प्रस्तावना
आजकल लोग कई तरह की बीमारियों से पीड़ित होते है लेकिन अच्छे चिकित्सा और देखभाल के कारण ठीक भी हो जाते है। कैंसर सभी बीमारियों में से भयानक और गंभीर बीमारी है। इसकी चिकित्सा लम्बे समय तक चलती है। कैंसर के कई लक्षण होते है। कभी कभी कुछ लक्षणों को लोग इसको मामूली समझकर टाल देते है जिसकी वजह से उसे बाद में पछताना पड़ता है। कैंसर कई प्रकार के होते है। जिस प्रकार का कैंसर और जिस स्टेज पर कैंसर होता है उसके अनुसार डॉक्टर कैंसर मरीज का इलाज़ करते है।कैंसर के लक्षण और कैंसर के प्रकार के अनुसार उसकी चिकित्सा भी अलग अलग होते है। कई तरह के लक्षण कैंसर के चरण के अनुसार मरीज़ो में पाए जाते है। कितने बार व्यक्ति को अपने कैंसर बीमारी का पता नहीं चल पाता है। इसकी वजह है कैंसर बीमारी कोई ख़ास संकेत नहीं देता जिससे उसके पता चले।
थकान , धीरे धीरे वजन का कम होना और त्वचा का वक़्त के साथ परवर्तित होना जैसे लक्षण होते है। अगर ऐसी कोई शंका हो तो बायोप्सी टेस्ट कराना ज़रूरी है। कैंसर का पता चलने पर मरीज़ और उसके परिवार वाले घबरा जाते है। कैंसर की बीमारी का इलाज इतना सरल नहीं होता है। इसमें लाखो का खर्चा होता है और किस तरह का कैंसर है , उस पर निर्भर करता है। साधारण आदमी के लिए कैंसर के उपचार के लिए पैसा जुटा पाना इतना सरल नहीं होता है।
कैंसर कई प्रकार के होते है जैसे त्वचा का कैंसर , स्तन कैंसर , मेलेनोमा , प्रोस्ट्रेट कैंसर , गुर्दा कैंसर , ब्लड कैंसर इत्यादि। कैंसर को ठीक करने के लिए जरुरी प्रक्रियाओं में कीमोथेरेपी , सर्जरी और अनगिनत डॉक्टरों द्वारा दिए गए टेस्ट आते है। इन सभी प्रक्रियाओं का अनुकरण करना ज़रूरी होता है।
कैंसर बीमारी में लगातार खासी और अत्यधिक थकावट महसूस होती है। अगर ऐसे लक्षण दिखे तो डॉक्टर से अवश्य राय लेनी चाहिए। कैंसर से पीड़ित मरीज़ो को इलाज के वक़्त भी कई पीड़ादायक हालातो से गुजरना पड़ता है। अगर बहुत समय तक दस्त , कब्ज़ जैसी दिक्कतें हो या शरीर में कोई परिवर्तन दिखे तो टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए। हमेशा हमे सजग और सतर्क रहना चाहिए। अगर ऐसी समस्याएं नज़र आये तो इसको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
इलाज़ से अधिक अच्छा और बेहतर निवारण होता है। कैंसर को रोकने के कई फायदेमंद उपाय है। हमेशा सनुलित आहार के साथ पानी का सेवन करना भी ज़रूरी है। पानी कैंसर की वजह से बनने वाले तत्वों को कम करती है। ज़्यादा पानी पीने से विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते है। अपने आहार में फल , सब्ज़ी , अनाज इत्यादि का सेवन करना चाहिए। हरी सब्ज़ियां को अपने आहार में अवश्य जगह दे। इसमें मैग्नीशियम जैसे तत्व होते है जो कैंसर की सम्भावना को कम करते है। तम्बाकू और शराब जैसे नशीले पदार्थो के सेवन से बचे। हमेशा भरपेट खाना ना खाये और नियमित व्यायाम करना आवश्यक है। सत्तर प्रतिशत कैंसर खराब जीवन शैली के कारण होता है। अगर व्यक्ति स्वस्थ जीवन शैली जीएगा तो निश्चित रूप से कैंसर जैसे जानलेवा बीमारियों से दूर रहेगा।
कैंसर के चार चरण होते है। इन चारो चरणों से पता चलता है कि मरीज़ को किस प्रकार के इलाज़ की ज़रूरत है। पहले चरण में कैंसर विकसित होने की चेष्टा करता है। दूसरे चरण में कैंसर की सभी कोशिकाएं और अधिक विकसित होती है। तीसरे चरण में ट्यूमर का रूप और आकार दोनों बड़ा होने लगता है। यह शरीर के दूसरे लिम्फ नोड्स में फैलने लगती है। चौथे और आखरी चरण में कैंसर शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल जाती है। रोगी का कैंसर कौन से चरण में है। इसकी जांच बेहद अहम होती है। इससे मरीज के कैंसर के उपचार में मदद मिलती है। कीमोथेरेपी से कैंसर की कोशिकाएं कम हो जाती है।
कैंसर की बीमारी एक गंभीर समस्या में से एक है। पूरे दुनिया में कैंसर के तकरीबन एक करोड़ से ज़्यादा मरीज़ है। कुछ कैंसर लाइलाज भी हो सकते है। सबसे ज़्यादा फेफड़ो और स्तन के कैंसर अधिक होते है। तम्बाकू और लगातार धूम्रपान की वजह से कई लोग कैंसर जैसे भयंकर बीमारी का शिकार होते है।कई जानलेवा बीमारियों में से एक कैंसर है। अगर वक़्त रहते कैंसर जैसी बीमारी का पता चल जाए तो इलाज़ संभव है। अगर देर हो गयी तो मरीज के पास बहुत कम समय रह जाता है। कैंसर से ठीक होने के बाद , यह फिर से उभर सकता है इसलिए कैंसर से पीड़ित मरीज़ को अपने खाने पीने का विशेष ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
कैंसर से लड़ने के लिए सही मार्ग दर्शन की आवश्यकता होती है। मरीज़ का हमेशा हौसला बढ़ाना चाहिए। जिस व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत है , उनमे यह बीमारी कम होती है। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता में कमी है और जो लोग गरीबी से जूझ रहे है , उन्हें कैंसर जैसी बीमारियां होती है। पौष्टिक आहार और नियमित कसरत , स्वस्थ जीवन शैली कैंसर जैसे बीमारी को दूर रखता है।