मूल्य वृद्धि की समस्या पर निबंध

देश में मूल्य वृद्धि एक गंभीर समस्या है जिसकी वजह से आम जनताओ को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।  मूल्य वृद्धि का अर्थ है वस्तुओं और सामग्रियों की कीमतों में वृद्धि होना।  आजकल देखा जाता है जिस वस्तु की कीमत पहले बीस रूपए थी , कुछ महीनो में वह बढ़कर ४० रूपए तक चली जाती है। मूल्य वृद्धि की समस्या खासकर गरीब लोगो और मध्यम वर्गीय लोगो को ज़्यादा झेलना पड़ता है। कीमतों में वृद्धि होना देश की अर्थव्यवस्था प्रणाली में स्वाभाविक है। निरंतर जनसंख्या वृद्धि और वस्तुओं की मांग और ज़रूरी कारणों की वजह से मूल्य वृद्धि में विकास हो रहा  है।मूल्य वृद्धि में विकास परेशानी का कारण है।

लोगो का जीवन मूल्य वृद्धि की वजह से अस्त व्यस्त हो गया है। यह लोगो के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चूका है। मूल्य वृद्धि के कारण लोगो का जीवन सामान्य नहीं रह पा रहा है। अगर इसी तरह से वस्तुओं और खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी हुयी तो देश की प्रगति और संतुलन पर प्रभाव  पड़ेगा।मूल्यों में वृद्धि तभी होती है जब मांग और पूर्ति में कोई सामंजस्य नहीं बैठता है।

मूल्य वृद्धि के कुछ ज़रूरी कारण है जैसे कालाबाज़ारी। कई धोखेबाज़ व्यापारी कालाबाज़ारी करके लोगो को ठगते है।  वस्तुओं की कीमत को बढ़ाकर जनता को लूट लेते है। वस्तुओं की कमी करके , उन वस्तुओं को जमा कर लिया जाता है।  जब लोगो में उस वस्तु को पाने की मांग बढ़ जाती है , तब दुकानदार उसके दाम को दुगुना करके उसे बेचते है।

जमाखोरी भी कुछ ऐसा ही है जहां वस्तुओं को किसी स्थान पर भण्डार करके रख  लिया जाता है।  वक़्त आने पार उन्हें अधिक कीमतों में बेचकर दुकानदार अपना मुनाफा कमाते है।तस्करी करना भी मूल्य वृद्धि यानी महंगाई का और एक कारण है। इसमें विदेशी सामानो की चोरी की जाती है।  वह आयत के पैसे भी नहीं चुकाते है और अपने देशो में भी उन्ही के दाम में बेचते है।

भ्रष्टाचार भी मूल्य वृद्धि का मज़बूत कारण है। इस दुनिया में लोगो को अधिक धन चाहिए और इसलिए वह अनैतिक तरीको से धन कमाते है।  भोले भाले लोगो को वस्तुओं का गलत दाम बताकर उन्हें लूटते है।मूल्य वृद्धि को कम करने के लिए सरकार द्वारा कुछ तरीके अपनाए जाते है।

राशनिंग प्रणाली को अपनाकर आवश्यक वस्तुओं को लोगो तक पहुंचाती है।जब महंगाई दर बहुत बढ़ जाती है तो सरकार बैंक के ब्याज दर को नियंत्रित करती है।वस्तुओं के उत्पादन  में वृद्धि मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने में सहायता करती है। सरकार अच्छी और गुणवत्ता मशीनों का आयत करती है। इससे वस्तुओं का उत्पादन बढ़ता है और बाजार में लोगो को वस्तुएं प्राप्त होती है।

इससे मूल्य दर में अधिक वृद्धि नहीं होती है।  कृषि क्षेत्र में उन्नति के लिए कृषको को सरकार कम ब्याज पर लोन देती है।जमाखोरी और कालाबाज़ारी जैसे अपराधों पर रोक लगाना चाहिए।

आजकल मूल्य वृद्धि इतनी अधिक बढ़ गयी है कि घर चलाना बहुत कठिन हो गया है। दैनिक खाद्य सामग्री प्रतिदिन महंगे होते जा रहे है। निम्न वर्ग में जी रहे लोगो के लिए इतने पैसे जुटाकर वस्तुएं खरीदना मुश्किल  हो गया है। दुनिया की  सबसे बड़ी मुश्किल मूल्य वृद्धि है। मूल्य वृद्धि की  वजह से अमीर और गरीबो के बीच अंतर काफी बढ़ गया है। जो लोग गरीबी रेखा से नीचे गुजारा कर रहे है , उन्हें अत्यधिक कठिनाईयों से गुजरना पड़ रहा है।  उनके पास खाने के लिए भोजन तक नहीं होता है।देश में महंगाई दर तीव्र गति से बढ़ रही है।

दरअसल शासन कर्मचारियों का वेतन भी महंगाई दर को बढ़ा रहा है। बड़े व्यापारियों के पास काला धन होता है।  वह अवैध तरीके से धन कमाते  है और रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का सहारा  लेते है।  मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोगो की  आय बढ़ती नहीं है। उनकी हालत खराब हो जाती है। इसी के कारण कर्मचारी वेतन को बढ़ाने की मांग रखते है।  वे हड़ताल  पर चले जाते है और काम बंद हो जाता है। शासन में रहने वाले लोगो की  वजह से महंगाई बढ़ जाती है और यह चलता ही रहता है।

मूल्य वृद्धि के कारण चारो ओर अशांति फैल जाती है और कुछ मज़बूर लोग चोरी जैसे अपराध कर बैठते है। इससे समाज में मिलावट , बैंको में लूट और तस्करी जैसे अपराध देखते ही देखते बढ़ जाते है।

इसको रोकने के लिए उद्योगों की और अधिक स्थापना की जानी चाहिए।  इससे लोगो को नौकरी मिलेगी और वस्तुओं का उत्पादन भी बढ़ेगा।दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली चीज़ों के कीमतों में ज़्यादा वृद्धि नहीं होनी चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण का प्रयत्न देशवासियों को मिलकर करना होगा।

शासन में रहने वाले लोगो को मूल्य वृद्धि से कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ता है और मूल्य वृद्धि की वजह से देश का शासन गलत हाथों में चला जाता है।बेरोजगारी जैसे गंभीर समस्या को कम करनी होगी। कच्चे माल की आपूर्ति में वृद्धि करनी होगी तब वस्तुओं का उत्पादन भी बढ़ेगा।

ब्याज दर को बैंको को बढ़ाना चाहिए।  अगर शासन को ज़रूरत पड़े , तो वह  लोगो से लोन ले सकता है।  इसके बदले  बैंक ब्याज दर को बढ़ाएगी  तो इससे पूंजी बढ़ेगी। इससे लोगो का  जीवन अच्छा हो पायेगा। लोग बेहतर तरीके से जीवन जी पाएंगे।

निष्कर्ष

मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण पाना आवश्यक हो गया है।सरकार द्वारा इसको रोकने के लिए कदम उठाये जा रहे है , फिर भी बहुत कुछ करना अभी बाकी है। सरकार को अच्छी योजनाएं लागू करने चाहिए और सभी को उस पर अमल करना होगा , तभी मूल्य वृद्धि कम हो सकती है।देश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को  बड़ा  और मज़बूत करने की ज़रूरत है।

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