प्रस्तावना: देश में ज़्यादातर संख्या में लोग गाँव में निवास करते है। जैसा कि हम सब जानते है , गाँव का जीवन सादगी और भोलेपन से भरा होता है। गाँव की उन्नति भी उतनी ही ज़रूरी होती है , जितना शहरों की। भारत की पारम्परिक खूबसूरती गाँव से भी होती है। गाँव को स्वच्छ और प्रत्येक लोगो को शिक्षित करवाना देश की अहम जिम्मेदारी है। राष्ट्र पिता गांधी जी ने भी कहा था कि देश की असली सुंदरता गाँव में है।
भारत की सुंदरता , सादगीपन की झलक गाँव में नज़र आती है। गाँव में रहने वाले ज़्यादातर लोग खेतो में काम करके अपनी आजीविका चलाते है। ग्रामीण लोग इसके साथ ही पशु पालन और उससे मिलने वाले दूध इत्यादि चीज़ो को बेचकर भी गुजारा करते है। जो लोग कृषि करते है , वह साल के कुछ महीने हस्तशिल्प संबंधित कार्य करते है। वह कुटीर और लघु उयोगो में काम करते है , वरना इस महंगी दुनिया में गुजारा करना उनके लिए मुश्किल भरा होता है।
किसान दिन भर तेज़ धूप में काम करते है , तब जाकर हमे यानी आम आदमियों को अनाज , सब्ज़ी और अन्य खाद्य वस्तु प्राप्त होते है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसलिए किसानो का वजूद बनाये रखने के लिए उन्हें कई तरह की सुविधाएं सरकार को देनी चाहिए। गाँव की शान्ति , हरियाली , पेड़ , पौधे और लहलहाते हुए खेत , रंग -बिरंगे फूल मन को मोह लेते है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। भारतीय ग्रामीण जगहों की खूबसूरती का पता एक ही दृश्य से लग जाता है।
गाँवों ने कई शालो से तिरस्कार सहन किया है | गाँवों की अवस्था दयनीय हो गयी है | आज़ादी के इतने वर्षो के बाद भी सरकार गाँव और शहरों के मध्य अंतर को मिटाने में नाकामयाब रही है |गाँव में लोगो की आय शहरों में रहने वाले लोगो की आय से कम होती है | हम यह नहीं कह रहे है कि गाँव में उन्नति नहीं हुयी है | मगर इतने वर्षो में जितनी उन्नति होनी चाहिए थी , वह नहीं कर पायी है |
गाँव में अशिक्षा के कारण सही , गलत , अच्छे बुरे में लोग फर्क नहीं कर पाते है | वह अंधविश्वास के शिकार होते है |अभी भी कई गाँव में किसान फसलों के लिए नयी तकनीकों का उपयोग नहीं कर रहे है | यह अशिक्षा के कारण हुआ है | इसी के कारण किसान शोषण और अत्याचार का शिकार हुए है | गाँव में रहने वाले धनी लोग गरीब किसानो का शोषण करते है और थोड़ा कर्जा देकर उनका जमीन हड़प लेते है | यहां देश की सरकार को किसानो के अच्छे भविष्य के लिए और अधिक योजनाएं आरम्भ करने की आवश्यकता है।
गाँव में कई लोगो ने अच्छे जीवन यापन की इच्छा का त्याग कर दिया है | गरीबो की दशा को सुधारने के लिए करोड़ो रूपए खर्च किये गए | कई बार योजनाओं का गलत फायदा देश में बुरे लोग उठा लेते है | इसे भ्र्ष्टाचार कहा जाता है | सही जगह पर धन नहीं पहुँचता है , इसलिए गरीबो की दशा वैसे की वैसे कई जगहों पर बनी हुयी है |
आजादी के पश्चात देश को जितनी उन्नति करनी चाहिए थी। उतनी उन्नति देश अभी नहीं कर पायी है। देश की बहुत सारी समस्याओं के संग गांव का पिछड़ापन एक गंभीर समस्या है। पहले की तुलना में अधिकतर गाँवों में विकास हुआ है , लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। गाँव में अब किसान आधुनिक तरीको को अपनाकर कृषि कर रहे है। इससे कृषि उत्पादन में मदद मिली है। विज्ञान ने कृषि के क्षेत्र में बहुत उन्नति की है। कृषको ने इन तकनीकों को अपनाया और सिंचाई के लिए नयी विधियों का उपयोग किया है। कई किसान ऐसे फसलों को लगाते है , जो पानी का कम उपयोग करते है।
नए तकनीकों के उपयोग से किसानो की आय में बढ़ोतरी हुयी है। देश की बढ़ती महंगाई , सूखा और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण उनके फसलों का काफी नुकसान हर वर्ष होता है। कई जगहों पर किसानो की हालत दयनीय हो जाती है। सरकार को इस तरफ और अधिक ध्यान देने की ज़रूरत है। देश की बढ़ती जनसंख्या , अशिक्षा और भ्रष्टाचार ने गाँवों के जीवन पर बुरा प्रभाव डाला है। देश पहले की तुलना में प्राकृतिक विपदाओं से लड़ने के लिए तैयार है। मगर अभी भी गाँव की उन्नति के लिए बहुत कुछ करना बाकी है।
किसानो की हालत आज़ादी के पहले भी दर्दनाक थी। सबसे ज़्यादा ऋण की मुसीबत ने किसानो की जिंदगी को बेहाल कर दिया है। बड़े बड़े जमींदार और साहूकार किसानो को नाम मात्रा कर्ज़ा देते थे और तत्पश्चात किसानो को कम दामों पर अपने उपज , फसलों को बेचने के लिए विवश करते थे। अभी देश की सरकार ने कई गाँवों में बैंक खोले है। ऐसे बैंक किसानो को बेहद कम ब्याज पर क़र्ज़ देते है। ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत गाँव में परिवार के एक सदस्य को एक निर्दिष्ट समय के लिए हर साल रोजगार दिया जाएगा।
अब कई गाँवों में लघु उद्योग की स्थापना की गयी है , ताकि गाँव में किसानो और अन्य लोगो के लिए रोजगार के अवसर बढ़ सके। इससे किसानो की स्थिति थोड़ी बेहतर हुयी है। लेकिन अभी भी बहुत सारी समस्याएं है , जो सरकार को दूर करनी है। जब गाँव का विकास होगा , तब देश भी उन्नति करेगा। गाँव में अगर शहरों जितनी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए तो गाँव के लोग रोजगार की तलाश में शहरों की तरफ पलायन नहीं करेंगे।
गाँवों में परिवहन के साधनो में काफी कमी है | अभी सरकार की तरफ से यातायात के साधनो में बढ़ोतरी हुयी है | लेकिन अभी भी बहुत सारे गाँव में लोगो को कई किलोमीटर चलकर बस स्टैंड तक जाना पड़ता है |रेलवे स्टेशन तक पहुँचने के लिए भी गाँव वालों को बहुत परेशानी होती है |
कई जगहों पर अगर यातायात के साधन मौजूद है , तो सड़को की दुर्दशा देखी जा सकती है | गाँव में शिक्षा का प्रबंध सरकार ने की है | सरकार ने गाँव में निशुल्क शिक्षा और प्राथमिक कक्षाओं की व्यवस्था की है | लेकिन उच्च शिक्षा के लिए इतना अच्छा प्रबंध अभी भी नहीं है | साक्षरता देश के लिए अहम है | गाँव में अभी भी कई लोग अशिक्षित है , जिससे उन्हें अपने ज़िन्दगी में काफी ठोकरे खानी पड़ती है |
निष्कर्ष
गाँव में उद्योग धंधो का जितना विकास होना चाहिए था , उतना अपेक्षाकृत नहीं हो पाया है |ग्राम पंचायत को गाँव के उन्नति के लिए फैसले करने की जिम्मेदारी दी गयी है | कई गाँव में अभी भी अस्वच्छता का माहौल देखने को मिलता है | अगर गाँव वालो को पर्याप्त शिक्षा , सुविधा , रोजगार के अवसर और स्वच्छता प्रदान की जाए तो देश एक स्वस्थ गाँव का निर्माण कर सकता है | गाँव की उन्नति की अवेहलना देश को भारी पड़ रही है | गाँवों में विकास और सुविधाएं उतनी ही ज़रूरी है , जितना शहरों की |