यदि मै नेता होता निबंध

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यदि मै नेता होता निबंध kash me Neta hota to Nibandh

प्रस्तावना: कल्पना भी अद्भुत चीज़ होती है। हम जीवन में बहुत सारे चीज़ों की कल्पना करते है।  यदि मैं यह होता तो क्या करता। कल्पना कुछ समय के लिए हमे आनंद देता है और हम कुछ आदर्श भी निर्धारित करते है। उदाहरण स्वरुप न्यूटन , एडिसन ने अगर कल्पना ना की होती , तो इतने आविष्कार भी नहीं किये होते। एक नेता बनना कठिन काम होता है।  इसमें कई सारे जिम्मेदारियां होती है। यदि मेरे इरादे मज़बूत है , तब मैं एक सफल नेता बनने की पूरी कोशिश करता। यदि मैं नेता होता तो देश और राज्य के लिए बहुत सारी चीज़ें करने की कोशिश करता ताकि देश उन्नति कर सके।

भारत एक लोकतंत्रात्मक देश है। यदि मैं नेता होता तो अपने शासन काल में ढील और लापरवाही नहीं अपनाता। मैं हमेशा देश हित के विषय में सोचता। मैं देश के गंभीर समस्याएं जैसे बेरोजगारी और गरीबो की दुर्दशा जैसे समस्याओं को दूर करने की कोशिश करता। मैं गरीबो की शिक्षा और किसानो पर हो रहे शोषणों के विरुद्ध कार्यवाही करता।

देश की अर्थव्यवस्था अभी कोरोना संकटकाल की वजह से और नीचे चला आ रहा है।  यदि मैं नेता होता तो देश की आर्थिक दशा को सुधारने का प्रयास करता। सम्पूर्ण देश में लघु और बड़े उद्योगों का जाल बिछा देता और कई लोगो को रोजगार के अवसर प्रदान करता।

यदि मैं नेता होता तो किसानो की दशा को बेहतर बनाने की चेष्टा करता। हमारा देश कृषि प्रधान देश है।  उसको बनाये रखने के लिए मैं किसानो की आर्थिक दशा को सुधारने में सहायता करता। देश में नयी योजनाओं को पास करवाता ताकि किसान पूरे आत्मविश्वास के साथ कृषि पर ध्यान दे। हर किसान आधुनिक तकनीकों का उपयोग करे , यह सुनिश्चित करता। देश की उन्नति के लिए किसानो की उन्नति भी ज़रूरी है। मैं गाँव के विकास को गंभीरता से लेता।  गाँव का विकास भी उतना ज़रूरी है जितना शहरों का।  यदि सारे गाँव विकसित हो गए , तो लोग गाँव से शहरों की ओर पलायन नहीं करेंगे।

देश की प्राकृतिक सम्पदा की रक्षा करता। नदियों के जल का समुचित प्रयोग करके देश को धन धान्य संपन्न करता। प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा के लिए और अधिक उपाय करता। संगठनों से अधिक बैठक  करता और बेहतर व्यवस्था करता ताकि पीड़ित लोग फिर से अपनी साधारण जीवन में वापसी कर सके।

देश की बंजर खेती को हरियाली में बदलने की भरपूर कोशिश करता। इस काम को करने के लिए वैज्ञानिको के साथ बैठक करता। यदि मैं नेता होता तो आज की रटने वाली शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन लाता। आजकल के इस वक़्त में नेताओ के चरित्र को लोग शंका के नज़र से  देखते है। ऐसा इसलिए कि अधिकतर राजनीतिज्ञ भ्रष्टाचार से लिप्त है। यदि मैं नेता होता तो लोगो की इस ग़लतफ़हमी को दूर करता। एक अच्छा नेता बनकर देशवासियो को शिकायत का मौका नहीं देता। मैं हमेशा जनहित में कार्य करने का प्रयास करता। यदि मैं नेता होता तो मैं देश में रहने वाले लोगो को अधिक प्राथमिकता देता। उनकी भलाई के विषय में सोचता  और कपट नेताओ की तरह स्वार्थी नहीं बनता।

मैं समाज में मौजूद नकारात्मक सोच को शिक्षा के सहारे मिटाता।  मेरे शासनकाल में हर  व्यक्ति शिक्षित होता। मैं तकनीकी  शिक्षा पर ज़्यादा ज़ोर देता। मैं युवा वर्ग  को उनके ज़रूरत के अनुसार प्रशिक्षित करता। मैं रोजगार के अवसरों को विकसित करने की हर संभव कोशिश करता। यदि मैं नेता होता तो साम्प्रदायिकता जैसे नकारात्मक विचारो को उखाड़ फेंकता । आंतकवाद को कई राज्यों से मिटाने की कोशिश करता। कश्मीर मुद्दों को पहले शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की कोशिश करता। अगर नहीं सुलझता तो अपने पार्टी के लोगो से सलाह लेकर आंतकवादी देशो को करारा जवाब देता। भारत के सभी नेता अगर सच्चे देशभक्त और अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान हो जाए तो देश की प्रगति निश्चित है। नेता को पूरे मन से योगदान देना होगा।

निष्कर्ष 

यदि मैं नेता होता तो नौजवानो की प्रतिभा को नष्ट ना होने देता। यदि मैं नेता होता तो देश की सारी समस्याओं को मिटा देता। यदि मैं नेता होता , तो कालाबाज़ारी जैसे चीज़ो पर अंकुश लगाता। नेता बनने के लिए अपने जिम्मेदारियों को समझना ज़रूरी है।  नेतृत्व करने की क्षमता , देशभक्ति  और देशहित   जैसी भावनाओं का होना ज़रूरी है। सभी नेता को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और सच्चाई के साथ उसे निभानी होगी। तब निश्चित तौर पर देश की उन्नति संभव है।

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