सच्ची मित्रता पर निबंध

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आज हम अपने लेख के माध्यम से आपको सच्ची मित्रता विषय पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। यह निबंध आपके विद्यालय स्तर पर होने वाली परीक्षाओं में भी विशेष रूप से सहायता प्रदान करेगा। इसके साथ ही आपको इस निबंध के जरिए सच्ची मित्रता के विषय में रोचक जानकारी भी अवश्य प्राप्त होगी…

आइए जानते हैं सच्ची मित्रता विषय पर निबंध…

प्रस्तावना

हर किसी व्यक्ति के जीवन में कई सारे मित्र होते हैं, किसी का एक मित्र होता था, तो किसी के एक से अधिक मित्र होते हैं। मित्रता एक ऐसा रिश्ता है जिसमें दो लोग निस्वार्थ भाव से एक दूसरे की मदद करते हैं। जीवन में मित्र का होना बेहद जरूरी होता है। मित्रता हमें जीवन के कई पड़ाव पर लाभ भी प्रदान करता है और इसके साथ ही जीवन के कई पड़ाव पर हमें सीख भी प्रदान करता है।

सच्ची मित्रता के लाभ

एक सच्चा मित्र हमारे जीवन में खुले आसमान की तरह होता है। हम अपने सच्चे मित्र से अपने जीवन की हर परेशानी को साझा कर सकते हैं।सच्चे मित्र के साथ दुख सुख बांटकर हम अपने जीवन के आनंद को दोगुना कर देते हैं और अपने दुखों को कम कर लेते हैं। सच्चे मित्र आपके जीवन की हर दुख दर्द में सहायता प्रदान करते हैं। आपकी सफलता से खुश होने वाले तथा आपको उन्नति के मार्ग की ओर अग्रसर करने वाले सच्चे मित्र आपके जीवन में बेहद खूबसूरत पल लेकर आते हैं।

सच्ची मित्रता की पहचान

  1. जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है।
  2. आपकी सफलता के रास्ते में आने वाले हर एक मुश्किल समय में जो व्यक्ति आपका हमेशा साथ देता है, वही आपका सच्चा मित्र कहलाता है।
  3. वह मित्र जो आपके जीवन के प्रत्येक कार्य में हाथ बताता है वह आपका सच्चा मित्र कहलाता है।
  4. वह मित्र जो आपको किसी भी क्षेत्र में अकेला नहीं छोड़ता और आपसे दूर रहकर भी आपकी भावनाओं को समझते हुए आपका साथ देता है, वह आपका सच्चा मित्र कहलाता है।
  5. वह मित्र जिससे आप अपने दिल की हर एक बात को शेयर कर सकते हैं वह आपका सच्चा मित्र कहलाता है।
  6. वह मित्र जिस पर आप पूर्ण विश्वास कर सके और जिसके ऊपर आपका आत्मविश्वास हमेशा बना रहता है वह आपका सच्चा मित्र कहलाता है।

मित्रता करना एक कला है

विज्ञान के अनुसार मित्र बनाना भी एक प्रकार की कला है। जब दो मित्र एक दूसरे के प्रति सहानुभूति दिखाते हैं और दयालुता से निस्वार्थ भाव से एक दूसरे के प्रति समर्पण की भावना रखते हैं तो उनकी मित्रता लंबे समय तक चलती है। साधारण शब्दों में, मित्रता का भावार्थ सेवा करना कहा जा सकता है।

एक सच्चा मित्र बनना तथा सच्चा मित्र की पहचान करना बेहद मुश्किल होता है। जो मित्र एक दूसरे पर गहन विश्वास करते हैं तथा प्रेम करते हैं वह मित्रता सच्ची मित्रता कहलाती है। जिस मित्रता में किसी प्रकार का स्वार्थ छिपा है मित्रता ना ही लंबे समय तक चलती है और ना ही उस मित्रता में प्रेम का भाव नजर आता है।

निष्कर्ष

दोस्तों, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में वास्तव में एक सच्चा मित्र बनाना बेहद मुश्किल है। वास्तव में आज मुश्किल है ऐसा मित्र बनाना जो कि आपकी परिस्थितियों को समझे, आपकी भावनाओं की कद्र करें तथा आपके हर संकट के समय में आपका साथ दे। लेकिन एक सच्चा मित्र तभी बन सकता है जब आप में भी एक सच्चे मित्र की खूबियां मौजूद होंगी। इसलिए एक सच्चे मित्र की काबिलियत को रखते हुए आप अपने लिए एक सच्चा मित्र अवश्य ढूंढ सकते हैं।

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