रोल होता है।

सरकार बनाने के लिए हर एक वोट मूल्यवान होता है। 1-1 वोट से सरकार बनती और बिगड़ती है। इसलिए हर किसी को निष्पक्ष तरीके से मतदान करना चाहिए, और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए साथ ही देश के विकास करवाने के लिए सक्षम व्यक्ति के चयन में सहयोग करना चाहिए ताकि हमारा देश लगातार तरक्की की नई ऊंचाइयों को छू सके।

मतदान केंद्र का दृश्य:– मतदान केंद्र का दृश्य में अपने आप को वहां रख कर आप को बताना चाहूंगी। पिछले वर्ष में अठारह वर्ष की उम्र पूरी कर एक मुख्य मतदाता बन गयी। फिर में विधानसभा चुनाव में मत देने के बहुमूल्य कार्य मे शरीक हुए। यह मेरे लिए एक महान अवसर था। में बहुत खुश थी। मुझे गर्व हुआ कि में उन पात्रों में एक बन गयी हुँ, जो हमारे देश के भावी शासकों का चुनाव करते है।

जैसे ही मेरे लिए ,वोट देने का प्रथम अवसर आया में बहुत उत्सुक हो गयी थी। उस दिन में बड़े ही खुश मिजाज भावो से सुबह जल्दी जाग गयी। यह 25 नवम्बर का दिन था। मेने अपने बड़ो से कुछ जानकारी ली और सीधे मतदान केंद्र पहुँची हमारे क्षेत्र के लोग सरकारी प्राथमिक विद्यालय पर एकत्रित हुए जो मेरे घर से अधिक दूर नही था। वह दिन सभी सरकारी व गैर सरकारी कर्मचारियों एवं संस्थाओं के लिए अवकाश घोषित कर दिया था।

मतदान केंद्र के बहार प्रतेक उम्मीदवार के सम्मानित बैनरों से सजे हुए मंच लगे हुये थे। उनके कार्यकर्त्ता प्रत्येक मतदाता को नाम, वोट- नम्बर, आदि लिखी हुई पर्चियां वितरित कर रहे थे। लोग पैदल, रिक्शा , गाड़ी , साइकिल, ओर स्कूटर इत्यादि से आ रहे थे। ध्वनि विस्तारक यंत्रो का कोई शोर नही था। क्योंकि मतयाचना करना एक दिन पहले ही रोक दिया था।

एक संकरे दरवाजे पर खड़ा सिपाही प्रत्येक स्त्री-पुरूष को अंदर भेज रहा था। कुछ मिटर पार करने के बाद में महिलाओं की एक लंबी लाइन के पीछे खड़ी हो गयी । वहाँ महिला – पुरुष के लिए एक दरवाजे के सामने अलग -अलग लाइन थी। यहॉ दूसरा सिपाही तथा स्वयंसेवी अपने सिने पर बिल्ला लगाकर बूथ के अंदर लोंगो के प्रवेश को नियंत्रित कर रहे थे। बिना नम्बर के प्रवेश निषेध था। बूथ अधिकारी ने मेरा नाम तथा परिचय जाँच किया, जो परिचय पत्र भारत के निर्वाचन आयोग ने जारी किया था। मुझे कोई दिक्कत नही हुई । में एक बन्द स्थान पर गयी । जहां ईवीएम मशीन रखी हुई थी। मैने अपनी इच्छा के उम्मीदवार के निशान के सामने वाला बटन दबाया। 18 बर्ष से लेकर 100 वर्ष तक के सभी स्त्री-पुरुषों ने शान्तिपूर्वक मतदान किया।

उपसंहार:- इस प्रकार मतदान देना हमारे लिए बहुत जरूरी है। और इसका प्रयोग करना हमे हमारा कर्तव्य ओर जिम्मेदारी समझना चाहिए। क्योंकि अगर हम हमारे कर्त्वय को अपनी एक जिम्मेदारी समझकर नही करे तो हमारा देश ना जाने किसके हाथों में जाये और उसका नुकसान हमें ही भुगतना पड़ता है। इसलिए एक ईमानदार और कर्मठ भगीदार को चुन कर हमें हमारे देश को दुनिया मे नम्बर बन बनाना है, और प्रगति के स्थान पर हर समय आगे बढ़ाना है।

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