सुभाष चंद्र बोस निबंध हिंदी में

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प्रस्तावना: सुभाष चन्द्र बोस को भारत के नेताजी के नाम से पुकारा जाता है। नेताजी ने भारत के नवनिर्माण में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। सुभाष चंद्र बोस भारत के सर्वाधिक सम्मानित स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वह निर्भीक देश प्रेमी थे। उन्होंने समाज में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की पहल की थी। भारत देश सदैव सुभाष चंद्र बोस की गौरव गाथा को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे ले जाता रहा है। निसंदेह सुभाष चंद्र बोस हमारे देश की अविस्मरणीय नेताओं में शामिल होते हैं।

सुभाष चन्द्र बोस का जीवन परिचय : नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1987 ईसवी में हुआ था। उनका जन्म कोलकाता, उड़ीसा के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस था जो कि एक प्रसिद्ध वकील थे। इनकी माता का नाम प्रभावती दत्त बोस था जो कि एक कुशल ग्रहणी के रूप में जानी जाती थी। सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही होशियार छात्र रहे थे। बचपन से ही वह अपनी हर कक्षा में प्रथम श्रेणी में आते थे। उन्होंने अपनी स्कूल की शिक्षा अव्वल नंबर से पूरी की। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा एक प्रसिद्ध विद्यालय स्टीवर्ट हाई स्कूल और रावेंशा कॉलेजिएट स्कूल से पूरी की थी। आगे की पढ़ाई सुभाष चंद्र बोस ने प्रेसिडेंसी कॉलेज से पूरी की। इसके बाद उन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कोलकाता विश्वविद्यालय से फिलॉसफी में 1918 में स्नातक पूर्ण किया। इसके बाद उनका आगमन राजनीतिक दिशा की ओर हुआ। इस दिशा में उनका मुख्य उद्देश्य देश की आजादी बना। जिसके लिए उन्होंने सार्थक प्रयास जारी रखें व सफल भी हुए।

सुभाष चन्द्र बोस का राजनीतिक जीवन : सुभाष चंद्र बोस 1938 ईस्वी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रपति चुने गए। इसके बाद उन्होंने अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया जो गृह राज्य बंगाल में शक्तिशाली हुआ। इसके अलावा बोस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में समर्थन मांगने के लिए जर्मनी जाने और हिटलर से मदद मांगने की योजना भी बनाई थी। सुभाष चंद्र बोस ने अपनी रूस की यात्रा शुरू करके लगभग 45 व भारतीय युद्ध बंदियों को मिलाकर एक भारतीय सेना बनाई। सन 1942 में बोस हिटलर से भी मिले। अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने के लिए सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज का गठन भी किया।

नेताजी का देश हित में योगदान: सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही अपने देश के प्रति कर्तव्य शील रहे थे। जब वह मात्र 16 वर्ष के थे तब वह स्वामी विवेकानंद द्वारा किए गए कार्यों को पढ़ा करते थे। इसके अलावा उनके प्रेरणा स्त्रोत रामाकृष्ण परमहंस द्वारा किए गए कार्य और उनके विचारों से सुभाष चंद्र बोस को काफी प्रेरणा मिली। सुभाष चंद्र बोस काफी कम उम्र से ही भारतीय होने का गौरव प्राप्त करते हैं। सन् 1900 में जब वह कोलकाता में पढ़ाई कर रहे थे तब उन्होंने देखा कि ब्रिटिश भारतीयों को अपमानित कर रहे थे। इस प्रकार ब्रिटिश साम्राज्य का दुर्व्यवहार और प्रथम विश्व युद्ध ने सुभाष चंद्र बोस के हृदय में भारतीय क्रांति की आग लगा दी। सुभाष चन्द्र बोस जी ने गांधी जी के साथ मिलकर विभिन्न स्वतंत्रता आंदोलनों में प्रतिभाग किया और देश के प्रति अपना बहुमूल्य सहयोग किया।

निष्कर्ष: सुभाष चंद्र बोस भारत की धरती पर पैदा हुए असाधारण स्वतंत्रता सेनानी थे। जिनके अटूट आत्मविश्वास और जागृत देशभक्ति ने भारत को आजादी दिलाने में काफी सहयोग किया। उनके कार्य और योगदान को याद करते हुए भारतवर्ष में हर साल उनकी जन्म तिथि के दिन देशभर में सुभाष चंद्र बोस की जयंती का आयोजन भी किया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को हर वर्ष स्कूलों, महाविद्यालयों और विभिन्न स्थानों पर 23 जनवरी के दिन उत्साह के साथ मनाया जाता है। वास्तव में उनका जीवन इस देश के लिए अविस्मरणीय रहेगा।

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