विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध व अनुछेद

जीवन के सभी क्षेत्रों में अनुशासन की ज़रूरत है। चाहे वह स्कूल हो , दफ्तर या युद्धभूमि  अनुशासन के बैगर कहीं भी काम नहीं चल सकता है । अनुशासन के कारण ही नेपोलियन विश्व की बड़ी शक्तियों को हारने में कामयाब हुआ था। यदि स्कूल , समाज , परिवार सभी स्थानों में लोग अनुशासन का पालन करेंगे तब अपने कर्त्तव्य को अच्छी तरह से समझ पाएंगे। तब कार्य में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। नियम तोड़ने से ही अनुशासनहीनता बढ़ती है तथा स्कूल , समाज में अव्यस्था उत्पन्न हो जाती है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व है।  इससे विद्यार्थी ना केवल एक सफल विद्यार्थी बनते है बल्कि आगे चलकर एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपना कार्य करते है। जितनी शिक्षा विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है , उतना ही अनुशासन ज़रूरी होता है। बच्चे को अनुशासन की आरंभिक शिक्षा घर से प्राप्त होती है। अभिभावकों को बच्चो को शुरुआत से अनुशासन का महत्व समझाना चाहिए। जैसे बच्चा जब पेंसिल पकड़ना सीखता है , उस वक़्त हम अक्षरों को सही ढंग से लिखना सिखाते है , वरना वह गलत मार्ग पर जा सकता है। ठीक वैसे ही , अनुशासन से विद्यार्थी अपने जीवन के लक्ष्य तक पहुँच सकता है।  हर चीज़ समय पर करना और सही तरीके से करना , अनुशासन कहलाता है।  सही तरीको को अपनाने के लिए सही नियमो का अनुकरण करना अनिवार्य है।

विद्यालय में अनुशासनहीनता की वजह से जो दशा बनी है , वह सभी के सामने है। आज देश में  चारो ओर स्वार्थ , हिंसा की भावना फैली हुयी है। यह अनुशासन की कमी के कारण है। शिक्षा के स्तर को ऊंचाई पर ले जाना होगा और  जिन्दगी को अनुशासित करना होगा  तभी विद्यार्थी  एक उन्नत देश का निर्माण कर पायेगा ।

विद्यालय में जाकर विद्यार्थी सही माईनो में अनुशासन का पाठ पढ़ता है। अच्छी और सही शिक्षा विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना सिखाती है। अनुशासन का पालन करना विद्यार्थियों का परम कर्त्तव्य है। यह ना केवल उन्हें  सफल इंसान  बल्कि उसे एक बेहतर और अच्छा इंसान बनाता है। विद्यालय में जाकर अनुशासन की भावना का विकास होता है। अनुशासन  की भावना प्रत्येक मनुष्य के मन  में होनी चाहिए।

आजकल की इस व्यस्त जीवन में अभिभावक अपने बच्चो को घर पर समय नहीं दे पाते है। ऐसे में बच्चे चिड़चिड़े हो जाते है और टीवी , मोबाइल इत्यादि पर निर्भर हो जाते है। मोबाइल और इंटरनेट के अत्यधिक प्रभाव ने अनुशासनहीनता को बढ़ावा दिया है।  बच्चो को लगता है की वह अब बड़े हो गए है और अनुशासन में रहने की उन्हें ज़रूरत नहीं है। यह सोच विद्यार्थियों के लिए घातक हो सकती है और वे बुरे संगत में पड़ जाते  है।

अनुशासन के बिना वह सही और गलत में फर्क नहीं कर पाते है।  बिना सोचे समझे किसी भी चीज़ का अपनी इच्छा अनुसार विरोध करने लगते है। अच्छे और जिम्मेदार शिक्षक विद्यार्थियों को अनुशासन में रहना सिखाते है। समय से विद्यालय पहुंचना और और छोटे बड़े नियमो का पालन करना सिखाते है। अनुशासन के बिना मनुष्य जैसे इंजन के बैगर गाड़ी और ब्रेक के बिना इंजन। शिक्षक विद्यार्थियों को नियमो में रहना सिखाते है और वक़्त पर कक्षा कार्य करना सीखते है।  समय का सदुपयोग करना और अनुशासन का पालन करना यह शिक्षक द्वारा  सिखाया जाता है।

शिक्षक विद्यार्थियों को एकाग्र होकर पढ़ना सीखाते  है।  बड़ो का सम्मान करना और हर कार्य समय पर  शुरू और निर्दिष्ट समय पर समाप्त करना इत्यादि  अनुशासन संबंधित चीज़ें शिक्षक विद्यार्थियों को सीखाते है। विद्यार्थियों को अपने सहपाठियों के संग अच्छा व्यवहार करना चाहिए। समय पर रोज़ाना कक्षा में हाज़िर होना चाहिए और उनसे बड़े जो उन्हें कार्य करने के लिए कहते है , उसे स्वीकार करे और उनके आदेशों का पालन करे। शिक्षकों का सम्मान उन्हें एक आदर्श विद्यार्थी बनाता है।

अनुशासन का पालन करने से विद्यार्थी धैर्यशील और संयमी बनते है। विद्यार्थी अगर समय पर  अपना काम  रोज़ करते है , तो उनमे धैर्य जैसे गुण उतपन्न होते है। अगर वह रोज़ाना अपना कार्य सही तरीके से ना करे , तो वह अपना कार्य हड़बड़ी में पूरा करेंगे।  इससे  उनमे संयम जैसे गुण उत्पन्न नहीं होंगे। अनुशासनहीनता उनके जीवन में बढ़ जायेगी।

आदर्श विद्यार्थी अनुशासन का महत्व समझता है और अपने बड़ो की बातो को कभी नज़र अंदाज़ नहीं करता है। अनुशासनहीन विद्यार्थी अक्सर गलत और बुरी आदतों के शिकार बन जाते है। आम तौर पर ऐसे विद्यार्थी छूपकर यह सारी चीज़ें करते है और माता पिता को इसकी भनक नहीं पड़ती है।

ऐसे में वह बुरी संगत में पड़कर और अधिक बिगड़ जाते है। अनुशासन का पालन करने वाले व्यक्ति का मन पढ़ने और अच्छे कार्यो की तरफ लगता है। अनुशासन का पालन ना करने से विद्यार्थी का भविष्य अंधकारमय हो जाता है। सिर्फ विद्यार्थियों का साफ़ सुथरा  कपड़ा पहनना ही सबकुछ नहीं होता बल्कि इस जीवन में अनुशासन के हर पहलुओं को समझना ज़रूरी होता है।

विद्यार्थी कई बार बड़े बड़े लक्ष्यों को पाने के सपने देखता है , मगर अनुशासन का पालन नहीं कर पाता है। जिसके कारण उन्हें असफलता का सामना करना पड़ता है। अनुशासन का अभाव छात्रों की पढ़ाई पर बुरी तरीके से पड़ता है। विद्यार्थी कुसंगति में पढ़कर चोरी और गैर कानूनी कार्यो में पड़ जाता है। अनुशासन रहित जीवन के कारण वह किसी की बात नहीं सुनते है।

ऐसे अनुशासन हीन विद्यार्थी को किसी भी  बात पर क्रोध  आ  जाता है। कभी कभी वे हिंसक प्रवृति के हो जाते है।  ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चो के साथ समय बिताना चाहिए।  उन्हें अनुशासित जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। 

विद्यार्थियों को अनुशासन सिखाने से पूर्व , अभिभावकों को भी अनुशासन में अपनी सारी चीज़ें करनी चाहिए।  बच्चे जो देखते है , वहीं सीखते है। विद्यार्थी को हर कार्य और गतिविधियां समय पर करना सीखाना  होगा जैसे स्कूल , खेलकूद इत्यादि  | सभी प्रकार के गतिविधियों में भाग लेने से उनका व्यक्तिगत विकास होता है। अभिभावकों को अपने बच्चो को जीवन के हर मोड़ पर समझना होगा सिर्फ अच्छे स्कूल में दाखिला करवाना ही सब कुछ नहीं है। अभिभावकों को अपने बच्चो को एक निर्धारित समय के लिए टीवी और मोबाइल का उपयोग करने देना चाहिए। अभिभावकों को अपना कीमती खाली समय बच्चो को देना होगा।  यह ध्यान अभिभावकों को रखना चाहिए।

निष्कर्ष

अनुशासन प्रिय विद्यार्थी बहुत परिश्रमी होते है। वह किसी भी काम को टालते नहीं है। वह आज का कार्य आज ही करते है।  ऐसे विद्यार्थी दूसरो की तुलना में अपना अलग मुकाम बनाते है। जीवन के  हर मुकाम पर अनुशासन की ज़रूरत  होती  है। कम उम्र से विद्यार्थी को इसका प्रशिक्षण देना ज़रूरी है , तभी उनकी आने वाली ज़िन्दगी सफल और सार्थक होगी।  विद्यार्थी आने वाले समय के युवा वर्ग होंगे , जिनके कंधो पर देश के  प्रगति की जिम्मेदारी होगी। इसके लिए अनुशासन का माहौल उन्हें जिम्मेदार और सफल नागरिक बनाएगा।

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2 thoughts on “विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध”

  1. इस निबंध को पढ़ने के बाद मुझमें बहुत बदलाव आए हैं। मै कभी अनुशासन में नहीं रहता था लेकिन इस निबंध को पढ़ने के बाद मैंने अनुशासन अपनाना शुरू कर दिया

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    • Oh..me bhi ab anushasan ka paalan karungi..kyunki mujhe yeh pta chl gya ki Vidyarthi jeevan me anushasan ka hona bahut mahtvapooran hota hai..Yeh humain ek acha vyakti bna deta hai..Ab mujhe bhi anushasan me rh kr apna hr karya sampooran krna hai… Dhanyawad aapka bahut bahut shukriya mujhe yeh nibandh dene ke liye..kyunki maine is nibandh ko bahut jaghon pr dhoonda ki mujhe saral shabdon me mile pr nhi mil rha tha yaha pr mil gya…. Dhanyawad
      😀😁😁

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