कबड्डी पर निबंध

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प्रस्तावना: देश का सबसे पुराना और प्रसिद्ध खेल है कबड्डी। देश के कई भागो , विद्यालय और अन्य शिक्षा संस्थानों में कबड्डी का खेल खेला जाता है। यह खेल बाहर खुले मैदान में विद्यार्थी या युवा लोग खेलते है। इस खेल में किसी तरह के चीज़ यानी बल्ला , गेंद , स्टिक इत्यादि की आवश्यकता नहीं होती है। कबड्डी को खेलने के लिए अधिक विशाल मैदान की ज़रूरत नहीं पड़ती है। इस खेल में दो टीम भाग लेती है।

कबड्डी को खुले मैदान में खेला जाता है। कबड्डी के प्रत्येक खिलाड़ी को हर पल चौकन्ना रहना पड़ता है ताकि उन्हें कोई आउट ना कर दे।  हर खिलाड़ी को कबड्डी बोलते हुए दूसरे टीम के सदस्यों के हिस्से में जाना पड़ता है।  खिलाड़ी को अपनी सांस को रोककर कबड्डी , कबड्डी बोलते हुए जाना पड़ता है। वहाँ खिलाड़ी को विरोधी टीम के खिलाड़ियों को छूकर आउट करना होता है। उसके पश्चात खिलाड़ी को फिर अपने टीम के हिस्से में वापस आना पड़ता है।

जब खिलाड़ी विरोधी टीम के खिलाड़ियों को छूकर आउट करना चाहता है , तो विरोधी टीम के खिलाड़ी उन्हें मिलकर पकड़ने की कोशिश करते है ताकि वह कबड्डी बोलना छोड़ दे और  बाउंड्री को छू ना सके और अपने पाले में जा ना सके।  ऐसे में वह खिलाड़ी आउट हो जाता है। कबड्डी में खिलाड़ियों में फुर्ती और स्फूर्ति होनी चाहिए।  इस खेल को बहुत ध्यान से खेलना पड़ता है वरना आउट होने का खतरा रहता है।

जैसे ही विरोधी टीम के खिलाड़ी को छूकर प्रतिद्वंदी अपने कोर्ट में वापस आने की कोशिश करते है।  ऐसे समय में विरोधी टीम के सदस्य उन्हें पकड़ लेते है। कबड्डी में  हमारे देश ने चार एशिया कबड्डी मैच में भाग लिया है और सभी में स्वर्ण पदक जीतकर अपने आपको साबित किया है।

कबड्डी में हर टीम में बारह खिलाड़ी होते है लेकिन सिर्फ सात खिलाड़ी ही खेलते है। ऐसा इसलिए अगर किसी खिलाड़ी को कबड्डी खेलते वक़्त चोट लग जाए तो दूसरे खिलाड़ी उनके जगह पर खेल सके।विद्यालयों में अक्सर कबड्डी मैचेस होते है।  जो खिलाड़ी अच्छा खेलता है , वे स्टेट और राष्ट्रीय स्तर पर खेल सकता है। कबड्डी खेलते समय दो मैदानों के बीच रेखा खींची जाती है।  खेल आरम्भ करने से पूर्व टॉस किया जाता है। जिस  टीम के खिलाड़ी किसी खिलाड़ी को आउट करते है उन्हें एक अंक मिलते है। खिलाड़ियों को हर वक़्त सतर्क रहना पड़ता है। आमतौर पर इस खेल को बीस मिनट के लिए खेला जाता है लेकिन इससे कम या अधिक समय के लिए भी खेला जा सकता है।जहां पड़ कबड्डी खेला जाता है , वहाँ का मैदान मिटटी और घास का होता है।

कबड्डी को खेलने से शरीर में रक्त संचार अच्छा होता है। हमारा स्वास्थ्य अच्छा होता है। यह खेल खेलना इतना सरल नहीं है।  इसमें बहुत अभ्यास और स्फूर्ति की ज़रूरत होती है। इस खेल को लगन और अनुशासन के साथ खेला जाता है।

कबड्डी को हु तू तू के नाम से भी लोग जानते है। प्रत्येक बच्चा अपने बचपन में अपने मित्रो के साथ कबड्डी का खेल अवश्य खेलता है।कबड्डी खेलने से शरीर तंदुरुस्त रहता है।  बच्चे और बड़े इसे खेलना पसंद करते है।  इस खेल में चोट लगने की सम्भावना अधिक होती है। कबड्डी खेलने से  शारीरिक और मानसिक विकास होता है।

आमतौर पर हर शिक्षा संस्थानों में हर वर्ष कबड्डी का मैच राज्य स्तर पर आयोजित किये जाते है। कबड्डी को खेलने के लिए दिमाग तेज़ होना पड़ता है।कबड्डी के खेल को शहरों से अधिक गाँव के लोग  खेलते है।

 इस खेल को खेलने के लिए ज़रूरी नियम है जिसे सभी खिलाड़ियों को पालन करना पड़ता है। इस खेल को खेलने के लिए दस मीटर चौड़े और तकरीबन १३ मीटर लम्बे मैदान की ज़रूरत होती है। जो टीम पहले टॉस जीतता वह सबसे पहले खेलता है। कबड्डी खेलते समय खिलाड़ी कबड्डी कबड्डी का उच्चारण करते है और विरोधी टीम के खिलाड़ियों को छूकर जल्दी वापस आना चाहते है। अगर वह खिलाड़ी कबड्डी बोलना बंद कर दे तो विरोधी टीम पकड़कर उन्हें आउट कर देते है। अगर कोई भी खिलाड़ी कबड्डी मैदान के बाहर चला गया तो उसे आउट माना जाता है।

देश में सबसे पहला कबड्डी विश्वकप  मैच साल २००४ में खेला गया था। उसके पश्चात यह 2007 , 2010 और 2012 वर्षो में खेला गया। कबड्डी का खेल मनोरंजन से भरपूर होता है।  यह खेल सभी को खेलना चाहिए और यह खेल हमे जीवन में मुश्किलों से लड़ना सीखाता है।

निष्कर्ष

कबड्डी का खेल सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि एशियाई देशो में काफी प्रसिद्ध है। बांग्लादेश , नेपाल , जापान इत्यादि एशियाई देशो में खेला जाता है।  कबड्डी का खेल बच्चो के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत अच्छा है। इस खेल का आरम्भ हमारे देश भारत में ही हुआ था।  आज भी खिलाड़ी इस खेल को उत्साह से खेलते है और कई प्रतियोगिताओ में हमारा देश जीत भी हासिल कर चूका है।

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