योग पर निबंध – Hindi Essay on Yoga

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योग पर निबंध – Hindi Essay on YOGA

योग हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी है। अगर हमे स्वस्थ रहना और अपनी इम्यूनिटी बढ़ानी है, तो हमे रोज़ाना योग करना चाहिए। ऐसा करने से हमारा शरीर रोगों से कोसो दूर रहता है। चलिए आज हम इस लेख के जरिए योग पर निबंध लिखेंगे

क्या है योग? योग का अर्थ एकता या बांधना कह सकते है। व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। विज्ञान के अनुसार, योग जीने का सही ढंग है। इस हम हमने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते है। योग हमारे भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक जीवन से जुड़ा हुआ।

योग का महत्व : योग हमें स्वास्थ होने साथ-साथ सकारात्मक सोच भी प्रदान करता है। योग से हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। योग से हमें एक सुखी तथा सरल जीवन जीने का अवसर मिलता है। योग से मनोरंजन भी किया जा सकता है तथा भटकते मन को शांति भी प्रदान की जा सकती है। योग हमारे जीवन की सभी बधांओ को दूर करने में सहयोग करता है। योग से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है, इसलिए योग को अपने जीवन में उतारे तथा सभी को नियमित योग के लिए प्रेरित करें। योग करने से हमारा मन संतुष्ट रहता है। सबसे पहले योग दिवस 21 जून 2015 को अंतर्राष्ट्री स्तर पर मनाया गया था। इस दिन करोड़ों लोगों एक साथ योग करके विश्व रिकॉर्ड मनाया था।

योग करने से फायदे : नियमित रूप से योग करने से शरीर, मन और दिमाग शांत रहता है। योग करने से आप सभी चीजों में संतुलन बनाने में कारगर हो सकते हैं। मन को शांत रखने के लिए योग से बढ़कर कुछ नहीं है।
योग करने से बीमारियां खुद-व-खुद दूर रहती है। योग करने वाला व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहता है। योग गंभीर से गंभीर बीमारियों से हमारा बचाव करने में मददगार होता है।

योग से व्यक्ति ऊर्जावान और तरोताजा रहता है। योग करने वाला व्यक्ति शारीरिक रूप से सक्रिय रहता है, वह तनावमुक्त रहता है और हमेशा खुश नजर आता है। योग व्यक्ति को प्रकृति के पास ले जाता है।
योग करने से शरीर को लचीला बनता है। योग पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे सभी अंग सुचारू रूप से काम करते हैं।
योग करने से व्यक्ति फिट रहता है। योग करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे नींद अच्छी आती है और तनाव भी कम होता है। अगर आप इसका नियमित अभ्यास करते हैं, तो इससे धीरे-धीरे आपका तनाव दूर हो सकता है।

योग के प्रकार: योग के मुख्य चार प्रकार होते हैं।

  1. राज योग- राज योग यानी राजसी योग… इसमें ध्यान महत्वपूर्ण है। इसके आठ अंग हैं। इनमें यम (शपथ), नियम (आचरण-अनुशासन), आसन (मुद्राएं), प्राणायाम (श्वास नियंत्रण), प्रत्याहार (इंद्रियों का नियंत्रण), धारण (एकाग्रता), ध्यान (मेडिटेशन) और समाधि (परमानंद या अंतिम मुक्ति)।
  2. कर्म योग- हर कोई इस योग को करता है। कर्म योग ही सेवा का मार्ग है। कर्म योग का सिद्धांत है कि जो आज अनुभव करते हैं वह हमारे कार्यों से भूतकाल में बदलता जाता है। जागरूक होने से हम वर्तमान से अच्छा भविष्य बना सकते हैं। स्वार्थ और नकारात्मकता से दूर होते हैं।
  3. भक्ति योग- भक्ति का मार्ग से सभी की स्वीकार्यता और सहिष्णुता पैदा होता है। इसमें भक्ति के मार्ग का वर्णन है। सभी के लिए सृष्टि में परमात्मा को देखकर, भक्ति योग भावनाओं को नियंत्रित करने का एक सकारात्मक तरीका है।
  4. ज्ञान योग- अगर भक्ति को मन का योग मानें तो ज्ञान योग बुद्धि का योग है। इसमें ग्रंथों और ग्रंथों के अध्ययन के माध्यम से बुद्धि के विकास की आवश्यकता होती है। ज्ञान योग को सबसे कठिन माना जाता है और साथ ही साथ सबसे प्रत्यक्ष होता है।

योग के नियम: योग हमेशा सुबह और खाली पेट ही करना चाहिए। अगर आप दिन या फिर शाम के समय योगाभ्यास कर रहे हैं, तो उससे 3 घंटे पहले तक कुछ ना खाएं। योगासनों का अभ्यास हमेशा मोटे कपड़े या फिर योगा मैट पर ही करना चाहिए।

योगाभ्यास की शुरुआत करने से पहले आपको शौच आदि से निवृत हो जाना चाहिए, क्योंकि इससे आपको शारीरिक शांति मिलती है और पेट पर कोई हानिकारक दबाव भी नहीं पड़ता। इसके साथ ही आपको अपने नाक और गले को भी साफ कर लेना चाहिए।

हर योगासन के बीच में कम से कम 10 से 30 सेकेंड का आराम जरूर लेना चाहिए। योगासनों को हमेशा खुली हवा और शांत जगह पर करना चाहिए।

योगा के बाद आपको शॉवर लेना चाहिए. क्योंकि, जमीन पर बैठने-लेटने से आपका शरीर गंदा हो सकता है और पसीने के कारण कीटाणु भी आ जाते हैं, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि योगासन करने के 20 मिनट पहले या बाद तक नहाना नहीं चाहिए।

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