मेरे पापा पर निबंध
[Essay On My Father]
मेरे पापा
“मेरी पहचान है ,मेरे पापा, मेरी शान है,मेरे पापा,
मेरी हर खुशी! और हर हंसी में है ,मेरे पापा जो है लाखों में एक,
हाँ ..वो मेरी जान है ,मेरे पापा।’
I love you Papa
प्रस्तावना:- माता पिता हमारे जीवन की वो मजबूत कड़ी है जो हमारे जीवन को बेहतर बनाते है। इनके बिना जीवन के बारे में सोचना भी नामुमकिन है। इसी कड़ी को बेहतर बनाने में पिता का मह्त्वपूर्ण योगदान रहता है। मेरे पिता मेरे लिए एक आदर्श पिता है। उनमे वो सभी खूबी है। जो एक आदर्श और श्रेष्ठ पिता में होनी चाहिए। मेरे पापा मेरे लिए ना केवल पापा है। एक अच्छे दोस्त भी है, क्योंकि जब कभी भी मुझे उनकी जरूरत पड़ती है। वो मुझे एक अच्छे दोस्त की तरह ही सही मार्गदर्शन प्रदान करते है। वो मुझे हमेशा हार ना मानना, जीवन मे सही गलत का ज्ञान होना, आगे बढ़ने की शिक्षा देना और हमेशा मेरा हौसला बढ़ाना सिखाते है। परिस्थितियों के अनुसार अपने को ढालना ये सारे गुण मेरे पिता में है। उनके पास हमेशा देने के लिए ज्ञान का अमूल्य भंडार है। जो कभी भी खत्म नही होता जिसे देने में वो मुझे क्षणिक भर भी देर नही करते। इसलिए मेरे पापा मेरे लिए दुनिया मे सबसे अच्छे पापा है।
मेरे पापा की कुछ खास विशेषताएं जो उन्हें पूरी दुनिया मे खाश बनाती है वो इस प्रकार है।
मेरे पापा की विशेषताए:-
(1.)सहनशील:- मेरे पापा का मानना है की व्यक्ति को सहनशील होना चाहिए, सहनशील व्यक्ति किसी दुसरो के अधिकारों को छिन्नता नही बल्कि सदाचार बढ़ाने वाला होता है। उतावला पन अक्सर काम को बिगाड़ देता है। इसलिय संयम रखना जरूरी है।
(2.) दिखवा ना करना:- मेरे पापा का मानना है की हमे हमारे आंतरिक व्यक्तित्व की ओर ध्यान देना चाहिए। पर हम उसमे ध्यान ना देकर ब्रह्मा व्यक्तित्व पर ज्यादा ध्यान देते है और इसलिए हम बाहर से अपने आप को अच्छा दिखाने की कोशिश करते रहते है ताकि हम सबके सामने अपने आप को महान दिखाये और ये खोखला अहम हमें हमारे जीवन मे आदर्श बनने में बाधा उत्पन्न करता है। इसलिए इस दिखावे से बचे और सादगी और सरलता को अपनाए।
(3.) दुसरो का भला करे:- मेरे पापा ने मुझे सदैव सिखाया दुसरो का भला करे क्योंकि जो दुसरो का भला करता है। ईशवर उसका भला करता है। कहा भी गया है। “कर भला हो भला” तथा उनक मानना है कि परोपकार की भावना से मनुष्य की आत्मा का विस्तार होता है तथा उसमे धिरे धिरे दुसरो की मद्दत करने की भावना उतपन्न होती है। क्योंकि जो परोपकारी होता है। उसका मन मक्खन से भी कोमल होता है। इसलिए परोपकार और दुसरो की मद्त के लिए हमे सदैव तत्पर रहना चाहिए। वो कहते है
“आदमी लाख सम्भलने पे, भी गिरता है मगर,
झुक्के जो उसको उठा ले, वो खुदा होता है।”
इसलिए परोपकारी बनना जीवन मे अत्यधिक आवश्यक है।
(4.) अनुशासन:- मेरे पापा का मानना है कि हमे प्रतेक कदम पर अनुशासन की आवश्यकता होती है। बिना अनुशासन के कोई भी कार्य नही किया जा सकता है। इसलिए प्रतेक कार्य मे मनमानी नही करना चाहिए इससे हमारे विकास में बाधा उत्पन्न होती है और अनुशासन का उपयोग हरेक काम मे होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सीखाया की बड़ो की आज्ञा का पालन करे और ये सब बातें मेरे पापा मुझे प्यार, स्नेह और नही तो दंड देकर भी कभी कभी सिखाते है। क्योंकि ये अनुशासन घर से शुरू होकर हमारे जीवन के जो भी स्थान है चाहे स्कूल चाहे खेल का मैदान सभी जगह काम आता है।
(5.) गंभीरता:- उन्होंने सिखाया की प्रतेक कार्य मे हमे गमम्भी भी होना चाहिए इसके लिए वो सभी के स्वास्थ के प्रति गमम्भीर रहते है। वो कभी भी छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज नही करते बल्कि प्रतेक बातों को गम्भीर रूप में लेते है। चाहे वो हमारे स्वास्थ्य ही क्यों ना हो।
(6.) प्रेम:- मेरे पापा हम सभी से बहुत प्यार करते है। मेरे पापा घर मे कभी किसी चीज की कमी नही रहने देते वो हमेशा सबकी जरूरतों का ध्यान रखते है। हमारी सभी फरमाइशों को पूरा करते है। कभी भी डांटने की जगह प्यार से ही समझाते है और हमारी गलतियों को छुपाने की जगह बताते है कि उसका परिणाम क्या हो सकता था। इसलिए उन्होंने हमें हमेशा प्यार और स्नेह से ही हर बात बताई।
(7.) संयम:- मैने हमेशा पिता से सीखा है कि चाहे कुछ भी हो जाये, हमें अपने आप पर से नियंत्रण कभी नही खोना चाहिए हमेशा सयमित व्यवहारकुशलता से हर कार्य को सफलता पूर्वक समाप्त करते है। वे कभी मुझ पर या मेरी छोटी बातों पर गुस्सा नही करते।
(8.) गम्भीरता:- मेरे पापा घर के सभी कार्यो और परिवार के सभी लोंगो और उनके स्वास्थ्य के प्रति गम्भीर होते है। वे कभी छोटी-छोटी बातों को भी नजर-अंदाज नही करते बल्कि हर बात को गम्भीरता से लेकर उसका महत्व हमे समझाते है और सबका ध्यान दिल रखते है। जबकि छोटी हो या बड़ी सभी ख़्वाईशो को पूरा करते है।
(9.) सागर जैसा बड़ा दिल:- मेरे पापा का दिल बहुत बड़ा है कि बार उनके पास पैसे नही होते हुए भी वे अपनी जरूरत भूलकर हमारी जरूरतों और कभी-कभी गैरजरूरी फरमाइशों को भी पूरा करते है। वे कभी भी हमे किसी भी चीज के लिए तरसाते नही है। हम बच्चे भले ही कोई भी गलती करे वो बिना गुस्सा होए हमे उस गलती के लिए माफ़ कर देते है। सच मे मेरे पापा का दिल सागर जैसा विशाल और गहरा है।
उपसंहार:- मेरे पापा कभी अपनी कोई तकलीफ नहीं बताते बल्कि वे घर के लोंगो की हर जरूरत और तकलीफ का पूरा ध्यान रखते है। इन्ही सब विशेषताओ के कारण पिता की महानता और अधिक बढ़ जाती है और उनकी तुलना दुनिया मे किसी से भी नही की जा सकती पिता प्रतेक बच्चे के लिए धरती पर ईश्वर का साक्षात रूप होते है वे सपनी संतान को सुख देने के लिए अपने सुखों को भी भुला देते है। वे रात दिन अपने बच्चों के लिए मेहनत करते है और उन्हें वे हर सुविधा देना चाहते है। जो उन्हें भी कभी नही मिली कई बार छोटी सी तनख्वाह में भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए पिता कभी कर्ज में भी डूब जाते है। लेकिन बच्चों के सामने कभी कोई परेशानी जाहिर नही करते शायद इसलिए पिता, दुनिया मे सबसे महत्वपूर्ण होते है और इसलिए भगवान ने किसी भी कारण से जिनके पापा को छीन लिया है या जिनके पापा उनसे दूर रहते है। भगवान उन्हें उनके पिता से मिला दे। या किसी भी रूप में उन्हें पिता का प्यार मिले क्योंकि पिता का प्यार बहुत ही अनमोल होता है।
“I love you very much my dear papa”
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मेरे पापा दुनिया के सबसे अच्छे पापा है