नागरिक के कर्त्तव्य पर निबंध

अच्छे जीवन की ज़रूरत के लिए देश के नागरिको को कुछ अधिकार दिए गए है।  जहां अधिकार होते है, वहाँ कुछ ज़िम्मेदारियाँ भी होती है। मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च कानून बनाये गए है। नागरिको के मौलिक अधिकारों को उनसे कोई छीन नहीं सकता है। संविधान के मुताबिक जो छह मौलिक अधिकार है वह इस तरह है :

1. समानता का अधिकार2. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
3. शोषण का अधिकार4. संस्कृति और शिक्षा का अधिकार
5. स्वतंत्रता का अधिकार6. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

देश के नागरिक किसी भी हिस्से में रहते हो , उन्हें यह अधिकार अवश्य मिलते है। नागरिको के कुछ मौलिक कर्त्तव्य है जो उसे हमेशा निभाने चाहिए। उन्हें राष्ट्रीय  ध्वज और राष्ट्र गान का इज़्ज़त करना चाहिए। देश के नागरिको को एकता , शक्ति और अखंडता की सुरक्षा करनी चाहिए।  सार्वजनिक संपत्ति और चीज़ो को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। हमे पर्यावरण , प्रकृति की हमेशा  रक्षा करनी चाहिए। हमे सांस्कृतिक जगहों की रक्षा करनी चाहिए। हमे हमेशा उन स्वतंत्रता सेनानियों और उनके मूल्यों का सम्मान करना चाहिए , जिन्होंने देश के लिए प्राणो की आहुति दे दी थी। हमे उनके बलिदानो को हमेशा याद करना चाहिए जो उन्होंने हमारे देश के लिए किया है।हमे देश में शान्ति और प्रेम बनाये रखने के लिए भाईचारे को कायम रखना ज़रूरी है।

नागरिकों के विकास की जिम्मेदारी  स्वयं नागरिकों पर ही है । नागरिको को  राज्य के तरफ से  नागरिक स्वाधीनता  प्राप्त है । नागरिकों को भाषण देने और लेख लिखने की पूरी छूट है।   नागरिकों का कर्तव्य है कि ऐसे लेख तथा ऐसे भाषण न दें, जिनसे लोगो  में सांप्रदायिकता और धार्मिक विचारो को ठेस या चोट पहुंचे  ।

नागरिको का कर्त्तव्य है कि ना केवल वह अपने परिवार और आस पास के लोगो को खुश रखे बल्कि अपने नगर और समाज के उन्नति के लिए भी उचित कार्य करे। नागरिको को अपने कर्त्तव्य का पालन करने के लिए न्यायलय भी  उन्हें बाध्य या दबाव  नहीं डाल सकता है। यदि कोई नागरिक अपने कर्तव्यों की अवहेलना कर रहे है , तो कोई उन्हें कर्त्तव्य का पालन करने के लिए कोई  ज़बरदस्ती नहीं कर सकता है। लेकिन नागरिको को अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करना चाहिए।

नागरिको का कर्त्तव्य है कि वह संविधान के नियमो का ढंग से पालन करे।  जब भी देश का झंडा फहराया जाए उसको मान सम्मान देने के लिए सावधान होकर खड़े हो जाए।  इस बात का ध्यान रखना चाहिए झंडा साफ़ हो और कहीं से भी फटा हुआ ना हो। झंडे को कभी भी पैरो के नीचे ना आने दे।  हमारे देश का झंडा हमारा गौरव है , इसकी इज़्ज़त करना हमारा कर्त्तव्य है। देश के नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह संविधान द्वारा बनाये गए नियमो का उचित पालन करे।

देश के नागरिक होने के नाते से हमे सामूहिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देना चाहिए।  इससे देश की उन्नति होती है। इससे देश नए उपलब्धियों को छू सकता है। शिक्षा सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है। नागरिको के भलाई के लिए राज्य कानून बनाता है।  इसलिए नागरिको की अहम जिम्मेदारी है कि वह कानूनों का पालन करे। देश के उन्नति के लिए पैसो की ज़रूरत होती है।  नागरिको का कर्त्तव्य है कि वह टैक्स वक़्त पर अदा करे। पूरी ईमानदारी के साथ कर चुकाए।

प्रत्येक व्यक्ति को अपना धर्म पालन करने की भारत में स्वतंत्रता है।  यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है। कोई भी नागरिक किसी दूसरे नागरिक को कोई भी धर्म मानने के लिए दबाव नहीं डाल सकता है।  कोई भी नागरिक  यदि कानून का उलंघन करता है तो वह दोषी कहलाता है।  देश का कानून उसे सजा दे सकता है।

सभी नागरिको को पुराने कुरीतियों और अंधविश्वासों को समाप्त कर देना चाहिए।  नए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के संग चलना चाहिए। अच्छे और विकसित परम्पराओ को अपनाकर समाज और देश का विकास करना चाहिए। हमे  बैगर किसी पक्षपात के देश के हित में काम करना चाहिए।

निष्कर्ष

राष्ट्र हित के लिए मौलिक कर्त्तव्य ज़रूरी है। मनुष्य की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करे। अधिकार और कर्त्तव्य दोनों ही महत्वपूर्ण है। अधिकारों के लाभ उठाने के संग कर्तव्यों को निभाना ज़रूरी है। देश का उचित और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए हमे अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए।

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