नेशनल गेम हॉकी पर निबंध,
राष्ट्रीय खेल हॉकी हिंदी में
essay on hockey in Hindi.
प्रस्तावना: हॉकी घर के बहार मैदान में खेले जाना वाला गेम है, बहुत ही रोमांचित गेम है। इसमें दो टीम होती है। जिसमे 11-11 खिलाडी होते है। हॉकी भारत का राष्टीय खेल है। और इसे राष्टीय खेल इसलिए कहते है। क्योकि हॉकी में भारत कई सालो तक विश्व विजेता रहा। परन्तु हॉकी को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया गया है। हालांकि इसे अभी भी राष्ट्रीय खेल माना जाता है। हॉकी एक एसा खेल है जिसमें दोनों वर्गों यानि की लड़कियाँ और लड़के खेलते है। इसमें फाइबर से बनी एक लाठी या (स्टिक)कह सकते है। इस स्टिक से खिलाड़ी रबर या प्लास्टिक की गेंद को नेट या गोल में डालने का प्रयास किया जाता है। हॉकी का प्रारम्भ 4,000 वर्ष पूर्व मिस्र में हुआ था। भारत में इसका प्रारम्भ 150, वर्ष पहले हुआ। बर्फ में खेले जाने वाले आईस हॉकी के गेम के कारण इसे मैदान में खेलने वाला गेम कहते है। हॉकी कई प्रकार की होती है।
- फिल्ड हॉकी Field hockey
- बर्फ हॉकी Ice hockey
- रोलर हॉकी Rollar hockey
- स्लेज हॉकी sledge hockey
- गली हॉकी Street hockey
हॉकी खेल की उपलब्धियाँ: एक समय था जब भारत में हॉकी का बहुत नाम था। हमारे देश के प्रसिद्ध खिलाड़ी ध्यानचंद जिन्हे ” हॉकी के जादूगर ” के नाम से जाना जाता है। हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है। इसमें भारत को ओलम्पिक में आठ स्वर्ण पदक (1928 से 1956 तक ), जीते। 1960 ई. में रोम ओलम्पिक में भारत ने रजत पदक तथा 1968 और 1972 में कांस्य पदक प्राप्त किये। किन्तु दुर्भाग्यवश इसके बाद भारत हॉकी में बार – बार पिछड़ता ही रहा। इसके बावजुद धनराज पिल्लै जैसे जुझारू खिलाड़ियों ने अपनी महत्वपूर्ण स्थति बनाये रखी और आज हॉकी हमारे देश का राष्टीय खेल है। हमारे देश ने इस खेल में इतनी उपलब्धियाँ प्राप्त करली की आज हमारे देश में महिला हॉकी खेली जाने लगी है। और जीत भी हॉसिल कर रही है। भारत में सबसे पहले हॉकी क्लब कलकत्ता में (1885-86) में गठन किया गया। भारतीय खिलाड़ियों ने अपने सफल ओलम्पिक की शुरुआत यही से की थीं।
हॉकी खेलने का नियम: हॉकी मेच में 35-35 मिनट के दो हाफ होते है। हर टीम में 11 खिलाड़ी होते है। र 5 अतिरिक्त होते है .ओलम्पिक में 12 टीमें होती है और इसलिए 6-6 का ग्रुप बना दिए जाते है .हर टीम ग्रुप की बाकी टीमों के खिलाड़ी के साथ मैच खेलती है .दोनों ही ग्रुप से शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल में पहुंचती हरुप में पीछे रह गई टीमें आपस में मेलती है .ताकि हर टीम 5 वे ,से 7 वें तक अपना नंबर पा सके .इस तरह सेमीफाइनल से फाइनल में पहुंचती है .और उनमें से एक गोल्ड मेडल जीतती है .
हॉकी खेलने के लिए आवशयक उपकरण:
हॉकी को सुरित रे खेलने के लिए कुछ उपकरणों की आवशयकता होती है .जिनके नाम इस प्रकार है .
हेलमेट, नेक, (गर्दन)गार्ड, कंधे के पैड, घुटनो के पैड, कोहनी के पैड, कप पॉकेट के साथ जेएक्सट्रेप, सुरक्षात्मक कप, हॉकी की छड़ी, हॉकी के लिए बॉल.
ये सभी उपकरण खिलाड़ियों की सुरक्षा और उनकी रक्षा के लिए उपयोहै जिसमे वो पूरी तरह से सुरक्षित रहकर खेल का आनंद उठा सके और कोई भी परेशानी नहीं उठानी पड़े .
हॉकी के प्रकार: हॉकी के अन्य रूप ( जो हॉकी या अपने पुर्ववर्तियो से उत्पन्न हुए है )जैसे एयर हवा में हॉकी ,बीच (,समुद्री तट )हॉकी ,बॉल हॉकी ,बॉक्स हॉकी ,डेक (बंदरगाह )हॉकी ,फ्लोर (जर्मनी ) हॉकी , फुट हॉकी ,जिम हॉकी ,मिनी हॉकी ,रॉक हॉकी ,पोंड हॉकी , पॉवर हॉकी ,रोसेल हॉकी ,स्टेकर हॉकी ,टेबल हॉकी , अण्डर वॉटर हॉकी ,युनीसाईकल हॉकी आदि ,इस प्रकार हॉकी खेल ककई प्रकार है .
हॉकी को खेलने से स्वास्थ पर लाभ: खेल हमारे स्वास्थ के लिए बोहोत ही लाभदायक होता है .और ये आप सब को पता ही है .हॉकी खेल मनोरंजन के साथ ही अनुशासन का पाठ भी हमें सिखाता है .क्यूकी हॉकी हो या कोई भी गेम सभी में कुछ नियम होते है .जिनका पालन करना आवशयक होता है .हॉकी खेलने से खिलाडी के शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है .खेल के मन में आत्मविशवास पैदा होता है .जीवन में संघर्ष की प्रवति भी जाग्रत होती है .इससे साम्प्रदायिक सदभाव भी उतपन्न होता है खिलाडी के जीवन में स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ आत्मा निवास करती है .यह कहावत पुव्रत: हॉकी खेल के साथ चरितार्थ होती है .
भारत में हॉकी का भविष्य: हम सभी जानते है की भारत में हॉकी का स्वर्णकाल भविष्य अब बीत चूका है .अब हॉकी में लोगो की कम रूचि और हॉकी के योग्य खिलाड़ियो की कमी के साथ ही युवाओ को आवशयक सुविधाओं की कमी के कारण ही अब हॉकी का भविष्य इतना उज्जवल नहीं है .परन्तु हॉकी के प्रति लगन को देखते हुए लगता है .की भारत में इस खेल को वापिस लाने के लिए भारत सरकार को अधिक प्रयासों और लगन और समर्थन की आवशयकता है .आने वाली तीन स्त में भारतीय हॉकी और आरट्रेलिया हॉकी के बीच अनुकझौता हुआ है .
निष्कर्ष:
भारत का राष्टीय खेल हॉकी ये केवल कहाँ जाता है .अभी तक इसको आधिकारिक तोर पर घोषणा नहीं की गई है .अब ये हमारी जिम्मेदारी है की हॉकी के स्वर्णयुग को हम वापिस लेकर आये इसेआधिकारिक रूप से राष्टीय खेल की घोषणा करवाए इसके लिए हमे स्कूलों में जिस तरह से अन्य खेलो को महत्व दिया जाता है .उससे अधिक हॉकी पर महत्व दे और हमारे देश के अभिभावक ,अध्यापक,सरकार ,को भी इस पर बढ़ावा देना चाहिए ताकि हमारे देश का खेल हॉकी का स्वर्णयुग हम सब मिल कर वापिस ला सके .