मोबाइल की लत पर निबंध | Essay on Mobile Addiction in Hindi
जैसा कि हम सब जानते है, मोबाइल आजकल लोगो के लिए हर चीज़ से ज़्यादा जरुरी हो गया है। बड़े हो या छोटे बच्चे मोबाइल फ़ोन के बिना जीवित नहीं रह सकते है। अगर किसी के भी हाथ से मोबाइल फ़ोन छीन कर कुछ देर के लिए दूर रख दिया जाए तो वे उदास और परेशान हो जाते है। मनुष्य घर से निकलते समय कुछ भी भूल सकता है , मगर मोबाइल फ़ोन नहीं भूलता। यदि मोबाइल एक दिन तक हमारे निकट ना रहे तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने हमारे घाव को कुरेद दिया हो। प्रत्येक व्यक्ति की सुबह मोबाइल पर बज रही अलार्म की घंटी से होता है। सुबह उठते ही सबसे पहले वह अपना मोबाइल चेक करने बैठ जाता है।
आज कल लोग मोबाइल के बैगर चंद मिनट भी नहीं रह पाते है। रात को सोने से पहले भी मोबाइल पर मैसेज चेक करना , मेल करना , वीडियोस देखना , सोशल मीडिया पर चैट करना जैसी गतिविधियों में व्यस्त और मगन हो जाते है। मोबाइल से कई हानिकारक रेडिएशन्स निकलती है , जिसके कारण गंभीर बीमारियां हो सकती है। मोबाइल को लोग सोते वक़्त भी अपने पास रखते है। मोबाइल की लत हर मनुष्य को लग गयी है।
पहले जब मोबाइल फ़ोन नहीं थे तब भी लोग जीवन में ख़ुशी से जी रहे थे तब कुछ कार्यो में परिश्रम करना पड़ता था। लेकिन मोबाइल फ़ोन के आ जाने पर कुछ कार्यो में जैसे डाकघर जाना , बैंक जाना ,बिल चुकाना , टिकट बुकिंग करना खरीदारी करना इत्यादि नहीं करने पड़ते है। मोबाइल के एक क्लिक से यह सारे कार्य हो जाते है। हर सुविधा के लिए मोबाइल में विभिन्न एप्लीकेशन उपलब्ध है जिससे किसी को कोई परेशानी नहीं होती है। मोबाइल ने ज़िन्दगी को सरल ज़रूर बना दिया है लेकिन इसकी लत कम नहीं हो रही है।
मोबाइल की लत हमारे कीमती समय को बर्बाद कर देती है। आमतौर पर लोग मोबाइल पर वीडियो गेम्स खेलने में और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने में समय की बर्बादी करते है। उनका कार्य में मन नहीं लगता है। हमेशा मोबाइल पर नोटिफिकेशन चेक करते रहते है।
हम कई कार्य आधे में छोड़कर मोबाइल में व्यस्त हो जाते है। खाना खाते समय भी मोबाइल चेक करते है। यह एक बुरा नशा सा बन गया है जिसने समाज में रह रहे लोगो को जकड़ सा लिया है। लोग टीवी भी इतना ध्यान से नहीं देखते है जितना की मोबाइल। मोबाइल की वजह से कई जगह दुर्घटनाएं और सड़क हादसे होते है। ड्राइव करते समय मोबाइल पर बात नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से कई सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है।
बच्चो को बचपन से ही मोबाइल की लत लग गयी है। वह खेलने के लिए बाहर नहीं जाते है बल्कि मोबाइल पर गेम खेलते है अथवा मूवी देखते है। पहले जब मोबाइल नहीं हुआ करता है तो बच्चे खेल कूद में मन लगाते थे। खेलकूद ना करने से स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें हो रही है। मोबाइल के कई लाभ है। व्यक्ति जब चाहे खबर सुन सकता है , मैसेज , ऑनलाइन पेमेंट , ऑनलाइन खरीदारी , बिल चुकाना इत्यादि चीज़ें मोबाइल द्वारा करते है। मोबाइल के आ जाने से अब लोगो को बिल चुकाने और बैंक जाने की ज़्यादा आवश्यकता नहीं पड़ती है। मोबाइल ने सब कुछ सरल कर दिया है। मोबाइल से हम गाने सुन सकते है। मोबाइल में रेडियो और मीडिया प्लेयर जैसी विशेषता है जिससे जब मन चाहे गाना सुन सकते है।
जब लोगो के पास खाली समय होता है तो कई लोग वीडियो कॉल पर बात करते है। मोबाइल विज्ञान द्वारा दिया गया अनोखा भेंट है। मोबाइल का नशा छोटो से लेकर बड़ो तक को हो गया है। लोग अपने रिश्तों को कम मोबाइल पर बात करना ज़्यादा पसंद करते है। मोबाइल की वजह से रिश्तों का महत्व कम हो रहा है। लोग अपनों से कम बात करते है और मोबाइल पर समय बिताते है। वह आलू के बोरे की तरह एक जगह मोबाइल से चिपके रहते है। त्योहारों की बधाई मोबाइल पर मैसेज और चैट द्वारा करते है।
लगातार मोबाइल का इस्तेमाल करने पर अनगिनत बीमारी हो सकती है। लोग अपना कीमती वक़्त व्हाट्सप्प , ट्विटर , फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपने मित्रो के साथ चैट करने में लगा देते है। इससे तनाव , नींद ना आना और व्यक्ति के सोचने और याद करने की शक्ति पर प्रभाव पड़ता है। लोग वाहन चलाते समय भी मोबाइल फ़ोन पर मैसेज या बातचीत करते है , इससे भयंकर दुर्घटना हो सकती है।
निष्कर्ष
पहले मोबाइल की कीमते बहुत अधिक हुआ करती थी। इसलिए ज़्यादा लोग खरीद नहीं पाते थे। आज कम कीमत से लेकर ज़्यादा कीमत वाले मोबाइल बाजार में मौजूद है। लोग जब चाहे अपने बजट और पसंद अनुसार मोबाइल फ़ोन खरीदते है। मोबाइल फ़ोन जैसे हमे नियंत्रित कर रहा है। मोबाइल फ़ोन का उपयोग करना गलत नहीं है मगर इसे अपनी आदत और लत बनाना गलत है। सीमित मात्रा में मोबाइल का उपयोग मनुष्य को स्वस्थ और सुखी रखेगा।