रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध

रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध

प्रस्तावना रेलवे स्टेशन हमेशा भीड़ और शोर शराबे से भरपूर होता है।  एक दिन मैं  अपनी माँ के साथ हावड़ा स्टेशन गयी थी। हमें सताब्दी एक्सप्रेस पकड़नी थी। मैं और मेरी माँ सिलीगुड़ी जा रहे थे।  वहां मेरी बहन रहती है। हावड़ा रेलवे स्टेशन बहुत बड़ा है और वहाँ बहुत सारे प्लेटफार्म है।  रेलवे स्टेशन  बड़े होने की वजह से हमे समझ नहीं आ रहा था कि हमें कौन से प्लेटफार्म से चढ़ना है। इसलिए हम पूछताछ वाले कक्ष में गए और हमे सारी जानकारी मिली।

 रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर हमेशा लोगो की भीड़ रहती है। कोई यात्री लम्बे सफर के लिए ट्रैन पकड़ता है तो कोई दफ्तर , कॉलेज इत्यादि जाने के लिए ट्रैन से यात्रा करता है।  रेलवे स्टेशन पर कुलियों की भीड़ होती है। कुली सामान उठाने के लिए रेलवे स्टेशन पर रहते है और वे स्वंग कुली- कुली चिल्लाते है। कुली यात्रियों का सामान रेलगाड़ी तक पहुंचा देते है।

रेलवे स्टेशन पर जब भी कोई रेलगाड़ी आती है तो लोग सतर्क हो जाते है और सीट पर बैठने के लिए व्याकुल हो उठते है। यात्री कई बार भीड़ रेलगाड़ियों पर चढ़ने के लिए संघर्ष करते है। कई बार रेल के डिब्बे लोगो से खचा खच भरे रहते है कि पैर रखने तक की जगह नहीं रहती है ।कई बार यात्रियों में सीटों को लेकर झगड़ा हो जाता है।

रेलवे स्टेशन  पर हमेशा रेलगाड़ियों का शोरगुल , रेलगाड़ियों की सीटियां सुनने को मिलती है।रेलवे स्टेशन पर फेरीवाले घूमते है।  खाने की सामग्री बेचने के लिए हॉकर अपने आवाज़ में ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते है ताकि यात्रियों की नज़र उन पर पड़े और वह अपने ज़रूरत की चीज़ें खरीद सके।जैसे ही रेलगाड़ी रेलवे प्लेटफार्म तक पहुँचती है , लोगो की भीड़ और चहल पहल  भी बढ़ जाती है। जब रेलगाड़ी में यात्रीगण सवार हो जाते है तो रेलगाड़ी अपने निर्धारित समय पर प्लेटफार्म से रवाना हो जाती है।जैसे ही रेलगाड़ी प्लेटफार्म पर आती है , सभी यात्री अपना सामान लेकर रेलगाड़ी में चढ़ने के लिए तैयार हो जाते है।

रेलवे स्टेशन पर कौन सी ट्रैन कौन से समय और कौन से प्लेटफार्म से  छूटती है उसकी अनाउंसमेंट हो जाती है।रिश्तेदार अपने परिजनों को रेलगाड़ी पर बिठाकर चले जाते है।रेलगाड़ी पर यात्रा करने के लिए टिकट बुक करनी पड़ती है।अपने गंतव्य जगह तक पहुँचने के लिए लाखो लोग रेलगाड़ी से  रोज सफर करते है।

अगर कोई बिना टिकट का सफर करता है तो वह सरासर गलत  है।  यह एक अपराध की श्रेणी में आता है। लम्बी रेल यात्रा के लिए आरक्षित सीट ज़्यादातर लोग बुक करते है। इससे सफर करने में आसानी होती है।  बिना सीट रिजर्वेशन की वजह से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

जब तक रेलगाड़ी नहीं आ जाती , यात्रीगण रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर मौजूद कुर्सियों पर बैठकर ट्रैन की प्रतीक्षा करते है।रेलगाड़ी पर चढ़ने के लिए यात्रियों में धक्का मुक्की भी शुरू हो जाती है। जिन  रेलवे के डिब्बों में आरक्षण नहीं होता है , उसकी हालत और खराब हो जाती है।लोग अपनी मन पसंद सीट पाने के लिए झगड़ पड़ते है।  

रेलवे प्लेटफार्म पर जब भी मुझे भूख लग जाती है , तो मुझे चिंता नहीं करनी पड़ती है । ऐसा इसलिए क्यूंकि वहाँ कई तरह के जल पान के विकल्प रहते है।प्लेटफार्म पर खाने पीने के लिए कई तरह के स्टाल मौजूद रहते है।  लोग अपना समय रेलगाड़ी में अच्छे से व्यतीत करने के लिए  समाचारपत्र और पत्रिकाएं खरीदते है।लोग अपने पसंदीदा भाषा की पत्रिकाएं खरीदते है। प्रत्येक रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर लोग किताबें खरीदते हुए हमें दिख जाएंगे।

निष्कर्ष

रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस सुरक्षा भी रहती है। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के ज़रूरतों को ध्यान में रखकर हर तरह की सुविधाएं मौजूद है। हर दिन लाखो लोग रेलगाड़ी से सफर करना पसंद करते है।समस्त देश के विभिन्न प्रजातियां और अलग अलग धर्मो को मानने वाले लोग एक  साथ सफर करते हुए पाए जाते है।

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