दुनिया में तेजी से साइबर क्राइम की मात्रा बढ़ती जा रही है। हम लोग इंटरनेट के द्वारा कई काम करते है। जैसे- दफतर के कार्य, ऑनलाइन पढ़ाई, शॉपिंग, नौकरी सर्च करना, एक-दूसरे से संपर्क साधना आदि इस तरह के कार्य हम करते है। ऐसे में इंटरनेट का इस्तेमाल कुछ लोग गलत और अवैध कार्यो के लिए करते है। आज हम इस लेख में साइबर क्राइम पर निबंध लिखेंगे और जानेंगे आखिर क्या होता है साइबर क्राइम? आखिर क्यों और कैसे इसकी चपेट में आते है लोग… चलिए शुरुआत करते है।
साइबर क्राइम क्या है?
दुनिया तेजी से डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रही है। डिजिटल होने के कारण हम सभी एक ऊंचाई तो छू ही रहे है साथ-के-साथ विज्ञान का दुरुपयोग भी हो रहा है, जिसके कारण साइबर अपराध तेजी से पैर पसार रहा है। बता दें, साइबर क्राइम वह होता है जहां एक साइबर अपराधी अपनी पहचान छुपा कर किसी उपकरण के सहायता से दूसरों को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से उनकी सारी गोपनीय जानकारियां जैसे कि वित्तीय, व्यक्तिगत जानकारियां इत्यादि की चोरी करता है।
साइबर क्राइम के प्रकार
साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, साइबर क्राइम कई प्रकार से अंजाम दिए जाते हैं।
- वेब हाईजैकिंग
- नधिकृत पहुंच एवं हैकिंग
- साइबर स्टॉकिंग
- वायरस अटैक
- सॉफ्टवेयर पायरेसी
- सर्विस अटैक
- पोर्नोग्राफी
- फिशिंग
- सलामी धोखाधड़ी
- साइबर बुलिंग
साइबर क्राइम के प्रभाव
कई लोग ऐसे होते है, जो कि अपने निजी डेटा को दुनिया के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं। ऐसे में हैकर्स के कारण लोगों को बहुत नुकसान होता है। कुछ लोग अपने डेटा के दुरुपयोग के कारण आहात हो जाते है और इस हद तक पहुंच जाते है कि लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। बता दें, साइबर अपराध इंटरनेट की मदद से होता है। इसमें अपराधी किसी व्यक्ति के कंप्यूटर नेटवर्क को बेकार ट्रैफिक और मैसेज से भर देते है। ऐसे लोगों का मकसद होता है कि व्यक्ति को पूरी तरह से परेशान करना।
भारत के राज्यों में साइबर अपराध
वेब दुनिया में लाखों और अरबों उपयोगकर्ताओं और वेबसाइटों का एक विशाल समुदाय है। इसके अलावा, लोग इसे खरीदारी, फिल्मों, संगीत, वीडियो गेम, लेनदेन और ई-कॉमर्स आदि जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए उपयोग करते हैं। बता दें, बीते 5 वर्षों में 5 हजार से अधिक मामले में केवल महाराष्ट्र में दर्ज किए गए। वहीं, उत्तर प्रदेश में 5000 मामले दूसरे स्थान पर है और कर्नाटक तीसरे स्थान पर 3500 से अधिक मामले हैं।
साइबर क्राइम एक्ट क्या है?
साइबर क्राइम किसी भी देश के सबसे अहम चुनौतियों में से होता है। इसलिए भारतीय दंड संहिता में साइबर क्राइम एक्ट एंव प्रावधानों को जोड़ा गया है। बता दें, ‘सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000’ ऐसा ही एक साइबर अपराधों से निपटने के लिए प्रावधान है, जिसके अंतर्गत 43, 43A, 66, 66B, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A एवं 74 धाराएं सम्मिलित की गई हैं।
भारत में साइबर क्राइम दी की रिपोर्ट कहां कर सकते है?
भारत में साइबर क्राइम के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। इसकी चपेट में आने के बाद व्यक्ति नहीं समझ पाता कि वह कहां रिपोर्ट करें और क्या करें? तो बता दें, cybercrime victim साइबर क्राइम के against complaint report दर्ज कर सकते हैं । Cyber crime complaint करने के लिए आप Indian government की वेबसाइट Cyber Crime Portal पर जा कर ऑनलाइन कंप्लेंट कर सकते हैं। इतना ही नहीं आप चाहे तो बड़े शहरों में साइबर सैल होते हैं, वहां भी आप रिपोर्ट करवा सकते है।
निष्कर्ष
साइबर अपराध बेहद निंदनीय है। साइबर अपराध को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाना जरूरी है कि लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करें, तो पूरी जानकारी के साथ ही करें और सही कार्यों के लिए ही इंटरनेट का यूज करें। यदि लोग इंटरनेट का उपयोग किसी को भी नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं करते है, तो साइबर क्राइम को रोका जा सकता है। यदि हमें साइबर क्राइम को रोकना है, तो हमें सर्तका बरतनी होगी।