ओजोन दिवस पर निबंध

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ozone diwas par nibandh- ओजोन दिवस पर निबंध

प्रस्तावना: ओजोन वायुमंडल में मौजूद एक महत्वपूर्ण परत है। ओजोन की परत समताप मंडल में है। यह परत धरती से तकरीबन पचास किलोमीटर की दूरी पर है।  ओजोन का रासायनिक सूत्र यानी केमिकल फार्मूला है 03. ओजोन परत हमारे  जीवन में आने वाले मौसम को सही तरह से नियंत्रित करता है।  ओजोन परत सूरज से आने वाले हानिकारक युवी किरणों को रोकती है और हमें सुरक्षित रखती है। यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को नब्बे प्रतिशत से ऊपर अवशोषित करके हमारे और अन्य जीवो की रक्षा करती है। इन हानिकारक किरणों से हमें कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती है | 

यह  पराबैंगनी किरणे  जीव – जंतुओं  और हमारे लिए नुकसानदेह है। मनुष्य उन्नति की राह पर इतना अँधा होता जा रहा है कि उसे पर्यावरण का कोई ध्यान नहीं रहा है। आम तौर आम आदमियों का ध्यान ओजोन परत की ओर नहीं जाता है।  कुछ समझकर भी इसे अनदेखा कर रहे है। उनको समझाना आवश्यक है कि ओजोन परत धरती की रक्षा कवच है। मनुष्यो के नियमित उपयोग किये जाने वाले रसायनो की वजह से ओजोन परत बर्बाद होती जा रही है। यह गंभीर चिंता का विषय है।  संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ओजोन परत के संरक्षण के लिए 16 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय  ओजोन दिवस के रूप में मनाया जाता है। लोगो में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है।   ओजोन एक त्रिकोणीय अकार्बनिक अणु है जिसमें पीला नीला रंग और तीखी गंध होती है। ओजोन परत पृथ्वी और इसमें रहने वाले सभी जीवो की रक्षा करता है।

ओजोन गैस का रंग हलके नीले रंग का होता है। यह गैस सूर्य से निकलने वाले युवी किरणों के लिए एक फ़िल्टर की भाँती काम करती है। यह एक ऐसा फ़िल्टर होता है , जो युवी किरणों को अवशोषित कर लेती है। लोगो में  सतर्कता फैलाने के लिए इस दिन  की विशेष अहमियत होती है। यह  परत पृथ्वी से दूर तकरीबन दस से पचास किलोमीटर तक के बीच मौजूद है। ओजोन परत का आविष्कार फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसन जैसे वैज्ञानिको ने की थी।

ओजोन परत को अगर ऐसे ही नुकसान पहुँचता रहा तो हम सभी जीवित नहीं रह पाएंगे। इससे मनुष्य को जानलेवा कैंसर , फसलों की बर्बादी और पानी में मौजूद जीव जीवित नहीं रह पाएंगे।  इसलिए ओजोन परत बहुत महत्वपूर्ण है।

हमारे दैनिक जीवन में क्लोरोफ्लोरोकार्बन के अधिक उपयोग के कारण ओजोन परत क्षतिग्रस्त हो रहा है  रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर, क्लोरोफ्लोरोकार्बन के मुख्य स्रोत हैं। ये क्लोरोफ्लोरोकार्बन तत्व  ओजोन परत की लगातार  कमी के लिए जिम्मेदार हैं। वैज्ञानिकों ने ओजोन परत में एक छेद देखा है जो दुनिया के लिए खतरनाक है। ओजोन छेद को अंग्रेजी में ओजोन होल कहा जाता है।

विश्व ओजोन दिवस वर्ष 1994 से मनाया जा रहा है।  इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित किया जाता है। इस उत्सव को मनाने के पीछे एक उद्देश्य है प्रदूषण पर अंकुश लगाना और ओजोन परत को बचाना। धरती को जानलेवा सूरज की किरणों से यह ओजोन परत बचाती है।

लोगो को जागरूक करने की आवश्यकता है कि वह ऐसे चीज़ों का इस्तेमाल करे जिसमे क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स  ना हो।

यह दिन दुनिया भर में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। विभिन्न देशों की सरकारें पर्यावरण अनुकूलित  उत्पादों के उपयोग को लोगो तक फैलाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम और समारोह आयोजित करती हैं। स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं में जागरूकता फैलाने के लिए  विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं । वैज्ञानिको द्वारा चौब्बिसो घंटे हर रोज़ ओजोन परत पर ओजोन मैपिंग स्पेक्ट्रोमीटर सैटेलाइट के माध्यम से देख रेख की जा रही है।  

वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने साबित किया कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन के स्थान पर हाइड्रोफ्लोरोकार्बन का उपयोग किया जा सकता  है।  यह कम हानिकारक है। शोधकर्ताओ  के मुताबिक  हाइड्रोफ्लोरोकार्बन में जीरो ओजोन डिप्लीशन पोटेंशियल  है। ओजोन परत में छेद होने के काफी वजह है।  नियमित रूप से निकलता हुआ फैक्ट्रियों का धुंआ और सड़को  पर बिना थमे वाहनों का चलना और वाहनों से निकलते हुए जहरीले गैस जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड। यह सारे कारक पृथ्वी पर गर्मी को बढ़ा देते है। ऐसे ही हर साल प्रदूषण के कारण ओजोन छेद में बढ़ोतरी हो रही है जो एकदम अच्छा नहीं है।  इससे पृथ्वी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और प्रलय भी आएगा।

अगर मानव इसी तरह प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग करता रहा तो आने वाले समय में पृथ्वी खतरे में पड़ जाएगा। मनुष्य को अपने हर चीज़ो का सोच समझ कर उपयोग करना चाहिए।  ओजोन परत की वजह से हम जीवित है।  ओजोन में छेद होने के कारण लोग युवी किरणों से मुखातिब हो रहे है और कई बीमारियों के शिकार हो रहे है। इससे स्किन यानी त्वचा संबंधित कैंसर हो रहा है। आँखों पर बुरा असर पड़ता है।  युवी किरणों से लोगो की आँखें नष्ट हो सकती है। इस दुनिया को बचाने के लिए हम सभी को ज़रूरी कदम उठाने होंगे। ओजोन दिवस मनाना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं होगी बल्कि हम सही माईनो में इसके पीछे मकसद से भी जुड़ेंगे।

निष्कर्ष

इसको रोकने का एक ही उपाय है मनुष्य प्रदूषण को काबू में लाये। सिर्फ एक आदमी के करने से कुछ नहीं होगा , सभी को मिलकर प्रदूषण को रोकना होगा। हमे ज़्यादा से ज़्यादा चीज़ो को रीसायकल करके फिर से उपयोग करना होगा। हमे पृथ्वी को स्वच्छ और सुन्दर बनाने की हर मुमकिन चेष्टा करनी होगी। हमे  प्राकृतिक संसाधनों को बचाना होगा। वायु प्रदूषण को रोकना होगा  तभी ओजोन परत को हम समाप्त होने से बचा पाएंगे।

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