भुखमरी पर निबंध

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भुखमरी एक ऐसी वैश्विक समस्या है, जो किसी भी देश के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए प्रत्येक देश अपने-अपने स्तर पर प्रयासरत रहता है। आज हम अपने इस लेख के माध्यम से भुखमरी पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। यह निबंध विद्यार्थी की परीक्षाओं में सहायता करेगा तथा इसके साथ ही आपको भुखमरी के कारण, खतरा आदि के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। आइए जानते हैं, भुखमरी पर निबंध…

प्रस्तावना: भुखमरी कुपोषण की चरम सीमा का रूप है। शरीर में विटामिन, पोषक तत्वों और ऊर्जा ग्रहण करने की क्षमता में अत्यधिक कमी होने पर भुखमरी की समस्या उत्पन्न होना शुरू होती है। इस समस्या पर विशेष ध्यान ना दिए जाने पर मृत्यु होना निश्चित होती है। शोध के मुताबिक विश्व में सर्वाधिक अफ्रीकी देशों में गरीबी और भुखमरी के संपर्क में हैं। भारत की बात करें तो, FAO के “विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण के राज्य, 2018” के अनुसार, भारत में 196 मिलियन लोग कुपोषित हैं और प्रजनन आयु में हमारी 51.4% महिलाएं एनेमिक हैं। इसके अलावा कम से कम 20 करोड़ भारतीय रोज भूखे पेट सोते हैं।

भुखमरी की समस्या: ऐतिहासिक समय की बात करें तो, भुखमरी समस्या विभिन्न संस्कृतियों में देखी गई है। दो देशों के बीच युद्ध, अकाल, गरीबों और अमीरों के बीच असमानता जैसे कई कारणों से अधिक देशों में भुखमरी की समस्या पैदा होती रही है। यह समस्या इतना विकराल रूप ले लेता है, कि इस समस्या से सरकार का निपटना भी मुश्किल हो जाता है। दुनिया के कुछ विकासशील देशों में भुखमरी को एक महामारी के रूप में माना जाता है। जिन देशों में अत्यधिक गरीबी पाई जाती है, वहां भुखमरी एक अनैच्छिक स्थिति बन जाती है।

भुखमरी समस्या के कारण: भुखमरी एक ऐसी समस्या है जो देश की गरीबी का मुख्य परिणाम है। देश में मौजूद अशिक्षा, असामनता, निर्धनता और सामाजिक बेहतरी की कमी के चलते भुखमरी की समस्या पैदा होती है। विभिन्न प्रकार के शोधों के मुताबिक के बताया गया है, भुखमरी एक ऐसी समस्या है जो कि विकासशील और अविकसित देशों में ही जन्म लेती है। भारत में कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र पाए जाते हैं, जहां की जनसंख्या में शिक्षा की कमी और गरीबी सर्वाधिक है, यह दोनों ही कारण भुखमरी को बढ़ावा देते हैं। इसके अतिरिक्त भोजन में विटामिन तथा अन्य पोषक तत्वों की अत्यधिक कमी होने के चलते कम आयु में ही कुपोषण की समस्या पैदा हो जाती है और कुपोषण की लास्ट स्टेज पर भुखमरी से मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है।

भुखमरी पर सरकार की पहल: भारत में भुखमरी की समस्या को देखते हुए सरकार ने अब तक कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने अपने स्तर पर भुखमरी को कम करने की कोशिश लगातार जारी रखी है। जैसे सरकार ने खाद्य सुरक्षा विधेयक 2013 को खाद्य सुरक्षा योजना के रूप में लागू किया। इस योजना के तहत लाभार्थियों को हर महीने 5 किलोग्राम अनाज दिया जाना था। इस 5 किलोग्राम अनाज में चावल, गेहूं शामिल थे। भारत में सन् 1997 से सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना लागू हुई। इस योजना के तहत गरीबों को अनाज उपलब्ध कराना था। इसके साथ ही सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई गई।

निष्कर्ष: सरकार द्वारा समय-समय पर भुखमरी की समस्या से बचाव के लिए कई प्रकार के नियमों व योजनाओं को लागू किया जा चुका है। हालांकि अपने देश की हर समस्या का हल सरकार द्वारा निश्चित किया जाता है। लेकिन नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि भुखमरी जैसी समस्या से निपटने के लिए हम सभी एकजुट होकर प्रयास करें।

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