मैं एक पुष्प हूँ। मेरा जन्म एक बगीचे में हुआ था। मुझे बड़ा होने के लिए हवा , पानी और सूरज की किरणों की ज़रूरत है। मेरे सुगंध से बगीचे में सब खींचे चले आते है। मेरे जैसे कई पुष्प बागो की शोभा और रौनक को बढ़ाते है। मेरे जैसे पुष्पों के सौंदर्य को देखकर सबका मन खुश हो जाता है। बगीचों में मेरे सुगंध की तारीफ सभी करते हैं। मैं एक लाल गुलाब का फूल हूँ। मेरा उपयोग लोग सजावट , किसी बड़े महान व्यक्ति के स्वागत के लिए भी करते है। मैं प्यार और कोमल भावनाओ का प्रतीक हूँ। गुलाब के कई रंग होते है गुलाबी , सफ़ेद और काला भी। मेरे आस पास गुलाबी और सफ़ेद गुलाब के पौधे है। माली हर रोज हमे पानी देता है और हम फूलो की देखभाल करता है।
मेरे कई तरह के नाम है जैसे सुमन , कुसुम फूल। मेरा उपयोग लोग घर सजाने और खूबसूरत जयमाला बनाने के लिए भी करते है। मुझे अभी भी याद है जब हवा मुझे झूला झुलाता था और चिड़िया गाना जाती थी। कभी कभी लोग जब बेवजह हम फूलो को थोड़ कर फेंक देते है तो मुझे बहुत तकलीफ होती है। मुझे लोग अपने घरो पर गुलदस्तों में सजाते है। त्योहारों में लोग अपने घरो की सुंदरता को बढ़ाने के लिए फूलो से सजाते है। मेरे बिना ज़्यादातर कार्यक्रम पूरे नहीं होते है। विवाह , पूजा जैसे कार्यक्रम फूलो के बिना अधूरे है। नेताओ के जयमाला से लेकर विवाह में वर वधु के जयमाला में मुझे शामिल किया जाता है।
मनुष्य अपने ज़रूरतों के लिए हमे तोड़कर बाज़ारो में बेच देते है ताकि अपने रोजगार को बढ़ा सके। ऐसा लोग इसलिए करते है ताकि पैसे कमा सके। मुझे यह देखकर अच्छा लगता है कि मुझे बेचकर लोग अपना गुजारा करते है। हम फूलो का जीवन कम समय के लिए होता है। जैसे ही हम धरती और पौधे से अलग हो जाते है बस कुछ ही समय के लिए हम ज़िंदा रहते है।
मनुष्य खुद ही बगीचे में मुझे प्यार से उगाता है। समय समय पर पानी और खाद देता है। जैसे ही मैं कली से खिलकर फूल बन जाता हूँ , मुझे थोड़ लेता है। मैं जब तक ताज़ा रहता हूँ मुझे सभी प्यार करते है। जैसे ही मैं मुरझा जाता हूँ, लोग मुझे फेंक देते है और कुछ दिनों बाद मैं मिटटी में समा जाता हूँ।
लोग मेरे रंग और खुशबू की तारीफ करते है। मुझे बहुत अच्छा लगता है। प्यार करने वाले अपना प्रेम जताने के लिए अपने जीवन साथी को फूल देते है। लाल गुलाब का फूल हूँ मैं। मैं हूँ प्रेम का प्रतीक। मुझे अच्छा लगता है जब लोग अपने प्रेम को व्यक्त करने के लिए अपने साथी को भेंट करते है। मेरे सुगंध से मधुमखियाँ और तितलियाँ मेरे आस पास मंडराने लगती है।
जब कभी बगीचे में लोग मेरे सौंदर्य की प्रशंसा करते तो मुझे बेहद ख़ुशी होती है । जब मैं खिलखिलाता हूँ तो पूरे वातावरण में खुशियों की लहर दौड़ जाती है। जिस बगीचे में मेरा पौधा है वहां कई सारे फूल है जैसे चंपा , चमेली , जूही , गेंदा और सूरजमुखी आदि। हम सारे फूल सभी तरह के मौसम का सामना करते है। कड़ी धूप , कपकपाती ठण्ड और तेज़ तूफ़ान को झेलते है । यदि कोई भी हमारा मित्र फूल गिर जाता तो हम सभी बहुत उदास हो जाते है। प्रकृति में कुछ भी रुकता नहीं है , इसलिए हमे गम को भुलाकर फिर से जीना पड़ता है और इसी से हमे दुःख में भी हँसते हुए जीने की सीख मिलती है।
एक दिन माली आया और उसने कुछ साथियों के साथ मुझे भी थोड़ लिया| मैं भयभीत हो गया और यह सोचने लगा अपने पौधे से अलग होकर मैं ज़्यादा देर जिन्दा नहीं रह पाऊंगा। मुझे किसी जन्मदिन के जश्न के लिए सजाया गया। जब जश्न खत्म हुआ तब कुछ समय बाद मुरझा गया। रात भर हम जैसे तैसे ताज़े और जिन्दा थे। सुबह होते होते मैं मुरझा गया। मेरे जैसे कुछ मुरझाये हुए फूलो को कचरे में फेंक दिया गया। सफाई कर्मचारी ने मुझे उठाकर बाहर फेंक दिया। मुझे रोना आ रहा था लेकिन मैं कुछ करने में असक्षम था। यही मेरी दर्द भरी और मेरे तरह कई अनिगिनत पुष्पों की कहानी है।
निष्कर्ष
प्रकृति विशाल संपत्ति है। उसमे मैं एक छोटा सा हिस्सा हूँ। मुझे भगवान् के चरणों में अर्पित किया जाता है। मेरे फूलो के साथ कांटे भी आते है। बहुत सारे लोग जब हम जैसे फूलो को तोड़ते है तो उन्हें कांटे चुभ जाते है। यह उन लोगो को यह शिक्षा देता है कि कभी अपने मकसद को पूरा करने के लिए उन्हें कठिन और काटों से भरे रास्ते से गुजरना पड़ सकता है। मैं उम्मीद करता हूँ लोग फूलो को बेवजह नष्ट नहीं करेंगे और ज़्यादा से ज़्यादा फूलो के पौधे लगाकर प्रकृति को और अधिक सुन्दर बना देंगे।
IT IS A GOOD 👍😊 ESSAY. IT WILL HELP ME FOR EXAM. TOMORROW IS MY EXAM OF HINDI AND I AM WRITING THIS NOTE IN MY FAIR NOTEBOOK. I AM STUDING IN 7 STD IN THANE ULHASNAGAR R.G.S ENGLISH HIGH SCHOOL 🏫 THANK.U DATE OF HINDI EXAM IS 23/08/2024
Essay is nice and I can learn it easily. Thak you 😊😊it is not big and with easy words
Good but too big for students in 8 and is like a chapter. In the world no one have time for reading this much big essay.