मेरा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध

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मेरा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध

प्रस्तावना: मुझे मेरे देश भारत पर गर्व है। हमारे देश की परंपरा और संस्कृति से दुनिया प्रेरित है। हमारे देश में  कई  भाषाएं बोली जाती है। हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है।  यहां लोग जिस धर्म को चाहे उसे मान सकते है। यहाँ हिन्दू , मुस्लिम , सिख , ईसाई सभी धर्म के लोग एक साथ रहते है। यहां के देशप्रेमी और देशवासी अपने देश को अपनी माँ के समान प्यार करते है। देश का सम्मान और देश के लिए मर मिटने वाला प्यार देशभक्ति कहलाती है । हमारा देश हमारे लिए अत्यंत प्रिय है। यहां के अन्न और जल से हम विकसित हुए है।

भारत के खूबसूरत पहाड़ और नदियाँ उसकी सुंदरता को और अधिक  बढ़ाते है। भारत में विभिन्न भाषाएं बोलने वाले लोग रहते है। यहां के लोग अपने धर्म और परम्पराओ से बेहद जुड़े हुए है। यहाँ हर व्यक्ति एक दूसरे के धर्म का सम्मान करता है।

भारत एक बहुत बड़ा देश है। भारत में कुल २९ राज्य है।भारत हर क्षेत्र में विकास कर रहा है।हमारे देश का नाम भारत है। भारत को हिन्दुस्तान के नाम से जाना जाता है।  भारत को अंग्रेजी में इंडिया कहा जाता है।कहा जाता है राजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा।

भारत में  सात केंद्रशासित प्रदेश है। भारत की राजधानी दिल्ली है। हमारा देश बड़ी आबादी वाला देश है। यहां सभी लोग एक साथ त्यौहार मनाना पसंद करते है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है। वह देश के सभी जिम्मेदारियों को संभालते है। हर  त्यौहार चाहे वह स्वतंत्रता दिवस हो , या गणतंत्र दिवस हो , होली , दिवाली इत्यादि  त्यौहार लोग मिल जुलकर मनाते है।

हमारे देश का गौरव हिमालय पर्वत सर ऊँचा करके खड़ा है। हमारे देश का मुकुट है हिमालय पर्वत। हमारा देश कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ है। पश्चिम दिशा में गुजरात से लेकर पूर्व दिशा में असम तक फैला हुआ है ।हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता की तारीफ़ पूरी दुनिया करती है।

हमारे देश के इतिहास और संस्कृति , परम्पराओ के विषय में शोधकर्ता आज भी अनुसंधान कर रहे है। हमारी जन्मभूमि पर   कई सम्राटों ने  राज किया है। एक वक़्त था जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। सब की नज़र भारत के धन दौलत पर थी। अंग्रेज़ो ने हमारे देश पर कई जुल्म ढाये।

देशवासियों ने अपने आज़ादी के लिए कई लड़ाईयां लड़ी।  क्रांतिकारियों ने अपने प्राणो का बलिदान दिया और तब जाकर पंद्रह अगस्त १९४७ को देश ने आज़ादी का सूरज देखा।सभी तरह के ऋतुओं का आनंद हमारे देश में लोग लेते है। हमारे देश के सुन्दर पहाड़ और गहरा समुन्दर देश की सुंदरता को बढ़ा देता है।

भारत में हर धर्म का सम्मान किया जाता है। यहां गिरजाघर , गुरुद्वारा , मंदिर , मस्जिद जहां चाहे वहाँ लोग  जा सकते है।भारत में कई तरह के भाषाएं बोलने वाले लोग रहते है। सभी के रहन सहन , खान पान और पोशाक में अंतर है।  लेकिन फिर भी सभी देशवासी एक साथ प्यार के साथ रहते है। सभी अनेकता में एकता की मिसाल देते हुए नज़र आते है।

देशवासी सभी धर्मो को एक समान  समझते है।  हमारे देश में जितनी ख़ुशी के साथ दिवाली और दुर्गापूजा मनाई जाती है , उतनी ही ख़ुशी के साथ ईद और क्रिसमस भी  मनाया जाता है। यहां के लोग आधुनिक तो बन गए है मगर दिल से अपनी परंपरा और संस्कृति को नहीं भूले है।

हमारे देश में कोयला , लोहा , यूरेनियम इत्यादि धातु पाए जाते है।  हमारे देश की सैन्य शक्ति बल बहुत मज़बूत है। स्वतंत्रता प्राप्त करने के पश्चात देश का संविधान २६ जनवरी १९५० में आरम्भ किया गया था । भारत की सुंदरता को देखकर सब इस देश की ओर आकर्षित हो जाते है और उसे जानना चाहते है।

कश्मीर को हमारे देश का स्वर्ग कहा जाता है। कश्मीर की खूबसूरती को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते है। भारत के हर एक राज्य की अपनी ही अलग ही संस्कृति और खूबसूरती है। उत्तर पूर्वी राज्यों की सुंदरता और वादियों का आनंद सभी लेते है।  केरल की हरियाली और खूबसूरती को ब्यान करना मुश्किल है।  हर राज्य का अपना अलग रंग  होता  है।  कहने का तात्पर्य है हर राज्य की अपनी अलग खूबसूरती होती   है। यह हमारे देश को बाकी देशो की तुलना में सबसे अलग बनाता है|

निष्कर्ष

हमारा देश आज हर क्षेत्र में  प्रगति कर रहा है। आज हमारा  देश आत्मनिर्भर बन चूका है। हालांकि भारत को अब भी विकाशील देशो में गिना जाता है। अब देश को और जागरूक होने की ज़रूरत है। सभी देशवासियों को एक जुट होकर देश की उन्नति में साथ देना चाहिए। भ्रष्टाचार और राजनीति ने हमारे देश की प्रगति को खोखला कर दिया है। देश की सरकार को अपनी जिम्मेदारी पूरे निष्ठा और सच्चाई के साथ निभानी चाहिए। देशवासी को भी अपनी जिम्मेदारी सच्चाई के साथ निभानी चाहिए तभी एक विकसित देश का निर्माण हम सब कर सकते है। हमें  अपने देश की कठिनाईयों को दूर करने में  सहयोग देना चाहिए।  देशवासियों का कर्त्तव्य है कि वह अपने देश के प्रति जिम्मेदारियों को निभाए  तभी एक उन्नत राष्ट्र का निर्माण संभव है।  हमारा देश हमे प्राणो से भी अधिक प्यारा है। जय हिन्द

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