हमारे देश को ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद कराने में कई महत्वपूर्ण क्रांतिकारी नेताओं की भूमिका रही है। इन्हीं नेताओं में से एक है पंडित जवाहरलाल नेहरू। पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। हर साल का इनका जन्म दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है और उनके जन्मदिवस पर भारतवर्ष में बाल दिवस भी मनाया जाता है।
आज हम अपने आर्टिकल के जरिए पंडित जवाहरलाल नेहरू के विषय में 50 लाइनों के माध्यम से बताने वाले हैं। जो कि आपके लिए बेहद ज्ञानकारी साबित होंगी। यदि आप पंडित जवाहरलाल नेहरू के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी जानना चाहते हैं तो आगे पढ़ना जारी रखें।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू एक भारतीय उपनिवेशवाद, धर्मनिरपेक्ष, मानवतावादी और सामाजिक लोकतंत्रवादी नेता थे।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को अत्यंत प्रेम करते थे और बच्चे भी अत्यंत प्रेम करते हैं। यही कारण है कि इन्हें चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है।
- नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था जिसे आज आधिकारिक रूप से प्रयागराज के नाम से जाना जाता है।
- जवाहर लाल नेहरू जी का पूरा नाम पंडित जवाहर लाल मोतीलाल नेहरू है।
- इनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था।
- इनकी माता का नाम स्वरूप रानी था
- इनकी पत्नी का नाम कमला नेहरू था।
- अपनी माता की चार संतानों में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी सबसे बड़ी संतान थे।
- नेहरू जी की पुत्री का नाम इंदिरा गांधी था। जो आगे चलकर देश की प्रधानमंत्री बनी।
- मोतीलाल नेहरू एक प्रमुख वकील और सिद्धांतों से राष्ट्रवादी थे।
- 1929 में बहुत कम उम्र में कांग्रेस अध्यक्ष बने और अपने कार्यकाल के दौरान ब्रिटिश साम्राज्यवाद से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की।
- जवाहरलाल नेहरू ने विदेशी शिक्षा प्राप्त की थी।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हैरो स्कूल से स्नातक किया और ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में कॉलेज की पढ़ाई पूरी की।
- नेहरू जी ने इनर टेंपल में कानून की पढ़ाई की, जहां वे बैरिस्टर बने और पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौट आए
- नेहरू जी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लिए भी नामांकित हुए।
- नेहरू को सलाह देने में महात्मा गांधी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- पंडित जवाहरलाल नेहरु जी गांधी के राजनीतिक उत्तराधिकारी भी बने।
- जवाहरलाल नेहरू ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- 1912 में जवाहरलाल नेहरु राजनीति में उतर गए।
- 1919 में होम रूल लीग, इलाहाबाद के सचिव बने।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहला किसान मार्च आयोजित किया।
- नेहरू जी को असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा।
- पं. नेहरू सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने।
- 1926 में इटली, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड, बेल्जियम, जर्मनी और रूस का विदेशी दौरा किया।
- साइमन कमीशन के खिलाफ एक जुलूस का नेतृत्व करते हुए, 1928 में लखनऊ में उन पर लाठीचार्ज किया गया।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘इंडिपेंडेंस फॉर इंडिया लीग’ की भी स्थापना की, जिसने भारत के साथ ब्रिटिश संबंधों को पूरी तरह से अलग करने की वकालत की।
- मार्च 1946 में पं. नेहरू ने दक्षिण पूर्व एशिया का दौरा किया।
- पंडित जी 6 जुलाई, 1946 को चौथी बार और फिर 1951 से 1954 तक तीन और कार्यकालों के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए।
- भारत की स्वतंत्रता के दिन, नेहरू ने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित भाषण दिया जिसे ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ का नाम दिया गया।
- जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस के दिन पूरे भारत में बाल दिवस मनाया जाता है।
- नेहरू जी की मृत्यु 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ही पहली बार स्वतंत्र भारत में लाल किले पर तिरंगा झण्डा फहराया।
- पंडित नेहरू एक महान् राजनीतिज्ञ और प्रभावशाली वक्ता ही नहीं, ख्यातिलब्ध लेखक भी थे।
- पंडित जी की आत्मकथा 1936 ई. में प्रकाशित हुई और संसार के सभी देशों में उसका सम्मान हुआ।
- अन्य रचनाओं में भारत और विश्व, सोवियत रूस, विश्व इतिहास की एक झलक, भारत की एकता और स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
- नेहरू जी ने 1935 में अल्मोड़ा जेल में आत्मकथा लिखी।
- पण्डित नेहरू जी ने कुल नौ बार जेल की यात्रा की।
- उन्होंने आजीवन विश्व भ्रमण किया।
- नेहरू जी को अन्तर्राष्ट्रीय नायक के रूप में जाना गया।
- नेहरू जी को 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- नेहरू जी ने अपनी अधिकतर रचनाएं जेल के अंदर ही की थी।
- भारत की खोज नेहरू जी की अत्यधिक लोकप्रिय रचना है।
- राजघाट के पास शांतिवन नेहरू जी का शांति स्थल माना जाता है।
- नेहरू जी भारत देश के युवा नेता के तौर पर उभरे।
- आधुनिक भारत के निर्माण में पंडित जवाहरलाल नेहरू का विशेष योगदान था।
- बच्चे पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कश्मीरी पंडित के घर हुआ था।
- जवाहर लाल नेहरू को कम उम्र में ही राजनीति के क्षेत्र में रुझान हो गया।
- पंडित जी ने जल्द ही अपने माता पिता और पत्नी को खो दिया और अपना पूरा जीवन देश के प्रति बलिदान कर दिया।
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