दूरदर्शन के लाभ और हानि हिंदी निबंध

दूरदर्शन(Television) के लाभ और हानि पर निबंध

Nibandh Doordarshan Vikas ya Vinas

प्रस्तावना: दूरदर्शन जिसे अंग्रेजी में टेलीविज़न कहते है। टेलीविज़न के कारण लोगो को भरपूर मनोरंजन प्राप्त होता है। दूरदर्शन के फायदे और नुकसान दोनों है।  लोग अपने दिन भर के थकान को दूर करने के लिए टेलीविज़न द्वारा प्रसारित विभिन्न कार्यक्रम को  देखते है। टेलीविज़न द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को मनोरंजन हेतु प्रसारित किया जाता है। आजकल के युग में टेलीविज़न पर शिक्षा , गाने , ड्रामा , समाचार , विज्ञान इत्यादि से संबंधित कई सारे चैनल्स प्रसारित किये जाते  है।  लोग अपने इच्छा के अनुसार कोई भी चैनल देख सकते है। टेलीविज़न पर  कई सारे सीरियल और कार्यक्रम आते है जिसमे कई सारे अभिनेता और अभिनेत्री काम करते है।  इससे उन्हें रोजगार प्राप्त होता है और वह काफी लोकप्रिय बन जाते है।

टेलीविज़न में भिन्न- भिन्न कार्यक्रम आते है जिसे सभी परिवार के सदस्य एक साथ मिलकर देखते है। टेलीविज़न पर  कई तरह के रियलिटी शोज आते है जिसमे नए प्रतिभाओं को मौका दिया जाता है। इससे कई लोगो को सिंगिंग और डांसिंग रियलिटी शोज में अपने प्रतिभा को साबित करने का मौका मिलता है और वह लोकप्रिय बन जाते है।  इससे उनके अच्छे करियर का निर्माण होता  है।

टेलीविज़न में ऐसे कई चैनल है जो इतिहास  और भौगौलिक जानकारी प्रदान करते है। टेलीविज़न में आजकल कई चैनल है जो विद्यार्थियों को उनके विषय संबंधित जानकारी देते है ताकि विद्यार्थी उन चीज़ो को आसानी से समझ सके। टीवी पर समाचार और खेलो के विभिन्न चैनल उपलब्ध है। लोग जिस भी खेल में रूचि रखते है उसे टीवी पर देख सकते है। क्रिकेट , फुटबॉल इत्यादि कई खेलो को टीवी पर लाइव देखा जा सकता है।

विभिन्न भाषाओ में खबरों के चैनल टीवी पर उपलब्ध है।  आप जिस भी भाषा में सहूलियत रखते है , उस भाषा में समाचार , फिल्में और सीरियल देख सकते है। टेलीविज़न में कई प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम जैसे रामायण , महाभारत इत्यादि सीरियल प्रसारित किये जाते है। इससे विद्यार्थियों को अपने देश की धार्मिक संस्कृति को समझने का मौका मिलता है। दूरदर्शन पर कई तरह के ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रसारित किये जाते है जिससे बच्चो को भूगोल , नागरिक शास्त्र इत्यादि विषयो को समझने में आसानी होती है।

टेलीविज़न के जितने लाभ है , उतने नुकसान भी है। अतिरिक्त टेलीविज़न देखने से आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बच्चो  को ज़्यादा टेलीविज़न देखने के पर रोक लगानी चाहिए।  ज़्यादा टीवी देखने से बच्चो के एकाग्रता पर असर पड़ता है।  उनका ध्यान टीवी और कार्टून चैनल्स की तरफ ज़्यादा , पढ़ाई पर कम ध्यान रहता है।  यह उनके आने वाले भविष्य के लिए अच्छा नहीं है।  बड़ो की निगरानी में ही बच्चो या विद्यार्थियों को सीमित मात्रा में टीवी देखना चाहिए।

टेलीविज़न के द्वारा हमें देश और दुनिया के सारे खबर प्राप्त होते है। ज़्यादा टेलीविज़न देखने से लोगो के दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है।  कभी कभी टीवी पर मार , लूटपाट और अश्लील कंटेंट दिखाए जाते है , जिससे समाज में रहने वाले लोगो पर गलत प्रभाव पड़ता है।  टीवी के रियलिटी शोज में कुछ स्टंट दिखाए जाते है जो बच्चे नहीं जानते है , उसे आजमा लेते है और दुर्घटना का शिकार हो जाते है।

दूरदर्शन का बच्चो पर आजकल बुरा प्रभाव पड़ रहा है।  बच्चे कई घंटो तक टीवी देखते है।  लगातार टीवी देखने से बच्चो के मस्तिष्क पर गलत असर पड़ता है। वह जिद्दी बन जाते है और टीवी देखने की अतिरिक्त लत लग जाती है। वह बड़ो की बात नहीं सुनते है और कुछ बच्चो के  परीक्षा में कम अंक आते है। हमारे देश में विनम्रता और मर्यादा की अहमियत ज़्यादा रही है। टीवी पर कुछ गलत चीज़ों को दिखाए जाने पर समाज भी गलत दिशा में जा रहा है।  इसलिए टीवी निर्माताओं को सोच समझकर ऐसे कार्यक्रम दिखाने चाहिए जिससे हमारे सभ्यता और संस्कृति पर गलत प्रभाव ना पड़े।

टीवी पर कुछ ऐसे कार्यक्रम भी आते है जिसे परिवार के सदस्य सब एक साथ बैठकर नहीं देख पाते है।  टेलीविज़न पर कुछ दिखाए गए दृश्यों से समाज में रहने वाले लोगो की सोच पर बुरा असर पड़ता है। बहुत सारे लोग आपराधिक षड़यंत्र में लिप्त हो जाते है।  कई दृश्यों से कुछ गलत सोच रखने वाले लोग अपराध करने के लिए अधिक प्रेरित होते है।  वह यह भूल जाते है कि टेलीविज़न पर दिखाए जाने वाले दृश्य सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाये जाते है।

आजकल लोगो के पास एंड्राइड टीवी भी है। एंड्राइड टीवी पर इंटरनेट की मदद से भी मनोरंजन भरे कार्यक्रम , फिल्म , चलचित्र देखे जा सकते है। टेलीविज़न विज्ञान की अनोखी देन है।

निष्कर्ष

दूरदर्शन विज्ञान द्वारा किया गया अनमोल आविष्कार है।  दूरदर्शन के अनगिनत फायदे है।  इससे मनुष्य को  सभी क्षेत्रों में ज्ञान प्राप्त होता  है। युवा वर्ग को अपने आपको नियंत्रित करके केवल ज्ञान वर्धक कार्यक्रम देखने चाहिए ताकि वह एक  जिम्मेदार नागरिक बन सके। दूरदर्शन एक ऐसा ज़रूरी माध्यम है जो मनुष्य के भविष्य और उसके सोच को संवार सकता है।  दूरदर्शन को अगर बच्चे और युवा वर्ग नियंत्रित समय में देखेंगे तो वह बिगड़ेंगे नहीं।  किसी भी साधन को  ज़रूरत से अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए , इससे नुकसान पहुँच सकता है।

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