तम्बाकू पर प्रतिबंध हिंदी निबंध

तम्बाकू पर प्रतिबंध हिंदी निबंध |
तम्बाकू के दुष्प्रभाव पर निबंध |
धूम्रपान निषेध पर निबंध
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प्रस्तावना

तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। भारत में अधिकतर लोग तम्बाकू का सेवन करते है। आयेदिन लोगो को पान की दुकान और सार्वजनिक जगहों पर तम्बाकू , गुटखा जैसे नशीले वस्तुओं का  सेवन करते हुए दिख जाएंगे। तम्बाकू से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। आज देश के कई हिस्सों में तम्बाकू सेवन, बिक्री  और खरीद पर प्रतिबन्ध लगा रहा है।

धूम्रपान करने पर इतने प्रतिबन्ध नहीं लगाए जा रहे जितने तम्बाकू के खरीद और बिक्री पर लगाए जा रहे है। धूम्रपान करने वालो पर भी सख्ती सरकार को करनी चाहिए।  कैंसर कई बीमारियों में से एक है जो तम्बाकू सेवन से लोगो के  जीवन में दस्तक दे  सकते हैं। यदि लोग  धूम्रपान करते  हैं, तो उन्हें  संभावित रूप से फेफड़ों का कैंसर हो सकता  हैं।  लोग  चबाने वाले तंबाकू खाते है। कुछ लोग तम्बाकू को निगल लेते है  या  सूंघते हुए पाए जाते  हैं।  तम्बाकू  मुंह या घुटकी के कैंसर का कारण बन सकता है। इन जानलेवा बीमारियों के साथ, तंबाकू के सेवन से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), उच्च रक्तचाप और समय से पहले दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती  है। तम्बाकू और उत्पाद के साथ आने वाले कार्सिनोजेन्स भविष्य में कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

लोग धूम्रपान करते हैं या चबाने वाले तंबाकू का  सेवन करते है।  इससे मसूड़ों की बीमारी हो सकती है।  इसका मतलब है कि आपके मसूड़े और दाँत  इन उत्पादों से खराब हो जाते  हैं। तम्बाकू में निकोटिन होता है जो स्वास्थ्य के लिए बुरा होता है। तम्बाकू शरीर के जिन भी हिस्सों में जाता  है वहां कैंसर हो जाता है जैसे मुंह , होंठ और फेफड़ो का कैंसर। ज़्यादातर सिगरेट में तम्बाकू और निकोटिन जैसे पदार्थ होते है। महिलाएं गर्भावस्था में धूम्रपान या तम्बाकू सेवन अगर करती है तो यह उसके और उसके अजन्मे बच्चे के लिए खतरनाक है।  इससे बच्चा कमजोर पैदा  होता है और उसका वजन भी कम हो जाता है।

तंबाकू उत्पादों में निकोटीन  होता है  जिससे व्यक्ति को अत्यधिक  नशे की लत लग जाती  है। इसका मतलब है कि एक बार शुरू करने के बाद, इसे रोकना बेहद मुश्किल हो जाता  है। यह भयंकर रूप से स्वास्थ्य संबंधित  समस्याओं को जन्म दे सकता है। स्वास्थ्य समस्याओं का तनाव या छोड़ने का तनाव वास्तव में बेहद चिंताजनक और तनाव से भरा हुआ होता है। यह व्यक्ति के  दिमाग और शरीर पर बहुत दबाव डालता है।

तम्बाकू और धूम्रपान  उन मरीज़ो  के लिए हानिकारक है  जो सांस की तकलीफ , दिल की बीमारी  और डायबिटीज जैसे समस्याओं से ग्रस्त है।  तम्बाकू के खेतो पर जो भी मज़दूर काम करते है उन्हें तम्बाकू की धूल में स्वास्थ्य संबंधित परेशानी होती है। उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है और साथ ही फेफड़ो से जुड़ी बीमारी होती है।

निकोटिन स्वास्थ्य के लिए जहर से कम नहीं है। यह एक विषाक्त पदार्थ है जो जिंदगी बर्बाद कर देती है। इससे कई परेशानियां जैसे छाती में दर्द , पसीना आना , दस्त आना और  उलटी आना जैसे लक्षण होते है। दिल की धड़कन ऊपर नीचे होती है। सांस लेने में भीषण तकलीफ होती है और कुछ दिनों बाद मरीज़ की मौत हो जाती है। सरकार ने आवश्यक कदम उठाकर कई जगहों पर तम्बाकू पर रोक लगाया है। लोग दिन रात परिश्रम करते है और उन पैसो से तम्बाकू खरीदते है। इससे उनकी ज़िन्दगी ऐसे मोड़ पर चली जाती है कि वह चाहकर भी उसे सुधार नहीं पाते है। तम्बाकू का सेवन करना यानी मौत को बुलाना है। इस पर लोगो को नियंत्रण रखने की ज़रूरत है।

आजकल  छोटे बच्चो में भी धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन करते हुए नज़र आ जायेंगे। यह बहुत ही निंदनीय आदत है।  नशे की लत व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक तौर पर कमज़ोर बना देती है। दरअसल तम्बाकू पर अंकुश लगाया जा रहा है।  इसका अंतराष्ट्रीय व्यापार कुछ ख़ास अच्छा नहीं है। हम सबको मिलकर यह चेष्टा करनी होगी कि सभी लोग तम्बाकू और धूम्रपान जैसी आदतों से दूर रहे और सुरक्षित भी रहे। अब वक़्त आ गया है कि सिर्फ सिगरेट के पैकेट्स पर चेतावनी ना दिया जाए बल्कि इसकी बिक्री बंद हो जाए।  जब नशीले पदार्थ बिकेंगे नहीं तो लोग इसका सेवन भी नहीं करेंगे।

निष्कर्ष

तम्बाकू छोड़ने में ही व्यक्ति की भलाई है। तम्बाकू छुड़वाने के लिए कई संस्थाएं खुल चुकी है।  सिनेमा घरो में लोगो में जागरूकता फैलाने के लिए भी तम्बाकू सेवन के बुरे प्रभाव के बारें में बताया जाता है। ऐसा इसलिए ताकि लोग इन बुरी आदतों से दूर रहे और उन्हें अपने ज़िन्दगी से हाथ ना धोना पड़े। तम्बाकू जैसे बुरी लत से बचने के लिए लोग डॉक्टर के पास जाते है ताकि वे स्वस्थ हो सके।

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