प्रस्तावना
हमारे देश में भारतीय सशस्त्र बलों, अधिकारियों और नागरिकों को उनकी निरंतर बहादुरी और बलिदान को सम्मानित करने के लिए वीरता पुरस्कार दिया जाता है। सशस्त्र बलों के नागरिक अंतिम सांस तक हमारे देश की खातिर निस्वार्थ भाव से काम करते हैं। सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र और महावीर चक्र को स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार द्वारा पेश किया गया था। वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र को बाद में वीरता पुरस्कारों की सूची में जोड़ा गया। हमारे देश को दुश्मनों से बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को इन सभी वीरता वार्डों द्वारा सम्मानित किया जाता है।
वीरता पुरस्कार का आशय
वीरता पुरस्कार एक ऐसा पुरस्कार है, जो भारत की थल सेना, नौसेना और वायुसेना या प्रादेशिक सेना के किसी कानूनी रूप से गठित सशस्त्र बलों के अधिकारियों को उनकी वीरता के लिए दिया जाता है। भारत के सर्वोच्च युद्ध कालीन वीरता पुरस्कार तीन हैं – परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र। इसके अतिरिक्त सर्वोच्च शांति कालीन वीरता पुरस्कार भी तीन – अशोक चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र होते हैं।
भारत में वीरता पुरस्कार का इतिहास
भारत में स्वतंत्रता के बाद 26 जनवरी 1950 को तीन वीरता पुरस्कार स्थापित किए गए थे, जिनमें से परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र 15 अगस्त 1947 से प्रभावी माने गए। इसके पश्चात सन 1952 में अन्य तीन पुरस्कारों पहला अशोक चक्र वर्ग 1, अशोक चक्र वर्ग 2, और अशोक चक्र वर्ग 3 स्थापित किए गए। पुरस्कारों का नाम जनवरी 1967 में बदलकर, क्रमशः अशोक चक्र और कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया।
वीरता पुरस्कार विजेता कप्तान विक्रम बत्रा
हर साल हमारे देश की खातिर अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर वीरता पुरस्कारों के माध्यम से सम्मान मिलता है। जब भी हम परमवीर चक्र जीतने वाले सैनिकों के बहादुर दिलों की बात करते हैं तो मेरे दिमाग में सबसे पहले कैप्टन विक्रम बत्रा का नाम आता है। तत्कालीन राष्ट्र की रक्षा के लिए कारगिल युद्ध में निडर होकर लड़ते हुए उन्होंने अपनी जान गंवा दी। उन्होंने अपने साहस और नेतृत्व कौशल से लड़कर कारगिल युद्ध में जीत हासिल की। वह भारत के 52वें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाए जाने वाले वर्ष 1999 के परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता हैं। उन्होंने हमें भारतीय सशस्त्र बलों में एक सैनिक के रूप में एक सम्मानजनक जीवन जीने के वैध और शक्तिशाली कारण दिखाए हैं।
वीरता पुरस्कार विजेता विक्रम बत्रा से प्रेरणा
विक्रम बत्रा की जीवन यात्रा और सकारात्मक दृष्टिकोण का अनुसरण करने के बाद एक महान सैनिक बनने और हमारे देश की सेवा करने की इच्छा जाग्रत होती है। सैनिकों की अनुशासित और सुव्यवस्थित जीवन शैली ने लोगों इतना प्रेरित किया है कि लोगों ने इसे अपने जीवन में भी उतारा है। सभी सैनिकों को सीमा से जुड़ी कठिनाइयों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है कि वे अपने कर्तव्य को आदर्श रूप से करने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हो जाते हैं। कैप्टन विक्रम बत्रा ने हमेशा सभी परिस्थितियों में पूरी गरिमा के साथ जीवन जिया था जो मेरी प्रेरणा को प्रबल बनाता है।
निष्कर्ष
सैनिकों के जीवन को चुनने वाले व्यक्ति गरिमा, सम्मान, बलिदान और अपरिहार्य कर्तव्य के जीवन के लिए जाने जाते हैं। देश का एक आदर्श सैनिक बनने के लिए आगे बढ़ते समय इन कारणों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।