बाजार पर निबंध / Essay on Market in Hindi

3.3/5 - (11 votes)

बाजार पर निबंध / Hindi Essay on Market

प्रस्तावना बाजार एक ऐसा सार्वजनिक स्थान है जिस के बिना हम दैनिक जीवन के आवश्यक चीज़ें नहीं खरीद सकते है। कुछ बाजार स्थायी होते है और कुछ सार्वजनिक। आमतौर पर शहरों के बाजार स्थायी होते है और हर दिन खुले रहते है। सिर्फ एक दिन हफ्ते में बाजार बंद रहता है। रोजमर्रा  के आवश्यक वस्तुएं बाजार में आसानी से मिल जाती है। कोई भी मौसम हो स्थायी बाजार हमेशा खुले रहते है।  बाज़ारो में फल , सब्ज़ी , किराना से जुड़ी खाद्य सामग्री इत्यादि वस्तुएं सरलता से मिल जाती है। अक्सर लोग बाजार जाने  से पूर्व सामग्रियों की एक सूची बनाते है।  इस सूची का इस्तेमाल वह तब करते है जब वे बाजार से ज़रूरत की चीज़ें खरीदते है।

शहरों में कुछ जगहों पर साप्ताहिक बाजार भी लगते है। स्थायी बाजार शाम तक खुले रहते है।  दैनिक जीवन में जैसे ही घर का सामान समाप्त होने लगता है तो लोगो को एक ही जगह की याद आती है , वह है बाजार।  शहरों और महानगरों के बाजार बहुत बड़े होते है।  वह की सजावट बहुत सुन्दर होती है।  गाँव के बाजार अस्थायी होते है और इतनी रौनक नहीं होती। बाज़ारो में ग्राहकों और व्यापारियों की भीड़ लगी रहती है।

बाजार के दुकानों में स्टेशनरी वस्तुएं , चूड़ियां , गहने , कपड़े इत्यादि बिकते है। यहां इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे मोबाइल , फ्रिज , घड़ी,  रेडियो बाज़ारो में आसानी से मिल जाते है। बच्चो की पढ़ाई लिखाई से जुड़े किताबे , खिलौने इत्यादि सब बाज़ारो में मिल जाते है। खाद्य वस्तुएं जैसे मिठाई , चटपटी वस्तुएं , चॉकलेट से लेकर कोल्ड ड्रिंक इत्यादि चीज़ें बाज़ारो में मौजूद रहती है।

बाज़ारो में अनगिनत दुकाने होते है। वहाँ हम अपने मन पसंद की वस्तुएं खरीद सकते है।  अगर एक दुकान से कोई चीज़ ना पसंद आये तो दूसरे दुकान पर जाकर खरीद सकते है। कपड़े , जूते , गहनों  के बीस तीस दुकाने  रहते है। बाज़ारो में भोजन करने के लिए भी कई छोटे बड़े रेस्टोरेंट उपलब्ध रहते है। बाज़ारो में ऐसी चीज़ें अधिक होती है जो घरेलू महिला के काम में आये।

बाज़ारो में अक्सर व्यापारी आकर अपनी दुकान लगा लेते है। कुछ ही देर में ग्राहक अपनी ज़रूरत के अनुसार दुकान पर चले जाते है और  वस्तुएं खरीदते है । हर दिन ग्राहकों को अपने ज़रूरत के मुताबिक बाजार आना ही पड़ता है।  कई दुकानों पर ग्राहकों को चीज़ो को खरीदने के  लिए तोल मोल करना पड़ता है।

कई बार ग्राहकों को आभास हो जाता है कि दुकानदार जान बुझ कर अधिक दाम बता रहा है।  ऐसे में ग्राहक वस्तुओं का दाम लगाते है। अक्सर घर की महिलाओं को चीज़ो की अच्छी परख होती है।  थोक बाजार भी एक तरीके का अच्छा व्यापार है। इस प्रकार के बाजार में एक तरह की चीज़ अधिक मात्रा में खरीद  सकते  है। इससे ग्राहकों को फायदा होता है और सस्ते दाम में चीज़ें मिल जाती है।ग्राहकों की मांग पर वस्तुओं की कीमतें घटती या बढ़ती है।

अगर ग्राहकों की किसी भी वस्तु को लेकर मांग में वृद्धि हुयी , तो कीमतों में वृद्धि होती है।  जैसे ही बाजार में उसकी  मांग कम हो गयी, कीमतों में गिरावट  आ गयी।  महानगरों में बाजार बहुत विशाल और भव्य होते है। महानगरों में  शॉपिंग मॉल होते है जहां विभिन्न ब्रांड की चीज़ें मिलती है। शॉपिंग मॉल बहुत विशाल होते है और यहां कई सुविधाएं मौजूद होती है।  एक ही जगह में लोग में खरीदारी कर सकते है और फिल्में भी देख सकते है।शॉपिंग मॉल में मशहूर और लोकप्रिय रेस्टोरेंट में मौजूद है जहां लोग अपना मन पसंद भोजन कर सकते है।

शॉपिंग मॉल में कई तरह के विकल्प होते है और यहां के उत्पाद भी बढ़िया होते है।  आजकल लोग इतने व्यस्त हो गए है कि लोगो को शॉपिंग मॉल से खरीदारी करने में सुविधा मिलती है।  यहां आप कोई भी वस्तु का मोल भाव नहीं कर सकते है।  यहां वस्तु पर जो दाम लिखा रहता है ग्राहक वही दाम चुकाना पड़ता  है। मशहूर और नामचीन ब्रांड अपने वस्तुएं शॉपिंग मॉल में बेचती है। भारत में तकरीबन बड़े बड़े शहरों में बड़े बड़े मॉल जहां बाजार से लेकर कई और दिलचस्प सुविधाएं मौजूद है।

निष्कर्ष

बाजार के बिना हमारा जीवन मुश्किल हो जाएगा।  हम सबको बाजार की अहमियत का  अच्छे से पता है। समाज में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति बाजार आता है और जरुरत के अनुसार खरीदारी करता है।किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद बाजार होता है। बाज़ारो की चमक दमक से लोगो का मन प्रफुल्लित हो उठता है।

Leave a Comment