नारी सुरक्षा पर निबंध

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#निबंध : नारी सुरक्षा/ महिला सुरक्षा (1000 words)
Nari suraksha par nibandh

प्रस्तावना: भारत में महिलाओ को देवी के समान माना जाता है। कुछ घरो में लोग लड़कियों के जन्म को देवी लक्ष्मी का रूप समझकर शुभ मानते है। आज महिलाएं घर और दफ्तर दोनों को अच्छे और संतुलित तरीके से चला रही है। पहले की तुलना में आज हर लड़की देश में शिक्षित हो रही है और हर क्षेत्र में किसी न किसी पद पर कार्य कर रही है। पुरुषो के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल रही है। कहीं न कहीं आज नारी की सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न लग रहे है। इसका कारण है, नारियों पर आये दिन बढ़ते हुए अत्याचार और बलात्कार इत्यादि जैसे निंदनीय अपराध है। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार और कानून ने कई सख्त नियम बनाये है। फिर भी देश के कई स्थानों में महिलाओं का अपहरण और हत्या जैसे संगीन जुर्म के बारे में सुनने को मिल रहे है। अब समय आ गया है कि सरकार और समाज एकत्रित होकर हल निकाले ताकि महिलाएं महफूज़ रहे।

लड़कियां जब रात को दफ्तर से लौटती है, तो वह अकेले जाने से घबराती है। इसलिए आजकल दफ्तरों की तरफ से सुरक्षित कैब भेजे जाते है। सब जगहों पर यह सुविधा नहीं मिलती है, इसलिए आम तौर पर महिलाएं रात होने से पूर्व घर लौट आती है। सड़को पर कुछ मनचले लड़कियों को छेड़ते और बदतमीज़ी करते है। आजकल लड़कियां सतर्क हो गयी है, ऐसा होने पर वह पुलिस को खबर करती है और ऐसे मनचलो को जेल भी भेजती है।

कई जगहों पर लड़कियों को उनके बॉस बुरी नज़र से देखते है और उन्हें मानसिक उत्पीड़न जैसी चीज़ो को सहन करना पड़ता है। इसका अर्थ है लड़कियां कई जगहों पर सुरक्षित नहीं है। सोच को बदलने की ज़रूरत है। कुछ लोगो की ख़राब मानसिकता के कारण पूरे समाज को भुगतना पड़ता है।

आज भी कुछ जगहों में नारियों को दहेज़ प्रथा जैसी कुप्रथाओ के कारण अपने ससुराल के अत्याचार सहन करने पड़ते है। दहेज़ पाने के लिए कुछ लोग इतने हिंसक बन जाते है कि लड़कियों को जिन्दा जला देते है। सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाये है और दोषियों को सजा मिल रही है। मगर ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाना अनिवार्य हो गया है।

नारियों के सुरक्षित ना रहने की वजह है , विदेश संस्कृति और बॉलीवुड जगत के कुछ गाने और फिल्मो में दिखाए जाने वाले कुछ दृश्य। ऐसे चीज़ो से कुछ लोगो की मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उनकी सोच महिलाओं के प्रति गलत हो जाती है। फिल्मो को सिर्फ एक कहानी समझकर देखना चाहिए , मगर इसका प्रभाव लोगो की सोच पर पड़ता है। सिनेमा से समाज प्रभावित होता है। इसलिए फिल्म निर्माताओं को सोच समझकर फिल्में बनाने की ज़रूरत है , जिससे किसी पर बुरा असर ना पड़े। लड़कियों के सुरक्षा के लिए लड़कियों के हॉस्टल में कुछ नियम बनाये गए है। उन्हें शाम होने से पहले हॉस्टल वापस आना होता है। ऐसा इसलिए क्यों कि कॉलेज अथवा हॉस्टल प्रशासन को लड़कियों की सुरक्षा की देख रेख करनी होती है। नारी का सम्मान करने के लिए अच्छी मानसिकता और संगत की ज़रूरत होती है। पुरुषो को खासकर यह बात समझने की ज़रूरत है।

विदेशी संस्कृति का प्रचलन देश में काफी बढ़ गया है। लड़कियां अगर मॉडर्न और छोटे कपड़े पहनती है , तो बुरी मानसिकता वाले लोग उसे गलत नज़र से देखते है। किसी के बारे में सोच उसके कपड़ो से नहीं बनानी चाहिए। कुछ मनचले लोग अपनी घिनौने मानसिकता की वजह से ऐसा करते है।

हमेशा माता -पिता को अपने लड़को को नारी की इज़्ज़त करना बचपन से सिखाना चाहिए। महिलाएं घर की इज़्ज़त होती है। उनका सम्मान और रक्षा करना एक सच्चे नागरिक का कर्त्तव्य है। लोगो को समझना चाहिए अगर महिलाएं ना होती तो बच्चे भी ना होते और परिवार नहीं बनता। हम जो भी है , जिस मुकाम पर है उसके पीछे हमारी माँ का हाथ है। माँ , बहन इत्यादि सारे रिश्तो का सम्मान सिर्फ पुरुषो को करना चाहिए। सिर्फ कहने के लिए नहीं होने चाहिए।

गाँव के कुछ जगहों में महिलाओं पर दैनिक अत्याचार होते है। पति और सास -ससुर का बहु को मारना। उसको दहेज़ के लिए प्रताड़ित करना , यह सब शामिल है। वहां महिलाएं अपने ऊपर हो रहे जुल्मो के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाती है और सहती रहती है। यह बिलकुल गलत है। निर्भया बलात्कार केस ने सम्पूर्ण देश को हिलाकर रख दिया था और नारियों की सुरक्षा के विषय में सोचने पर मज़बूर कर दिया था। इकीसवीं शताब्दी में आकर भी देश में लड़कियां सुरक्षित नहीं है। आये दिन दर्दनाक घटनाओ को सुनकर , मानवता शर्मसार हो रही है।

जिस तरीके का आज माहौल है , आये दिन महिलाओं के अपहरण और बलात्कार के केस दर्ज हो रहे है। महिलाओं पर जुर्म थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिलाओं को आत्म सुरक्षा करना सीख लेना चाहिए। आज कल लड़कियां बहुत कम उम्र से कराटे कक्षाओं में जा रही है। आज कल सरकार पहले की तुलना में काफी जागरूक हुयी है। पुलिस वाले भी रात होने पर निगरानी करते है , कि सब कुछ ठीक है या नहीं। लड़कियों के सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन नंबर्स भी जारी किये गए है।

महिलाएं अगर किसी भी तरह की मुसीबत को अगर भांप लेती है तो तुरंत अपने परिजनों को सन्देश भेजकर उसकी जानकारी दे। महिलाओं को सचेत और सतर्क रहना चाहिए , जब वह बाहर सफर करती है। उन्हें अपने साथ सुरक्षा के लिए मिर्ची स्प्रे(pepper spray) रखना चाहिए। कोई भी मुश्किल हो , इसे विकल्प के तौर पर उपयोग कर सकती है। नारियों को कभी भी अपने आपको कमज़ोर नहीं समझना चाहिए। किसी भी अनजान आदमी से महिलाओ को मदद नहीं लेनी चाहिए। ऐसे हालातो से अपने आपको दूर रखना महिलाओं का फ़र्ज़ है।

निष्कर्ष

नारी सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। हम सब को मिलकर एक जुट होकर इस समस्या को हल करना होगा। कानून और पुलिस की मदद लेनी होगी। दोषियों और अपराधी लोग जो नारी पर जुल्म करते है , उन्हें सजा दिलवानी होगी। कानून को अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी होगी ताकि नारी के साथ कोई भी बदसलूकी करने से पहले हज़ार बार सोचे। महिलाओं को चुपचाप अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी।

Nibandh updated on 14 Jan 2021
Writer: - Rima Bose 

#निबंध 2: नारी सुरक्षा पर निबंध (600 शब्द)

प्रस्तावना:- भारत देश एक परंपराओं का देश है जो अपनी परंपरा और संस्कृति को लेकर प्रसिद्ध है। जहां नारी को देवी का रूप मानकर उनका सम्मान किया जाता है। उसे लक्ष्मी का रूप माना गया है। आज की आधुनिक समाज में नारी को भी पुरुष के समक्ष माना गया है फिर भी आज की नारी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए गए हैं, आज भी ऐसा लगता हे की नारी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है जो आज के विकसित भारत की समस्या के रूप में बन गई है।

भारत के बदलते युग के साथ-साथ नारी को लेकर सोच को भी काफी हद तक बदल गई है आज की नारी हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ चलकर काम कर रही है। शिक्षित होकर अपने जीवन में नई ऊँचाइयों को पा रही है, फिर भी वह अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है, आज के युग में नारी सुरक्षा एक बड़ी समस्या बन चुका है, नारी सुरक्षा के कानून और कायदे होते हुए भी उस पे अत्याचार होते रहते हैं, वह अत्याचार घरेलू हिंसा, सामाजिक संस्थानों पर नारी शोषण, दहेज़ को लेकर कई प्रकार से परेशान किया जाता है।

आज वह पढ़ लिख कर शिक्षित तो बन गई है मगर फिर भी अपने हक और अपनी स्वतंत्रता के लिए उसे कई बार लड़ना पड़ता है सरकार के नियम और कानून होते हुए भी पुरुष प्रधान देश में वह कई बार लाचार बन जाती है। आजकल तो नारी ना तो घर में सुरक्षित है ना ही बाहर सुरक्षित है ऐसे हालातों से नारी गुज़र रही है। उसपे बलात्कार जैसी घटनाएँ आए दिन बढ़ रही है देश के विकसित समाज के लिए यह घटनाएँ एक कलंक रूप में साबित हो रही है।

बलात्कार जैसी घटनाएँ देश और नारी दोनों के लिए एक सवाल रुक बन चुकी है। क्यों होती है ऐसी घटनाएँ ! क्यों नारी आज के जमाने में पूर्ण रूप में सुरक्षित रूप से नहीं रह पा रही है। आज की बदलती इस दौर में नारी का सुरक्षित रह पाना मुश्किल बन गया है। नारी आज घर से बाहर निकलने से डर रही है, आज के समय में बलात्कार जैसी घटनाएँ काफी हद तक बढ़ गई है, नारी आज किसी भी क्षेत्र में अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही है।

नारी को जो देश देवी के रूप में पूजा जाता था वहीं आज उसका चीर हरण कर रहा है। इसके पीछे का एक कारण इंटरनेट का दुरुपयोग भी माना जा रहा है। मोबाइल में सब कुछ देखने को मिल जाता है जिससे आज का युवा वर्ग सोचे समझे इसका अनुकरण भी कर लेता है।

जो आज के समाज और नारी दोनों के लिए ख़तरा रूप साबित हो रहा है उसके साथ साथ आज की फिल्में में दिखाई जाने वाली उत्तेजित दृश्य, सीरियल में भी आज देश आने वाले दृश्य भी बलात्कार जैसी वारदातों के लिए का रूप माना गया है।  इन सब से बचने के लिए किसी भी नारी को अपनी सुरक्षा के लिए खुद तैयार होना पड़ेगा। हर जगह साकार या परिवार साथ नहीं रह सकता इसलिए आज के जमाने में नारी को अपनी रक्षा के लिए खुद ही मजबूत होना पड़ेगा अपनी अपनी सुरक्षा के लिए मिर्ची स्प्रे, कराटे जैसी चीजों को सीख कर आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा।

उपसंहार:- आज के विकसित और बदलते भारत के साथ नारी अपनी सुरक्षा खुद ही कर सकें ऐसे कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए नारी को अपनी सुरक्षा को लेकर खुद ही तैयार होना पड़ेगा भारत सरकार नारी सुरक्षा को लेकर जागृत हे, और उसके लिए कड़े कानून और नियम के साथ-साथ सजा भी करता है।

Writer- Hetal Joshi(Rajkot-Gujrat)

#संबंधित :- Hindi Essay, Hindi Paragraph, हिंदी निबंध। 

8 thoughts on “नारी सुरक्षा पर निबंध”

  1. Tanisha ji un orto ka kya jo apne pati or sasural walo pr jhuta cases kr deti h apni galtiya chhupane ke liye. Or lalach ke liye. Jiske karn ladke or uska privar samaj me jone layk bhi rahta.bhut sari orte kanoon ka durupyog kr rahi h. M bhi unme se hi ek presan admi hu. Meri koi nhi sunta. Sirf orto ki hi dlil suni jati h.

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  2. Kai woman apnai bacho ko dekh kr kuch action nhi leti hai ye soch ti hai esa krungi to mere bacho ka kya hoga mera ye manna hai aap action lo aapkai bachai aapkai saath khadai hai आज का समाज अच्छा नहीं है तो आप को खड़ा होना पड़ेगा😡😡😡😡😡😡 दिखाना पड़ेगा कि womans कम नहीं है

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    • Hello ma’am apki bat sahi h ma’am me bahut paresan hu kya karu kuch samaj nai arah mar v nai sakti kyo ki mere 2bache h ek 2sal ka ladka ar ek 10mahine ki ladki mere sasural wale mujhe mansik ar sararik mujhe torture karte h Koi rasta nai h mere pas kyoki mene love marriage Kari h 2017march me meri shadi hui h ab 2bacche hone ke bad mere sat aesa horah h kisiko kuch kahu to sab a kahte h ki bardas karo isi me sabki bhalai h.

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      • sbse acha tarika hai…ki ap koi Job kre or apne baccho ke liye court se appeal karke property ka 50% apne naam kraye or divorce lele… it’s better to separate than ruin your own nd your children’s life. Nd be happy…go ahead…

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      • शादी लव हो या अरेंज्ड, आपको अपनी ज़िम्मेदारी और अधिकार दोनों समझना होगा। आपको अपने ओर बच्चों के लिए खड़ा होना होगा आप अकेली नहीं है, ज़रुरत पड़ने पर आप कानून एवं पुलिस की भी मदद ले सकती हैं। लेकिन पहले आप अपने सारे कानूनी अधिकार को जानिये और अपनी ज़िम्मेदारी समझिए। जानकारी होना और सही लोगों से सम्पर्क होना आपकी ताकत बनेगी।

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      • Pr mam Aap aise अत्याचार भी तो नही सह सकते हो
        आपको खुद ही कुछ करना पड़ेगा Be Careful

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  3. दहेज के लिए बहुत से महिलाओं को घर में सताया जा रहा है जिससे वह बोल नहीं पा रही है उसके लिए सवे होना चाहिए

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