वन बेल्ट वन रोड पर निबंध

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आज हम आपको चीन द्वारा शुरू की जाने वाली योजना “वन बेल्ट वन रोड” विषय पर निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं। आपको इस निबंध के माध्यम से इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होने वाली है।

आइए जानते हैं, वन बेल्ट वन रोड विषय पर निबंध….

प्रस्तावना

वन बेल्ट वन रोड चीन द्वारा आयोजित एक सड़क मार्ग योजना है। जिसकी शुरुआत चीन में साल 2013 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा की गई थी। चीन द्वारा आयोजित इस योजना के अनुसार सिल्क रोड के आधार पर एशिया, अफ्रीका और यूरोप के देशों को सड़कों और रेल मार्गो से जोड़ा जाना है।

वन बेल्ट वन रोड क्या है?

यह एक योजना है, जिसकी शुरुआत चीन में की गई थी। इसे ‘सिल्क रोड इकॉनमिक बेल्ट’ और 21वीं सदी के समुद्री सिल्क रोड (वन बेल्ट, वन रोड) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक विकास रणनीति है जो कि संपर्क पर केंद्रित है।

इस योजना के माध्यम से सड़कों, रेल, बंदरगाह, पाइपलाइनों और अन्य बुनियादी सुविधाओं को ज़मीन और समुद्र मार्ग से होते हुये एशिया, यूरोप और अफ्रीका से जोड़ने का विचार किया जाता है। इसका एक मुख्य उद्देश्य यह भी है कि वन बेल्ट वन रोड योजना के द्वारा चीन अपना वैश्विक स्तर पर प्रभुत्व बनाना चाहता है।

वन बेल्ट वन रोड योजना का उद्देश्य

• चीन वन बेल्ट वन रोड योजना के जरिए एशिया के साथ-साथ विश्व पर भी अपना अधिकार कायम करना चाहता है।
• भारत के प्रभुत्व को दक्षिण एशिया और पूर्वोत्तर देशों में कम करना, ताकि चीन का वर्चस्व बढ़ सके
• इस परियोजना के द्वारा चीन सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय समझोंते करके, उन्हे आर्थिक सहायता एवं ऋण उपलब्ध करा सकेगा। जिसके बाद वह उन पर मनमानी शर्तें थोपने का प्रयास करेगा और जिसके फलस्वरूप  वह सदस्य देशों के बाज़ारों में अपना प्रभुत्व बना सकेगा।
• पिछले काफी सालों से चीन के पास स्टील, सीमेंट, निर्माण साधन इत्यादि की सामग्री का आधिक्य हो गया है। अत: चीन इस परियोजना के माध्यम से इस सामग्री को भी खपाना चाहता है।

भारत इस सम्मेलन से अलग क्यों रहा?

हाल ही में बीजिंग में “बेल्ट एवं रोड फोरम सम्मेलन” का आयोजन किया गया था। जिसमें अमेरिका तथा जापान सहित कई देशों ने भाग लिया था। भारत इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ।
दरअसल, इस सम्मेलन में वन बेल्ट वन रोड योजना का शुभारंभ किया गया। जिसके तहत बनने वाला पाकिस्तान – चीन आर्थिक गलियारा (CPEC) जो पाकिस्तान द्वारा अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। भारत ने इस योजना को अपनी संप्रुभता का हनन तथा अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन मानते हुए अपनी उपस्थिति इस योजना। के लिए दर्ज नहीं की।

निष्कर्ष

चीन द्वारा वन बेल्ट वन रोड योजना की शुरुआत का उद्देश्य बेहद साफ है। चीन समस्त देशों की सीमाओं पर व्यापार करके अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है। पाकिस्तान के एक अखबार द्वारा भी यह उजागर किया था कि इस परियोजना ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्रों पर कब्जा जमा लिया है। चीनी उद्यमों ने समाज में अपनी गहरी पकड़ बना ली है। ऐसे में भारत को भी इससे सजग रहने की अत्यंत आवश्यकता है।

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