पौधारोपण एक आवश्यकता निबंध

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दोस्तों, हमें बचपन से ही यह सिखाया जाता है कि हमें पेड़ों को नहीं काटना चाहिए, ज्यादा से ज्यादा पेड़ों को लगाना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए। लेकिन ऐसा क्यों है? पेड़ों को लगाने की आवश्यकता क्यों है? आज इन्हीं सवालों के जवाब आपको हमारे निबंध के माध्यम से मिलने वाले हैं। हमारे निबंध का विषय है, “पौधारोपण एक आवश्यकता निबंध”।

तो चलिए जानते हैं, “पौधारोपण एक आवश्यकता” विषय पर निबंध….

प्रस्तावना

पौधारोपण की आवश्यता हमारी धरती पर आदिकाल से रही है। हमारे समाज में बड़े बड़े ऋषियों, मुनियों के आश्रम, गुरुकुल इत्यादि में लगने वाले वृक्ष पौधारोपण के माध्यम से ही फलते फूलते थे। महाकवि कालिदास ने ‘अभिज्ञान-शाकुन्तलम्’ के अन्तर्गत महर्षि कण्व के शिष्यों के द्वारा वृक्षारोपण किए जाने का उल्लेख किया गया है। शकुन्तला की विदाई के समय वृक्ष के पत्तो के गिरने और उनमें नए नए फूलों के आने का उल्लेख महाकवि ने शकुन्तला से सम्बन्धित करते हुए महर्षि कण्व के द्वारा वृक्षारोपण के महत्व की ओर संकेत किया गया है। इस प्रकार से हम देखते हैं कि वृक्षारोपण की आवश्यकता प्राचीन काल से ही समझी जाती रही है। इसी के चलते आज भी इसकी आवश्यकता ज्यों की त्यों बनी हुई है।

पौधारोपण से बढ़ता है जीवन

पेड़ पौधे हमारे जीवन को स्वच्छ तथा सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। पेड़ पौधे के माध्यम से ही हमारा पर्यावरण साफ व स्वच्छ दिखाई देता है। इतना ही नहीं पौधों के माध्यम से हमे कई आयुर्वेदिक औषधियां प्राप्त होती है। जिनका प्रयोग आप अपने इस्तेमाल के लिए कर सकते हैं। पौधारोपण पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन में सहायक साबित होता है।

पौधारोपण की आवश्यकता

भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है। विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। पीपल, विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल कृष्ण का माना जाता है। इसके अलावा अनेक पौधे ऐसे हैं, जो पूजा-पाठ में काम आते हैं, जिनमें महुआ और सेमल आदि शामिल हैं।

धरती पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी के लिए पौधारोपण आवश्यक है। किसानों हो या कोई सामान्य व्यक्ति हर किसी को स्वच्छ पर्यावरण की जरूरत है और यह जरूरत केवल पौधारोपण के माध्यम से ही पूरी होती है।

वर्तमान समाज में पौधारोपण

वर्तमान समाज में पौधारोपण की आवश्यकता को लोग भूलते जा रहे हैं। अपने कच्ची जमीनों को हासिल करने के लिए लोग पौधों को पेड़ बनने से पहले ही काट देते हैं और कहीं-कहीं तो हरे भरे खिलते पेड़ों को भी काट दिया जाता है। वर्तमान समाज में लोग अपने स्वार्थ में इतना लिप्त हो चुके हैं कि पौधारोपण की आवश्यकता को महत्व नहीं देते।

परंतु वास्तविकता यही है कि यदि आप अपना जीवन स्वच्छ व सुरक्षित चाहते हैं तो पौधारोपण जरूर करें। विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले पौधे हमारे जीवन के लिए बेहद आवश्यक है। पशुओं के लिए चारा और खेती के औज़ारों के लिए अच्छी लकड़ी भी मिल सके, इसलिए भी पौधे लगाने चाहिए।

बबूल, शीशम, नीम, रोहिड़ा, ढाक, बांस, महुआ, जामुन, कटहल, इमली, शहतूत, अर्जुन, खेजड़ी, अशोक, पोपलर, सागौन और देसी फलों आदि के वृक्ष लगाए जा सकते हैं।

उपसंहार

बेशक पौधे लगाना नेक काम है। लेकिन सिर्फ़ पौधा लगाना ही काफ़ी नहीं है। पौधे की समुचित देखभाल भी की जानी चाहिए, ताकि वे वृक्ष बन सकें। इतना ही नहीं स्वयं पौधे लगाने के साथ-साथ हमें अन्य लोगों को भी पौधारोपण के लिए जागरूक करना चाहिए।

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