भारत में स्टार्टअप्स फेल होने पर निबंध

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स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि कई स्टार्टअप्स सफल क्यों नहीं हो पाते है? भारत में 1 हजार स्टार्टअप में से 90 प्रतिशत स्टार्टअप विफल हो जाते है। बता दें, 2010 में 5000 स्टार्टअप्स की तुलना में साल 2020 में 15,000 से अधिक स्टार्टअप्स की स्थापना हुई है। आज हम इस आर्टिकल में इसी मुद्दे पर बात करेंगे, कि भारत में स्टार्टअप्स फेल क्यों हो जाते है। आइए शुरुआत करते हैं।

स्टार्टअप क्या है?

एक ऐसी कंपनी है जो अभी भी अपने शुरुआती चरण में है और अभी तक एक ठोस प्रतिष्ठा और ग्राहक आधार नहीं बनाया है। उसे स्टार्टअप कहते है। स्टार्टअप को हिंदी में एक नया व्यवसाय उद्यम कहते है। सबसे ज्यादा लोकप्रिय स्टार्टअप्स की बात करें, तो उसमें उबेर, वीवर्क, फेसबुक और पोकेमॉन गो आदि हैं। जबकि कई ऐसे स्टार्टअप भी होते है, जो कि पहले साल में ही फेल हो जाते हैं। भारत में साल 2016 में स्टार्टअप कारोबार में मंदी देखी गई थी। इसका मुख्य कारण था कि बीते साल या उससे पहले से स्टार्टअप में उतरे अधिकतर लोगों ने नए समय की नई चुनौतियों को नज़रअंदाज किया और बदलते समय को सही तरह से परख नहीं सके।

स्टार्टअप के विफल होने के मुख्य कारण

  1. सिंगल फाउंडर
    स्टार्टअप के दौरान ज्यादातर लोगों को लगता है, कि वह अकेले ही सभी चीज़ों मैनेज कर सकते है। मगर यह सबसे बड़ी गलती होती है। हकीकत यही है कि एक स्टार्टअप को आगे ले जाना है, तो आपको सह-संस्थापक को ढूंढना होगा। आपका सह-संस्थापक आपके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करेगा। यदि आप कोई पैमाने में व्यवसाय शुरु करने जा रहे है, तो उसमें आपको इतनी जरूरत नहीं सह-संस्थापक को खोजने की।
  2. खराब स्थान
    स्टार्टअप की शुरुआत करने में लोगों को इतनी खुशी होती है, कि वह कुछ काम बहुत जल्दी-जल्दी करना चाहते है। ऐसे में ज्यादातर स्टार्टअप अपने ऑफिस के लिए खराब लोकेशन का चयन कर लेते है। बता दें, एक व्यवसाय को बढ़ाने के लिए स्थान का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण काम होता है। एक यह भी कारण होता है, जिससे लोगों का स्टार्टअप शुरू होते ही ठप हो जाता है।
  3. कर्मचारियों का चयन सही नहीं कर पाना
    एक कंपनी को चलाने के लिए कई कर्मचारी की जरूरत होती है। मगर आप अपने काम के लिए गलत कर्मचारी का चयन कर लेते है, तो यह आपकी कंपनी पर भारी बढ़ जाता है। इसलिए आपको सही नौकरी के लिए सही व्यक्ति को काम पर रखना होगा, यदि आप खराब कर्मचारियों को काम पर रखेंगे तो आपका संगठन लंबे समय तक बाजार में नहीं टिकेगा।
  4. कम समय में बहुत ज्यादा पैसे लगाना
    बिना इनवेस्टमेंट के कोई भी बिजनैस नहीं किया जा सकता है। मगर कुछ लोग शुरुआती दिनों में इतना पैसा अपने व्यवसाय में लगा देते है कि उस हिसाब से वह कमा नहीं पाते है। ऐसे में एक समय ऐसा आ जाता है कि उन्हें अपने व्यवसाय में ताला ही लगाना पड़ता है।
  5. मुनाफे के लिए ग्राहकों की बलि देना

आप व्यवसाय की शुरुआत करते है, लेकिन यह सच है कि हर व्यवसाय ग्राहक के लिए ही चलाया जाता है। ग्राहक आपके लिए भगवान के स्वरूप होता है। यदि आपके काम से आपकी कंपनी से ग्राहक न खुश होगा तो यह आपके लिए घाटे की बात रहेगी। ज्यादातर स्टार्टअप्स में यह ही गलती देखने को मिलती है कि अधिकांश स्टार्ट-अप अपने ग्राहकों को किसी ऐसे प्रोफ़ाइल के लिए त्याग देते हैं जो अच्छा नहीं है।

निष्कर्ष

स्टार्टअप की डिमांड दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हर स्टार्टअप को मजबूती से चलने के लिए कम से कम बुनियादी प्रणालियों पर ज्यादा जोर दिया जाना चाहिए। हमे ध्यान देना होगा कि हम जब भी अपना स्टार्टअप को रन करें, तो ऐसी कोई गलती न करें, जिससे आपके स्टार्टअप को बंद करने की नौबत आ जाए। अपनी क्षमता के अनुसार ही अपने बिजनैस से चलाएं और आगे बढ़ाएं। एक दिन ऐसा आएगा कि आपका बिजनेस एक निश्चित स्थान पर पहुंचने के बाद स्वयं ही बढ़ने के काबिल हो जाएगा।

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