ग्रीष्म ऋतु पर निबंध

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आज हम अपने इस लेख के माध्यम से ग्रीष्म ऋतु विषय पर निबंध लेकर आएं हैं। यह निबंध विद्यार्थियों की परीक्षाओं में बेहतर परिणाम प्राप्त करने में सहायता करेगा। साथ ही आपको इस निबंध के जरिए ग्रीष्म ऋतु के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होंगी। आइए जानते हैं, “ग्रीष्म ऋतु” विषय पर निबंध..

प्रस्तावना

हमारे देश में छह प्रकार की ऋतुयें मनाई जाती हैं। जिनमें से एक है ग्रीष्म ऋतु। ग्रीष्म ऋतु में पड़ने वाली गर्मी से कई कुएं, तालाब, नदियां आदि भी सूख जाते हैं। हालांकि गर्मी के मौसम में कई मीठे फल खाने को मिलते हैं लेकिन यह मौसम कई बीमारियां भी लेकर आता है। काफी लोगों को गर्मियां भी पसंद होती है, क्योंकि ग्रीष्म ऋतु में छुट्टियां मिलती है। जिसके साथ ही लोग अपने परिवार व दोस्तों के साथ घूमने के लिए निकल जाता हैं। ज्यादातर ग्रीष्म ऋतु में ही लोग सफर पर अधिक जाते हैं।

ग्रीष्म ऋतु का समय

ग्रीष्म ऋतु एक ऐसी ऋतु है जो कि ठंड के मौसम के बाद आती है। साल में मार्च के महीने से ठंड का मौसम जाने लगता है और अप्रैल की शुरुआत से ही गर्मियों का आगमन शुरू हो जाता है। मई-जून के महीने में गर्मी चरम सीमा पर पहुंच जाती है।इसके बाद जुलाई के मौसम में हल्की हल्की बारिश होने लगती हैं, जिससे गर्मी में थोड़ी राहत मिलनी शुरू हो जाती है। इसके साथ ही अगस्त से सितंबर के अंतिम तक ग्रीष्म ऋतु की समाप्ति हो जाती है।

स्कूलों की छुट्टियां

ग्रीष्म ऋतु के आने से बच्चों को भी काफी खुशी होती है। क्योंकि मई जून के महीने में उन्हें स्कूलों की छुट्टियां मिलती हैं। जिसमें वह अपने परिवार के साथ नानी और दादी के घर घूमने जाते हैं। इसके अलावा पिकनिक पर जाना, खेलना कूदना, शाम के समय सैर सपाटे पर जाना इत्यादि आनंद ले पाते हैं। ग्रीष्म ऋतु के शुरुआती दिनों में ही बच्चों की परीक्षाएं पूरी हो जाती हैं। जिसके बाद विद्यालय की ओर से विद्यार्थियों को ग्रीष्मकालीन अवकाश दिया जाता है।

ग्रीष्म ऋतु का लाभ

• ग्रीष्म ऋतु के समय में हमें कई रसीले फल खाने को मिलते हैं। हम में से ऐसे कई लोग हैं जिन्हें आम बेहद पसंद होता है और आम हमें ग्रीष्म ऋतु में भी खाने को मिलता है। इसलिए ग्रीष्म ऋतु के आने से लोगों को रसीले फल जैसे आम, लीची, संतरे, अंगूर इत्यादि का अनुभव प्राप्त होता है।
• ग्रीष्म ऋतु के आने से भले ही हम गर्मी से काफी परेशान होते हो लेकिन पर्यावरण की नजरिया से ग्रीष्म ऋतु का आना बेहद महत्वपूर्ण होता है।
• गर्मी के आने से जमीन के जहरीले कीटाणु मर जाते हैं।
• ग्रीष्म ऋतु में ही हमें स्वास्थ्यवर्धक फल तथा सब्जियां खाने का अवसर मिलता है।
• ग्रीष्म ऋतु में हमें गन्ने का रस, आम का रस, नारियल का पानी आदि विभिन्न प्रकार के रस आदि पीने को मिल जाते हैं।

ग्रीष्म ऋतु में सावधानी

ग्रीष्म ऋतु के आने से हमें कई प्रकार के फल और मस्तियां करने को तो मिल जाते हैं लेकिन इस मौसम में कई प्रकार की बीमारियां भी पनपने लगते हैं। गर्मी के मौसम में मच्छरों की तादाद काफी बढ़ने लग जा ती है। ऐसे में डायरिया, मलेरिया जैसी कई बीमारियां लोगों को घेरने लगती हैं। इसीलिए ग्रीष्म ऋतु में हमें अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है। इसके साथ ही अत्यधिक गर्मी पड़ने नदी, कुएं, तालाब आदि का पानी सूखने का भी भय बना रहता है। पानी की कमी, सूखा पड़ जाना जैसी आपदाएं आने की भी संभावना रहती हैं। इसीलिए पानी की बचत करने के साथ-साथ हमें गर्मी के मौसम में धूप से बचाव के लिए उपाय अपनाने चाहिए।

उपसंहार

बर्फ के गोले, कुल्फी, आइसक्रीम आदि ऐसी कई चीजें हैं जिनका आनंद केवल ग्रीष्म ऋतु में ही लिया जा सकता है। पर्यावरण के अनुसार भी ग्रीष्म ऋतु का आना बेहद आवश्यक है। हालांकि ग्रीष्म ऋतु में आपदाओं तथा बीमारियों की संभावना अधिक रहती है लेकिन जाड़े के मौसम के जाते समय लोगों को ग्रीष्म ऋतु के आगमन का बेसब्री से इंतज़ार रहता है।

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