लॉकडाउन पर मैंने क्या किया !

प्रस्तावना

लॉकडाउन का समय मुश्किल भरा रहा हम सब  के  लिए ।  कोरोना संकटकाल का   समय हम सबके  लिए  चुनौतियों से  भरा हुआ था।  कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए दुनिया भर के देशो ने लॉकडाउन करने का निर्णय लिया जो सही था।  सिर्फ ज़रूरत की चीज़ो के लिए दुकाने , बैंक और अस्पताल खुले थे। लॉकडाउन में ऐसी परिस्थिति बन गयी कि हम घरो में बंद रहने के अलावा कुछ कर नहीं सकते थे।  लॉकडाउन के समय में मुझे और हम सभी को खाली वक़्त मिला जिसका उपयोग हम सभी ने नयी चीज़ें सीखी और अपनों के साथ वक़्त बिताया।  हमने जीवन  को अलग अंदाज़ में जीया। जीवन जीने की एक नई परिभाषा सीखी।

लॉकडाउन में मैंने अपनी माँ से नयी नयी रेसेपी सीखी और यू टूब से कई नए पकवानो को बनना सीखा।अक्सर पढ़ाई और परीक्षा की वजह से हम अपने शौक को पूरा नहीं कर पाते है।  लॉकडाउन में मुझे अच्छा समय मिला जिसकी वजह से मैंने अपने कई शौक पूरे किये।

लॉकडाउन एक ऐसी आपातकालीन परिस्थिति  है जिसमे देश और सरकार को बंद कर दिया जाता है। लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा।लॉकडाउन की वजह से कई लोगो की नौकरी चली गयी और गरीब मज़दूरों को काफी कुछ झेलना पड़ा।

लॉकडाउन में मैंने अपने माँ से शास्त्रीय संगीत सीखा और बचपन से ही मुझे नृत्य संगीत का शौक था।ऑनलाइन कक्षाओं की वजह से पढ़ाई रुकी नहीं। लॉकडाउन की वजह से विद्यालय और कॉलेज बंद हो गए थे लेकिन इंटरनेट के कारण हमारी पढ़ाई रुकी नहीं।इंटरनेट की वजह से विद्यार्थियों ने ऑनलाइन क्लासेस के साथ पढ़ाई  भी की। लॉकडाउन में मेरी तरह कई लोगो ने इंटरनेट की सहायता से बहुत कुछ सीखा है ।  मैंने इंटरनेट पर देखकर नए पकवान बनाने सीखे |

लॉकडाउन के वक़्त लोगो को काफी समय मिला और मैंने भी समय का सदुपयोग किया।  मैं  अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी और प्रत्येक दिन व्यायाम भी किया। मैंने सवेरे उठकर ही यू टूब चैनल देखकर योग क्रियाएं सीखी और वजन घटने के तरीके अपनाये। इसके फलस्वरूप मैंने छह किलो वजन अपने घटा लिए। कोरोना महामारी के समय में स्वंग को स्वस्थ रखना अत्यंत ज़रूरी है।

मैं अपनी पढ़ाई समाप्त करके माँ का हाथ बटाता।  इससे उनका काम काफी कम हो जाता और माँ के साथ मिलकर मुझे नए , स्वादिष्ट और आसानी से बनने वाले भोजन के बारे में पता चला ।

लॉकडाउन के समय में मैंने माँ से हाथ से बनने वाले वस्तुओं के बारे में जाना।  उनसे मैंने गुलदस्ता , हाथ की बनी हुयी गुड़िया , मिटटी के बर्तन इत्यादि सीख लिए। देखते ही देखते लॉकडाउन के इस कठिन समय ने हमे बहुत कुछ करना सीखा दिया।  सबसे महत्वपूर्ण चीज़ हमने अपने काम खुद करने सीख लिए।  यह मेरे लिए बहुत अच्छी उपलब्धि है। लॉकडाउन में लोगो के पास काफी समय होने की वजह से उन्होंने अपना समय नए कार्य सीखने में लगाए।  इससे उनका अंदरूनी विकास हुआ।

पढ़ाई और दैनिक कार्यो की वजह से मैंने  अपने परिवार को वक़्त नहीं दे पाती थी। लॉकडाउन के समय में अपने परिवार के साथ समय व्यतीत कर पायी और साथ में अंताक्षरी खेले।  टीवी पर मनोरंजन से भरे फिल्मो का   लुफ्त    उठाया ।  लॉकडाउन की वजह से मैंने पौष्टिक आहार बनाना  सीखा। रात को खाने के पश्चात मुझे टहलना अच्छा लगने लगा और सेहत के लिए भी यह बहुत  अच्छा है ।

घरो में रहकर हमने त्योहारों को अच्छे से मनाया।अपने परिवार के साथ एक छत के नीचे उत्सव मनाने का एक अलग ही आनंद होता है।पेड़ , पौधों से मुझे बहुत लगाव है। मैंने अपना थोड़ा  समय बगीचे के फूल पौधों को दिया। मैंने बीज लगाने की तकनीकों से लेकर खाद देने तक सब कुछ  अपने दादाजी जी से सीखा।लॉकडाउन में मैंने एक सटीक सूची बना ली थी जिसके अनुसार मैं अपने सारे कार्य करती  थी।

पुराने वस्तुओं की सहायता  से मैंने नयी चीज़ो को बनाना सीख लिया।  इससे मैंने ना केवल पुराने समानो का उपयोग किया , बल्कि उससे   नए वस्तुओं का निर्माण भी किया।इससे वक़्त का अच्छा उपयोग हुआ और नई चीज़ें कैसे बनाई जाती है उसका ज्ञान भी मिला।

निष्कर्ष

लॉकडाउन का असर सब के जीवन पर हुआ है। लॉकडाउन की वजह से मैंने कई अच्छी चीज़ें सीखी और अच्छे आदतों को अपनाया। कोरोना वायरस की वजह से मुश्किल और गंभीर हालत पैदा हुए लेकिन लॉकडाउन ने हमे  खुद के लिए और औरो के लिए जीना सीखा दिया ।लॉकडाउन ने हमारे जीवन जीने के तरीके को बदल कर रख दिया।

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