बजट 2022-23 का आम आदमी पर प्रभाव निबंध

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हाल ही में वर्तमान मोदी सरकार ने अपना चौथा वित्तीय वर्ष 2022-23 पेश किया है। बजट 2022-23 का आम आदमी पर क्या प्रभाव पड़ा है इस विषय को स्पष्ट करने के लिए हम आज अपने लेख के माध्यम से आपके समक्ष “बजट 2022-23 आम आदमी का प्रभाव अच्छा या बुरा” विषय पर निबंध लेकर आएं हैं। आइए जानते हैं, “बजट बाजार 2022-23 का आम आदमी पर प्रभाव अच्छा या बुरा” विषय पर निबंध…..

प्रस्तावना- 1 फरवरी साल 2022 को भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय संसद में बजट 2022-23 पेश किया गया। वित्त मंत्री के मुताबिक बजट में शामिल किया गया हर प्रावधान देश के विकास के लिए और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की योजना के तहत रखा गया है। हालांकि इस बजट के विषय में अधिकतर लोगों की यह राय है कि आम आदमी इस बजट से काफी मायूस हुआ है लेकिन इसके विपरीत देखा जाए तो सरकार ने कई बड़े ऐलान भी किए है। जो देश के विकास में सहायक हो सकते हैं।

बजट 2022-23 की सेवाएं- इस बजट के जरिए सभी को कुछ ना कुछ सेवाएं प्रदान की जाने की कोशिश की गई है, जिस प्रकार वित्त मंत्री द्वारा किए गए ऐलान में निम्नलिखित महत्वपूर्ण नीतियां इस प्रकार हैं:

• देश के नागरिकों को गति देने के लिए तथा देश के विकास को उन्नत स्तर प्रदान करने के लिए “पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान” शुरू किया जाएगा। जिसके तहत 3 सालों में 100 कार्गो टर्मिनल बनाए जाने की तकनीक को अपनाया जाएगा।
• भारत के नेशनल हाईवे में 25 हजार किलोमीटर का विस्तार किया जाएगा।
• वंदे भारत ट्रेन की नई पीढ़ी की 400 ट्रेने 3 साल में बनाई जाएंगी।
• उद्योगों के क्षेत्र में 5 लाख 54 हजार करोड़ से बढ़ाकर 7 लाख 55 हजार करोड़ देने का प्रावधान जारी किया है।
• रोजगार को लेकर बजट में एक बेहद महत्वपूर्ण घोषणा की गई है जो कि यह है कि आने वाले 5 सालों में 60 लाख नौकरियां दी जाएंगी।
• इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 80 लाख सस्ते कर बनाए जाएंगे जिसके लिए 48 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
• इसके साथ ही किसानों के लिए भी बड़ी खुशखबरी दी गई है जिसमें एमएसपी के जरिए प्रत्येक किसान के खाते में रुपए भेजे जाएंगे जिसके लिए 2.37 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।

बजट 2022-23 का प्रारूप- बजट 2022-23 का प्रारूप कुछ इस प्रकार रहा है कि इस बजट के अंतर्गत किसी भी प्रकार का टैक्स कम नहीं किया गया है, लेकिन इसके साथ ही इस बजट में कोई नया टैक्स भी नहीं जोड़ा गया है। इस बजट में सरकार की ओर से जनता को लुभाने का कोई भी प्रयास नहीं हुआ है। बल्कि बजट में सरकार ने अपनी नीतियों को बेबाक रूप से पेश किया है। इस बजट 2022-23 में विशेष रूप से देश को विकसित करने की नीतियों पर जोर दिया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बजट पेश करते समय यह कहा कि, आने वाला बजट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में काफी कामयाब होगा। इसके साथ ही विदेशों से किए जाने वाले आयात वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी चार्ज अधिक लगा दिया गया है।जिसके चलते विदेश से आने वाली वस्तुओं का मूल्य अप्रैल माह से बढ़ जाएगा। इस प्रकार इस बजट में मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर अधिक जोर दिया गया। एक आदमी की सुविधा के लिए योजनाओं या नीतियों पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया।

बजट 2022-23 और आम आदमी- इस साल जारी किए गए बजट में कई तरीके की सेवाएं प्रदान की गई है जिससे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम व्यापारियों को लाभ मिलने की संभावना है। छोटे वर्ग के लोगों को भी सुविधाओं का लाभ प्राप्त होगा। लेकिन एक आम आदमी यानि एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति को किसी भी प्रकार की राहत मिलने का कोई आसार नहीं दिखा। इस बजट में किसी भी टैक्स को कम नहीं किया गया जिसके चलते टैक्स का भार एक आम आदमी के ऊपर बना रहेगा।

वहीं दूसरी ओर, बजट में जिन भी वस्तुओं को सस्ता किया गया है, वह एक आम आदमी की आवश्यकताओं से परे है। एक आम आदमी के लिए जिन वस्तुओं को सस्ता किया जाना चाहिए, उनका बजट में कोई भी उल्लेख नहीं किया गया। वहीं इसके साथ ही आम आदमी गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों से बीते वर्षों से ही काफी परेशान हैं। जिसके चलते आम आदमी ने बजट 2022-23 से काफी उम्मीदें लगाई थी। लेकिन इस बजट में गैस सिलेंडर के दामों पर भी कोई चर्चा नहीं की गई। यही कारण है कि इस बजट के विश्लेषण में आम आदमी को लाभ प्राप्त होना अत्यंत मुश्किल है। हर बार की तरह आम आदमी को बजट से निराशा ही प्राप्त हुई है।

निष्कर्ष- बजट 2022-23 में रोजगार, व्यापार तथा किसानों को लेकर कई प्रकार की योजनाएं लागू की जाने की घोषणा किए जाने की घोषणा की है। हाल ही में देश कोरोना की भयंकर महामारी से पीड़ित रह चुका है। इस महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई, यही कारण है कि लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें बंधी हुई थी। हालांकि इस बजट से बड़े व्यापारियों तथा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिल सकती है। लेकिन आम आदमी की समस्याएं ज्यों की त्यों रह गई है।

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